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घोल
3 कठोर, कठिन (जैसे-घोर (जैसे- घोर निंदा) 5 सघन, घना वि०) बहुत अधिक, अत्यंत घोल -सं० (पु० ) तरल पदार्थ में अन्य पदार्थ का गाढ़ा मिश्रण । घोलक - सं० ( पु० ) घोलनेवाला पदार्थ घोलना - (स० क्रि०) किसी तरल पदार्थ में घुलनशील पदार्थ मिलाना (जैसे-दूध में शक्कर घोलना) । घोलकर पी जाना संपूर्णतया अंत कर देना (जैसे-लज्जा घोलकर पी जाना) घोला - ( पु० ) घोलकर बनाई गई चीज़ (जैसे- भाँग का गोला) । घोले में डालना 1 उलझन में डाल रखना 2 टाल-मटोल करना; घोले में पड़ना झंझट में पड़ना घोलुवा - (वि०) घोलकर बनाया हुआ, घोला हुआ घोष - I सं० ( पु० ) बस्ती, गाँव II 1 शब्द, नाद 2 ज़ोर से की गई पुकार, गर्जन 3 नारा 4 व्या० शब्दों के उच्चारण में होनेवाला बाह्य प्रयत्न घोषक - I सं० घोषणा करनेवाला व्यक्ति II ( वि०) घोष करनेवाला
साधना ) 4 अत्यंत बुरा (जैसे- घोर वन) II ( क्रि०
घोषण-सं० ( पु०) घोषणा करना
घोषणा -सं० (स्त्री०) 1 सार्वजनिक रूप से की गई राजाज्ञा 2 सार्वजनिक बात 3 ऐलान, ढिंढोरा 4 मुनादी, डुग्गी । पत्र (पु० ) 1 राजाज्ञा 2 राजनैतिक दल का नीति- पत्र 3 सत्यता घोषित पत्र
घोषा सं० (स्त्री०) सौंफ़
घोषित - सं० (वि०) घोषणा हुई
घोषीकरण-सं० (पु०) घोषणा करना
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घोसी - ( पु० ) अहीर, ग्वाला
घौर, घौद, घौर, घौरा - (पु० ) फलों का बड़ा गुच्छा घौद - (पु०) फलों का गुच्छा
घ्राण सं० (स्त्री०) 1 सूँघने की इंद्रिय, नाक 2 सूँघने कीं शक्ति। ~ शक्ति (स्त्री०) सूँघने की शक्ति घ्राणेन्द्रिय-सं० (स्त्री०) नाक
घ्रात सं० (वि०) सूँघा हुआ
घ्रातव्य-सं० (वि०) सूँघा जाने योग्य घ्राता-सं० (पु०) सूँघनेवाला
च
अंकुर -सं० (पु० ) 1 रथ, यान 2 पेड़, वृक्ष चंक्रमण - सं० (पु० ) 1 टहलना, घूमना, सैर करना 2 सैर करने
चंडोला
2 उत्तम, अच्छा 3 पवित्र, स्वच्छ (जैसे-मन चंगा तो कठौती में गंगा)
चंगु - (पु० ) 1 पकड़ रखने की क्रिया, पकड़ 2 अधिकार, वश चंगुल - ( पु० ) 1 पशु-पक्षियों का टेढ़ा पंजा 2 उँगलियों को हथेली की ओर मोड़ने से बनी आकृति (जैसे-एक चंगुल आटा देना) 3 पकड़, अधिकार में पड़ना, में फँसना, होना पूरी तरह वश में होना
चँगेर, चँगेरी, चँगेली - (स्त्री०) 1 बाँस की खपचियों से बनी छोटी डलिया 2 चमड़े की मशक 3 पालने के आकार की टोकरी
का स्थान 3 बार - बार घूमना
चंग - I फ्रा० (स्त्री०) डफ के आकार का बड़ा बाजा, डुगडुगी II (स्त्री०) बड़ी गुड्डी, पतंगा
चंग-सं० (वि०) 1 दक्ष, कुशल 2 स्वस्थ 3 सुंदर जंगला - सं० (स्त्री०) एक रागिनी जो मेघराग की पुत्रवधू कही गई है
जंगा - (वि०) 1 तंदुरुस्त, स्वस्थ (जैसे- रोगी चंगा हो गया) ।
चंचनाना - (अ० क्रि०) चुनचुनाना चंचरी -सं० (स्त्री०) भ्रमरी, भौंरी चंचरीक-सं० (पु० ) भ्रमर, भौंरा चंचल सं० (वि०) 1 जो बराबर गतिशील हो, हिलने-डुलनेवाला (जैसे- चंचल नयन) 2 अस्थिर 3 चुलबला 4 चलचित्त (जैसे- चंचल किशोर) 5 नटखट, शरारती 6 जो शांत न हो, उद्विग्न (जैसे-मन चंचल होना) । ता (स्त्री०) 1 अस्थिरता 2 चपलता 3 पाजीपन, शरारत 4 उद्विग्नता चंचला-सं० (स्त्री०) 1 बिजली, विद्युत् 2 लक्ष्मी चंचा-सं० (स्त्री०) 1 घास-फूस का पुतला 2 बाँस, बेत आदि की बनी चटाई, टोकरी आदि
चंचु - सं० (स्त्री०) चोंच। पुट (पु०) बंद चोंच प्रवेश
(पु० ) अल्पज्ञान, आरंभिक ज्ञान मान (पु० ) पक्षी चचोरना - (स० क्रि०) दाँतों से दबाकर चूसना
चंट - (वि०) 1 अत्यधिक चालाक 2 चालबाज़, धूर्त 3 तेज़ चंड-सं० (वि०) 1 अति प्रखर, बहुत उग्र 2 क्रोधी 3 प्रबल 4 बहुत कठोर ।
चंडता (स्त्री०), चंडत्व - (पु० ) 1 उग्रता, 2 कठोरता 3 उष्णता, गरमी
पक्षी (पु० ) कौआ
चंडा-सं० (स्त्री०) 1 उग्र स्वभाववाली स्त्री 2 दुर्गा चंडातक - सं० (पु० ) चोली, कुर्ती चंडाल - सं० (वि० ) चांडाल । ~ वीणा (स्त्री०) तंबूरा, चिकारा चंडालिका-सं० (स्त्री०) = चंडी चंडालिनी - सं० (स्त्री०) 1 चंडाल स्त्री 2 दुष्ट एवं निकृष्ट स्त्री चंडावल - सं० (पु० ) 1 बहुत बड़ा योद्धा 2 सेना में पीछे रहनेवाला सिपाही 3 पहरेदार, संतरी
=
चंडासा - (पु० ) जल्दी । चढ़ाना बहुत जल्दी मचाना चंडिमा - सं० (स्त्री०) 1 उग्रता 2 निष्ठुरता 3 तीव्रता 4 चंडिका, चंडी-सं० (स्त्री०) 1 दुर्गा 2 उग्र स्वभाववाली नारी, कर्कशा एवं दुष्ट स्त्री । चंडी कुसुम (पु० ) लाल कनेर; पति (पु०) शिव जी
चंडु-सं० ( पु०) 1 चूहा 2 छोटा बंदर
चंडू - (पु० ) तंबाकू की तरह पिया जानेवाला अफ़ीम से बनाया हुआ अवलेह । खाना फ़ा० (पु० ) चंडू पीने का स्थान; बाज़ + फ़ा० (पुं०) चंडू पीनेवाला व्यक्ति । चंडूखाने की गप झूठी बात
चंडूल - (पु० ) 1 भद्दी शक्ल का आदमी, कुरूप व्यक्ति 2 मधुर स्वरवाली ख़ाकी रंग की चिड़िया
चंडोला - (पु०) 1 पालकी 2 मिट्टी का एक खिलौना, चौपड़ा