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चश्मक
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चाँद
एवं अनुचित बात को देखते हुए भी टालना, दुर्गुणों की उपेक्षा | चही-चहा-(पु०) परस्पर देखने की क्रिया करना
चहेटना-(स० क्रि०) 1 खदेड़ना, भगाना 2 दबाकर रस चश्मक-फ़ा० (स्त्री०) 1 आँख का इशारा 2 ऐनक, चश्मा । निकालना चश्मा-फ़ा० (स्त्री०) 1 आँखों पर लगाया जानेवाला शीशा चहेता-(वि०) जिसे कोई बहुत अधिक चाहता हो, अत्यधिक
लगा हुआ कमानीदार धातु आदि का ढाँचा, ऐनक (जैसे-अब प्रिय, अति प्यारा (जैसे-अपने चहेते से पूछकर मेरे घर आना) बिना चश्मा के दिखाई नहीं देता)। नशीं (वि०) चश्मा | चहोड़ना, चोरना-(स० क्रि०) 1 रोपना 2 सँभालना लगानेवाला
चॉइयों-(पु०) 1 उचक्का 2 चालाक एवं धूर्त चषक-सं० (पु०) प्याला, सुरापात्र
चौक-(पु०) 1 चिह्न खुदे हुए काठ की थापी 2 अन्न की राशि चसक-(स्त्री०) हल्का दर्द, कसक
को गोंठने का चिह्न 3 टोटके हेतु पीडित स्थान के चारों ओर चसकना-(अ० क्रि०) टीस उठना, कसक होना
खींचा जानेवाला घेरा, गोंठ चसका-(पु०), चसकी-(स्त्री०) = चस्का
चाँकना-(स० क्रि०) 1 गोंठना 2 अन्न की राशि को गोबर चसना-I (अ० क्रि०) प्राण त्यागना, मर जाना II चिपकना, आदि से गोंठना 3 निशान लगाना सटना
चाँका-(पु०) 1 = चाँक 2 = चक्का चस्का-(पु०) 1 एक बार सुख प्राप्त होने के फलस्वरूप चाँगला-I (वि०) 1 अच्छा, बढ़िया 2 स्वस्थ, तंदुरुस्त बार-बार वैसा ही सुख प्राप्त करने की मनोवृत्ति (जैसे-उसे भी 3 हृष्ट-पुष्ट 4 चालाक, चतुर II (पु०) घोड़ों का एक प्रकार शराब पीने का चस्का लग गया) 2 लत, आदत (जैसे-उसे का रंग जूए का चस्का है)
चांचल्य-सं० (पु०) = चंचलता चस्पाँ-फा० (वि०) 1चिपकाया हुआ 2 चिपका हुआ, लगा
चाँचिया-I (पु०) 1 चोरी, डाके आदि से जीविकोपार्जन हुआ
करनेवाली छोटी जाति 2 चोर 3 उचक्का 4 डाकू, लुटेरा चह-(पु०) 1 नदी पर बनाया गया अस्थायी पुल 2 नदी के । 5 काँइयाँ II (वि०) चोर, डाकुओं आदि से संबद्ध । ~गीरी किनारे बनाया गया पाट
+ फ़ा० (स्त्री०) चोर, डाकुओं आदि का व्यवसाय; चहक-(स्त्री०) 1 चहकने की क्रिया 2 चिड़ियों का चह-चह जहाज़ + अ० (पु०) समुद्री डाकुओं एवं लुटेरों का शब्द
जहाज़ चहकना-(अ० क्रि०) 1 चिड़ियों का चह-चह ध्वनि करना, चाँटा-(पु०) तमाचा, थप्पड़ (जैसे-क्रोध में उसने बच्चे के गाल चहचहाना 2 खुशी में खिलकर बोलना (जैसे-बच्चों का पर चाँटा जमा दिया) खेल-खेल में चहकने लगना)
चाँड-I (वि०) 1 उग्र, प्रबल 2 बलवान् 3 उदंड 4 श्रेष्ठ 5 चतुर चहका-I (पु०) होली के अवसर पर गाया जानेवाला एक तरह । 6 अघाया हुआ II (स्त्री०) 1 छत आदि को गिरने से रोकने का गाना II (पु०) 1लुआठी, लूका 2 बनेठी
के लिए लगाई गई टेक, थूनी 2 प्रबल कामना, तीव्र अभिलाषा चहकार-(स्त्री०) = चहक
3 आकुलता, बेचैनी। ~सरना लालसा पूरी होना चहचहा-I (पु०) 1 चहचहाने की क्रिया 2 खब ज़ोरों से | चाँड़ना-(स० क्रि०) 1 टेक लगाना 2 रौंदना 3 नष्ट-भ्रष्ट करना होनेवाला हँसी-ठट्ठा II (वि०) आनंद एवं खुशी उत्पन्न __4 खोदना, खोद डालना करनेवाला
चांडाल-सं० (पु०) 1 नीच और बर्बर जाति, मातंग 2 अत्यंत चहचहाना-(अ० क्रि०) = चहकना
पतित व्यक्ति। -चौकड़ी + हिं० (स्त्री०) नीच लोगों का चहचहाहट-(स्त्री०) = चहक
समूह चहनना-(स० क्रि०) कुचलना, रौंदना
चांडाली-सं० (स्त्री०) 1 चांडाल जाति की स्त्री 2 चांडाल होने चहबच्चा-फा० (पु०) 1 पानी की हौदी, गड्ढा 2 धनं छिपाकर | की अवस्था 3 चांडाल का काम रखने के लिए बनाया गया गड्ढा
चाँद-I (पु०) 1 चंद्रमा 2 दूज की चाँद की शक्ल का एक चहर-फा० (वि०) चार (जैसे-चहरदीवारी)
गहना 3 चंद्रमा के आकार का अर्घ गोलाकार धातु खंड चहल-I (स्त्री०) आनंद मनाना II (वि०) 1 अच्छा, बढ़िया 4 कलाई पर गोदा जानेवाला एक तरह का गोदना। तारा 2 चटकीला, तेज़ 3 चंचल, चुलबुला। ~पहल (स्त्री०) (पु०) 1 एक प्रकार की बढ़िया मलमल जिसपर चाँद और 1 रौनक 2 धूमधाम
तारों के आकार की बूटियाँ बनी होती हैं 2 एक प्रकार की पतंग चहलकदमी-फा० + अ० + फ़ा० (स्त्री०) सुखपूर्वक एवं जिस पर तारों एवं चाँद की बूटियाँ बनी होती है; बाला धीरे-धीरे चलने की क्रिया
(पु०) अर्ध चंद्राकर एक बाला जो कान में पहना जाता है; चहला-बो० (पु०) 1कीचड़ 2 दलदल
~मारी (स्त्री०) 1 चंद्र चिह्नों पर तीर, बंदूक आदि से निशाना चहलुम-फा० (पु०) = चेहलुम
लगाने की अभ्यासात्मक क्रिया 2 ऐसा मैदान जहाँ चाँद मारी चहार-I फा० (वि०) तीन और एक, चार II (पु०) चार की किया जाए; यात्रा + सं० (स्त्री०) = चंद्र यात्रा; सूरज संख्या। दीवारी (स्त्री०) मैदान, क्षेत्र आदि को चारों ओर (पु०) चोटी में गूथकर पहना जानेवाला एक गहना; ~का से घेरने हेतु बनाई गई दीवार, प्राचीर; ~शंबा (पु०) बुधवार टुकड़ा अति सुंदर; ~को ग्रहण लगना सुंदर वस्तु में दोष चहारुम-I फ़ा० (वि०) चौथा II (पु०) चौथाई अंश, लगना; चढ़ना 1 नया महीना शुरू होना 2 गर्भ रहना; चतुर्थाश
~पर खाक उड़ाना, ~पर धूल उड़ाना निर्दोष व्यक्ति