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घृणा
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घोर
II (स्त्री०) चूहे के वर्ग का ऐसा बड़ा जंतु जो ज़मीन में बिल | घोंचा-(पु०) 1 फूलों, फलों आदि का गुच्छा, स्तबक 2 कानों खोदकर रहता है, घुइस
तक मुड़कर पहुँची हुई सींगवाला बैल घणा-सं० (स्त्री०) नफ़रत, घिन। ~सूचक (वि०) घृणा का घोची-(स्त्री०) कानों की ओर मुड़ी हई सींगवाली गाय संकेत करनेवाला
घोंचू-(वि०) बुद्ध घृणास्पद-सं० (वि०) घृणा योग्य, घृण्य
घोंटना-(स० क्रि०) = घोटना घृणित-सं० (वि०) घिनौना (जैसे-घृणित कार्य)
घोंट-(वि०) कसकर दबानेवाला (जैसे-गला घोंट) घृणी-सं० (पु०) घृणा करनेवाला
घोंपना-(स० क्रि०) 1 गड़ाना, चुभाना 2 फँसाना (जैसे-छुरा घृण्य-सं० (वि०) घृणा योग्य
घोंपना) घृत-सं० (पु०) घी। पूर (पु०) घेवर
घोंसला-(पु०) नीड़, खोता घृताक्त-सं० (वि०) घो से तर
घोखना-(स० क्रि०) बार-बार पढ़ना, रटना घृतात्र-सं० (पु०) घी में पकाया हुआ अन्न
घोखवाना, घोखाना-(स० क्रि०) घोपने के कार्य करवाना घृष्ट-सं० (वि०) घिसा हुआ, रगड़ा हुआ
घोखू-(वि०) रटू घष्टि-सं० (स्त्री०) 1 घिसने की क्रिया 2 घर्षण, घिसाई 3 स्पर्धा घोघा-(पु०) चने आदि फसल को हानि पहुँचानेवाला एक घृष्टय-सं० (वि०) घिसने योग्य
छोटा कीड़ा घेघा-बो० (पु०) = घेघा
घोट, घोटक-सं० (पु०) घोड़ा घंटा-(पु०) सूअर का बच्चा
घोटना-I (स० क्रि०) जोर से दबाना (जैसे-गला घोटना) घंटी-बो० (स्त्री०) चने की फली
II 1मलना, रगड़ना (जैसे-दीवार घोटना, फर्श घोटना) घेघा-(पु०) 1 गला 2 गले की आहार नलिका 3 गले का एक 2 महीन करना, पीसना (जैसे-भाँग घोटना) 3 अभ्यास करना रोग, गलगंड
__ (जैसे-अक्षर घोटना) 4 याद करना 5 बाल साफ़ करना, घेपना-बो० (स० क्रि०) 1 लथ-पथ करना, रौंदकर मिलाना मूंडना (जैसे-सिर के बाल घोटना) 2 खुरचना
घोटा-(पु०) 1 घोटने, पीसने, रगड़ने की क्रिया 2 घोटने का घेर-(पु०) 1 घेरा, फैलाव 2 परिधि 3 घेरने की क्रिया। दार साधन 3 घुटी हुई चीज़ 4 रटने का काम (जैसे-घोटा लगाना) __ + फ़ा० (वि०) बड़े घेरेवाला
5 घोटने का उपकरण 6 हजामत घेर-धार-(स्त्री०) 1 चारों ओर घेरने की क्रिया (जैसे-बादलों घोटाई-(स्त्री०) 1 घोटने की क्रिया 2 घोटने का पारिश्रमिक का घेर-घार) 2 घेरा, फैलाव
घोटाला-1 गोलमाल, घपला 2 अव्यवस्था, गड़बड़ी घेरना-(स० क्रि०) 1 घेरा बनाना 2 सीमा निर्धारित करना घोटू-I बो० (वि०) 1 घोटनेवाला 2 कसकर दबानेवाला 3 छेकना (जैसे-पुलिस ने चोर को घेर लिया है) 4 छा जाना ___II (पु०) घोटा (जैसे-बादलों ने आकाश को घेर लिया) 5 रुकावट में लाना घोड़चढ़ा-(पु०) = घुड़चढ़ा (जैसे-रोग का आ कर घेरना) 6 स्थान छेकना (जैसे-लड़कों | घोड़दौड़-(स्त्री०) = घुड़दौड़ ने सारी कुर्सियाँ पीछे घेर रखी हैं) 7 खुशामद करना घोड़राई-(स्त्री०) घोड़ों को खिलायी जानेवाली बड़े दाने की राई (जैसे-चापलूस लोग हमेशा अधिकारी को घेरने में ही अपनी घोड़-सवार-हिं० + फ़ा० (पु०) = घुड़सवार चतुराई समझते हैं)
घोड़साल-(स्त्री०) = घुड़साल घेरा-(पु०) 1 विस्तार, फैलाव 2 घेरने की क्रिया 3 मंडलाकार घोड़ा-(पु०) 1 एक प्रसिद्ध पालतू पशु जिस पर सवारी की रूप (जैसे-दीवार का घेरा) 4 परिधि (जैसे-वृत्त का घेरा) जाती है तथा जो रथ आदि खींचता है, अश्व, तुरंग 5 घेरनेवाली दीवार (जैसे-दर्ग का घेरा) 6 हाथ से हाथ (जैसे-घोड़ा बहुत तेज़ दौड़नेवाला पशु है) 2 घोड़े के आकार मिलाकर व्यक्तियों द्वारा बनाया गया गोला (जैसे-नेता का घेरे का बंदूक आदि का खटका (जैसे-घोड़ा दबाना) 3 शतरंज का में घिरना)। बंदी + फ़ा० (स्त्री०) घेरा डालने की क्रिया एक मोहरा 4 घोड़े की आकृति का बच्चों का एक खिलौना घेराई-(स्त्री०) = घिराई
5 घोड़े की आकृति की छूटी। ~गाड़ी (स्त्री०) ऐसी गाड़ी घेराव-(पु०) = घिराव
जिसमें घोड़े जुतते हों, घोड़े द्वारा खींची जानेवाली गाड़ी; घेरेदार-हिं० + फ़ा० (वि०) = घेरदार
~उड़ाना घोड़े को सरपट दौड़ाना; ~कसना घोड़े पर जीन घेवर-(पु०) मैदे, घी एवं चीनी के मिश्रण से बनी मिठाई, फेनी कसना; ~~डालना, फेंकना घोड़े को तेज दौड़ना; पँटा-(पु०) = घंटा
~फेरना घोड़े को दौड़ाने का अभ्यास कराने के लिए एक वृत्त पैया-(स्त्री०) 1 गाय के थन से निकली दूध की धार 2 मक्खन में घुमाना, कावा देना; बेचकर सोना निश्चिंत होकर गहरी को काछकर एकत्र करने का काम
नींद सोना; घोड़े पर चढ़ आना लौटने को जल्दी मचाना घेहा-बो० (वि०) घायल, आहत
घोडिया-(स्त्री) 1 घोड़ी 2 छोटी घोड़ी 3 कपड़ा आदि टाँगने घोंखना-(स० क्रि०) रटना, घोटना
की खुंटी घोंघा-I (पु०) 1 शंख के आकार का एक कीड़ा 2 निरर्थक | घोड़ी-(स्त्री०) 1 घोड़े की मादा 2 विवाह की एक रस्म जिसमें वस्तु II (वि०) बेवकूफ़, मूर्ख। बसंत बिल्कुल मूर्ख; वर घोड़ी पर चढ़कर कन्या के घर जाता है 3 काठ का विशेष
भरे समुंदर ~ हाथ बहुत में से बहुत कम हाथ आना ___ आकृति का आयताकार ढाँचा घोंघी-(स्त्री०) = घुग्घी
| घोर-I सं० (वि०) 1 डरावना 2 गहरा (जैसे-घोर निद्रा)