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चिरई
चाहा हुआ; वियोग (पु० ) दीर्घ काल की जुदाई - विस्मृत (वि०) बहुत दिनों से भूला हुआ; ~वियोग (पु० ) दीर्घ काल की जुदाई ~ विस्मृत (वि०) बहुत दिनों से भूला हुआ; ~ शत्रु ( पु० ) 1 सदा का दुश्मन 2 पुराना दुश्मन; शांति (स्त्री०) मृत्यु ~संगी I ( वि०) सदा साथ रहनेवाला II (पु० ) पुराना साथी सखा (पु० ) पुराना दोस्त; ~ सम्मानित (वि०) = चिर मान्य; ~स्थ, स्थायी (वि०) देर तक रहनेवाला, टिकाऊ; ~ स्नेह (पु०) सदा के लिए प्यार, स्थायी प्रेम; ~स्मरणीय (वि०) जिसे बहुत दिनों तक याद रखा जा सके; स्वप्न (पु०) देर का सपना चिरई -बो० (स्त्री० ) चिड़िया चिरक ढाँस - (स्त्री०) हमेशा किसी न किसी रोग का बना रहना चिरकना - (अ० क्रि०) बहुत कष्ट से थोड़ा-थोड़ा मल त्यागना चिरकीन - फ़ा० (वि०) 1 थोड़ा-थोड़ा मल त्याग करनेवाला 2 अत्यंत मैला
चिरकुट - (गु० ) चिथड़ा
चिरना-I (अ० क्रि०) 1 कट जाना 2 फटना II (पु०) चीरने का औजार
चिरबती - (वि०) चिथड़े-चिथड़े किया हुआ चिरवाई - I (स्त्री०) 1 चीरने का काम 2 चीरने की मज़दूरी II वर्षा होने पर पहली जोताई
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चिरवाना - (स० क्रि०) चीरने के काम में दूसरे को लगाना चिरौंदा - (वि० ) = चिड़चिड़ा चिराइता - ( पु० ) चिरायता चिराई - (स्त्री०) 1 चीरने का काम 2 चीरने की मज़दूरी चिराग़ - फ़ा० (पु० ) दीपक, दीआ । गुल (पु०) 1 युद्ध आदि के समय रोशनी का घर से बाहर न आने देना 2 बत्तियाँ न जलाने से उत्पन्न स्थिति, ब्लैक आऊट; ~दान (पु०) वह आधार जिसपर दीआ रखा जाए, दीयट, शमादान का हँसना चिराग़ से फूल झड़ना, चिनगारियाँ झड़ना; गुल करना दीआ बुझाना; गुल होना दीआ बुझना; ठंडा करना = चिराग़ गुल करना; ~तले अँधेरा 1 रखवाले के सामने चोरी 2 ज्ञानी के घर में घोर मूर्खता का आचरण होना; ~ दिखाना रोशनी करना; बढ़ाना दीआ बुझाना; खत्ती का वक़्त दीया जलाने का समय; ~से~ जलता है एक के गुण से दूसरे को लाभ होता है; ~से फूल झड़ना जलती बत्ती से चिनगारियाँ निकलना
चिराग़ी - फ़ा० (स्त्री०) 1 दीआ बत्ती का खर्च 2 पवित्र स्थान
पर दीआ - बत्ती के निर्वाह हेतु दी गई भेंट 3 जुए के अड्डे पर दिया जलानेवाले को दिया जानेवाला पैसा चिराना - I (स० क्रि०) चीरने का काम किसी अन्य से कराना,
फड़वाना
चिराना - II ( वि०) 1 पुराना, प्राचीन 2 जीर्ण-शीर्ण चिरायध - (स्त्री०) 1 चमड़े, चरबी, बाल आदि के जलने से फैलनेवाली दुर्गंध 2 फैलनेवाली बदनामी
चिरायता - ( पु० ) कड़वे स्वादवाला एक छोटा पौधा जो दवा के काम आता है।
चिरायु-सं० (वि०) लंबी उम्रवाला, दीर्घायु चिराव- (पु० ) 1 चीरने की क्रिया 2 चीरने से होनेवाला जख़्म,
घाव
चिहुँकना
चिरु-सं० (पु० ) कंधे एवं बाँह का जोड़, मोढ़ा चिरौंटा - ( पु० ) चिड़िया का बच्चा चिरौरी - ( स्त्री०) प्रार्थना, विनती
चिलक - (स्त्री०) 1 क्षणिक कांति या चमक 2 क्षणिक पीड़ा या टीस
चिलकना - (अ० क्रि०) 1 रह-रहकर दर्द होना, पीड़ा होना 2 रह-रहकर चमकना
चिलका - बो० (पु०) नवजात शिशु चिलकाना-(स० क्रि०) 1 चिलकने में प्रवृत्त करना
2 चमकाना
चिलगोज़ा - फ़ा० (पु० ) चीड़ का फल जिसकी गिरी खाई जाती है
चिलचिल - I (पु० ) अबरक, अभ्रक II (वि०) चमकीला चिलचिलाना - [ ( अ० क्रि०) चिलकना, चमकना II (स० क्रि०) = चमकाना
चिलड़ा - ( पु० ) बेसन आदि की बनी पूरी चिलता - फ़ा० (पु० ) कवच, बख़्तर चिलबिला, चिलबिल्ला - (वि०) चंचल, चपल, नटखट चिलम - फ़ा० (स्त्री० ) . कटोरी के आकार का नलीदार मिट्टी का बना पात्र (जैसे-हुक्के की चिलम में आग भर दो) । ~चट + हिं० (पु०) तंबाकू पीनेवाला; ~बरदार (पु०) तंबाकू पिलानेवाला नौकर चिलमची-तु० (स्त्री०) 1 थाल के किनारे का आकार जैसा पात्र जिसके बीच का भाग देगची जैसा होता है जिसमें कुल्ली आदि करते हैं 2 चिलम रखनेवाला हुक्के का भांग चिलमन - फ़ा० (स्त्री०) बाँस की तिलियों आदि का बना पर्दा, चिक़
चिलमिलिका- (स्त्री०) 1 जुगनू, खद्योत 2 विद्युत, बिजली चिल्लड़ - (पु० ) चीलर चिल्ल-पों - (स्त्री०) 1 चिल्लाहट 2 शोर गुल (जैसे-घर में हमेशा चिल्ल-पोँ मची रहती है) चिल्लर - (पु०) रेजगारी, खुदरा चिल्लवाँस - (पु० ) रोग आदि के समय बच्चों का चिल्लाना
चिल्लवाना - (स० क्रि०) चिल्लाने में प्रवृत्त करना चिल्ला - I फ़ा० (पु० ) 1 चालीस दिनों का काल 2 चालीस दिनों का व्रत, अनुष्ठान 3 प्रसूता के चालीसवें दिन का स्नान II (पु०) 1 धनुष की डोरी, प्रत्यंचा 2 पगड़ी का पल्ला 3 चीला
चिल्लाना - (अ० क्रि०) 1 शोर मचाना, हल्ला करना (जैसे -गली में कुत्ते चिल्ला रहे थे ) 2 ज़ोर से कहना (जैसे- नेता चिल्ला-चिल्लाकर भाषण दे रहे थे) 3 बार - बार कहना (जैसे- भिखारी गली में बैठा राम-राम चिल्लाता है) चिल्लाहट - ( स्त्री० ) 1 शोर गुल, हो हल्ला 2 चिल्लाने की क्रिया
चिल्ली -सं० (स्त्री०) 1 झिल्ली नाम का कीड़ा, लोध 2 बिजली
चिविट -सं० (पु०) चिड़वा चिवुक - सं० (पु० ) चिबुक, ठुड्डी, ठोढ़ी चिहुँकना-बो० (अ० क्रि०) चौंकना