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चिथाड़ना
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चिर
विद्याइना-(स० क्रि०) 1 फाड़ना, चिथड़ा करना 2 धज्जियाँ नाखूनों के नीचे तथा आस-पास का मांस गलने लगता है उड़ाना 3 ज़लील करना, लथेड़ना
चिप्पख-(वि०) 1चिपका हुआ, दबा हुआ 2 अत्यंत चिदाकाश-सं० (पु०) आकाश के समान निर्लिप्त, ब्रह्म । दुबला-पतला 3 चिपटा चिदात्मा, चिदानंद-सं० आनन्द और चैतन्य स्वरूप, ब्रह्म । चिप्पड़-(पु०) लकड़ी की छाल आदि का टुकड़ा चिठ्ठलास-स० (पु०) ब्रह्म की माया
चिप्पी-I (स्त्री०) धातु आदि का छोटा चिप्पड़ II बो० चिनक-(स्त्री०) 1 चुनचुनाहट 2 हल्की जलन एवं पीड़ा । (स्त्री०) = चिपड़ी चिनगारी, चिनगी-(स्त्री०) अग्निकण, स्फुलिंग। -छोड़ना | चिबुक-(पु०) ठोड़ी झगड़ा लगानेवाली बात कहना; ~डालना 1 आग लगाना चिमटना-(अ० क्रि०) 1 सट जाना (जैसे-गड़ में च्यूटों का 2 झगड़ा लगाना
चिमटना) 2 मतलब के लिए बराबर साथ लगे रहना चिनाना-(स० क्रि०) = चुनवाना
(जैसे-ठेकेदारों का अधिकारियों से चिमटना) 3 पिंड न छोड़ना चिनिया-I (वि.) 1 चीन देश में होनेवाला 2 चीन दश का (जैसे-भिखारी का यात्री से चिमटना) II (वि०) 1 चीनी का बना हुआ 2 चीनी के रंग का 3 चीनी | चिमटा-(पु०) धातु का बना दो फलवाला एक लंबा उपकरण के स्वाद जैसा
चिमटाना-(स० क्रि०) 1चिमटने में दूसरे को प्रवृत्त करना चिनौती-(स्त्री०) = चुनौती
2 आलिंगन करना, गले लगाना चिन्मय-I सं० (पु०) पूर्ण तथा विशुद्ध ज्ञानमय II (पु०) चिमटी-(स्त्री०) चिमटे के आकार का छोटा उपकरण परमात्मा, परमेश्वर
चिमड़ा-(वि०) = चीमड़ चिन्ह-(पु०) = दे० चिह्न (शुद्ध रूप)
चिमनी-अं० (स्त्री०) 1 इंजनों, भवनों में लगी गोलाकार नली चिन्हन-(पु०) दे० चिह्नन (शुद्ध रूप)
जिसमें से धुआँ निकलता है (जैसे-बिजलीघर की चिमनी) चिन्हांकन-(पु०) = दे० चिह्नांकन (शुद्ध रूप)
2 लेंपों आदि की शीशे की गोलाकार नली चिन्हाना-(स० क्रि०) 1 पहचान करना, परिचय कराना चिरंजीव-I सं० (वि०) बहुत समय तक जीवित रहनेवाला, 2 पहचानने में प्रवृत्त करना
दीर्घजीवी, दीर्घायुवाला II (अ०) आशीर्वादात्मक विशेषण चिन्हानी-(स्त्री०) 1 निशानी 2 पहचान 3 रेखा आदि का | जिसका अर्थ है दीर्घायु हो निशान
चिरंजीवी-सं० (वि०) चिरजीवी चिन्हार-(वि०) 1 जान पहचानवाला, परिचित 2 जिसे कोई चिरंटी-सं० (स्त्री०) 1 पिता के घर रहनेवाली सयानी लड़की जानता हो
__2 युवती चिपक-(स्त्री०) चिपकने की स्थिति
चिरंतन-सं० (वि.) बहत दिनों से चला आता रहनेवाला, चिपकना-(अ० क्रि०) 1 सटना, जुड़ना (जैसे-काग़ज़ पुरातन। "ता (स्त्री०) पुरातनता, पुरानापन चिपकना) 2 लिपटना (जैसे-नायिका-नायक के गले से चिर-1 सं० (वि०) 1 दीर्घकालीन 2 जो बहुत दिनों तक बना चिपक गई) 3 सटकर बैठना (जैसे-चिपकने की ज़रूरत नहीं | रहे, दीर्घकालव्यापी 3 दीर्घ, बहुत || (पु०) देर विलंब है) 4 प्रगाढ़ प्रेम होना।
III (क्रि० वि०) बहुत दिनों तक। (पु०) तीन मात्राओं का चिपकाना-(स० क्रि०) 1 जोड़ना (जैसे-इस चित्र को कापी में वह गण जिसका पहला वर्ण लघु हो; ऋणी (पु०/वि०) चिपका दो) 2 लिपटाना, आलिंगन करना 3 काम में लगाना जो सदा के लिए ऋण ग्रस्त हो (व्यक्ति): कार, ~कारी (जैसे-इसे भी रोज़गार में चिपकाए रहो)
(वि०) देर लगानेवाला, दीर्घ सूत्री; काल (पु०) बहुत चिपकाव-(पु०) जोड़
समय, दीर्घकाल; ~कालिक, कालीन (वि०) 1 बहुत चिपचिपा-(वि०) चिपकनेवाला, लसदार (जैसे-चिपचिपा | दिनों से चला आता हुआ, पुराना 2 बहुत दिनों तक बना
रहनेवाला; ~कुमार (वि०) विवाह न करनेवाला; कृतज्ञ चिपचिपाना-I (अ० क्रि०) लसीली वस्तु का चिपचिप शब्द (वि०) हमेशा आभार माननेवाला; क्रिय (वि०) काम में करना (जैसे-गुड़ की चाशनी का चिपचिपाना) II (स० देर करनेवाला; क्रिय-ता (स्त्री०) दीर्घसूत्रता; जीवक क्रि०) पदार्थ को चिपचिपा बनाना
(वि०) बहुत दिनों तक जीवित रहनेवाला, चिरजीवी; चिपचिपाहट-(स्त्री०) लसीलापन, लसी
जीवन (पु०) अमर जीवनः जीवी (वि०) चिपटना-(अ० क्रि०) 1चिपकना, सटना 2 दे० चिमटना = चिरजीवक; तिक्त (पु०) चिता; तुषार रेखा 3 आलिंगन में लेना
(स्त्री०) जिसपर सदैव बर्फ जमी रहे, नवीन (वि०) जो चिपटा-(वि०) उभरा हुआ न हो, पैंसा हुआ (जैसे-उसकी कभी पुराना न हो, हमेशा नया रहनेवाला; ~निद्रा (स्त्री०) नाक चिपटी है)
मृत्युः परिचित (वि०) जो बहुत दिनों से चिपटाना-(स० क्रि०) 1 चिपकाना, सटाना 2 आलिंगन जान-पहचानवाला हो; ~पोषित (वि०) जिसे बहुत दिनों करना, लिपटाना
तक पाला-पोसा गया हो; ~प्रतीक्षित (वि०) जिसकी बहुत चिपटापन-(पु०) चिपटे होने का भाव
दिनों से प्रतीक्षा की जा रही हो; ~प्रसिद्ध (वि०) जो बहुत चिपड़ा-I (वि०)जिसकी आँख में कीचड़ हो II उपला, गोइठ, दिनों से मशहूर हो; ~मान्य (वि०) जो बह- दिनों से सम्मान चिपड़ी-(स्त्री०) छोटा उपला, गोंइठी
पाता रहा हो; रोगी (वि०) सर जाहनेवाला 2 जो चिटप-सं० (पु०) चि० एक तरह का नख रोग जिसमें
बहुत दिनों से बीमार हो; ~यांछित (वि०) बहुत दिनों से