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चकलाना
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चक्रांग
वेश्याओं का अड्डा; बेलन (पु०) चौका-बेलना में घूमना; ~में आना धोखे में आना; ~में डालना उलझन चकलाना-I (स० क्रि०) पौधे को मिट्टी समेत उखाड़ना, में डालना; ~में फँसना धोखे में आ जाना; ~लगाना किसी चकल उठाना II (स० क्रि०) चौड़ा करना
की तलाश करना चकली-(स्त्री०) 1 छोटा चकला 2 गड़ारी, घिरनी चक्कस-सं० (पु०) बुलबुल, बाज़ आदि का अड्डा चकलेदार-हिं० + फ़ा० (पु०) चकले का हाकिम, चकला चक्का -(पु०) 1 पहिया (जैसे-रेलगाड़ी का चक्का) 2 कुम्हार अधिकारी
का चाक 3 ईंट-पत्थर आदि का टुकड़ा (जैसे-चक्का फेंककर चकल्लस-(स्त्री०) 1 झंझट, झगड़ा 2 हास-परिहास, हँसी मारना)। ~फेंक (स्त्री०) चक्र फेंकने का व्यायाम मज़ाक
चक्की -I (स्त्री०) 1 पीसने का यंत्र (जैसे-भाप, विद्युत से चकबैंड-I (पु०) एक प्रकार का जंगली बरसाती पौधा जिसकी चलनेवाली आटे की चक्की) 2 जाँता (जैसे-हाथ की पत्तियाँ तने की ओर नुकीली एवं सिरे की ओर गोल और चौड़ी ___ चक्की)। चूल्हा (पु०) घर का काम-काज; ~पीसना होती हैं, पमार, पवाड़ II (पु०) चक्क के पास रखा गया जल 1कड़ी मेहनत करना 2 अन पीसना भरा मिट्टी का छोटा पात्र जिसमें कुम्हार अपना हाथ धोने आदि चक्की -II (स्त्री०)1 पैर के घटने की गोल हड्डी 2 ऊँट के का काम करता है
बदन पर का गोल घट्ठा चकवा-(पु०) जलाशयों के किनारे पाया जानेवाला एक प्रसिद्ध चक्की रहा-(पु०) चक्की को खुरदनेवाला कारीगर पक्षी जो रात में अपने जोड़े से अलग हो जाता है ऐसी कल्पना चक्कीवाला-(पु०) चक्की का मालिक की गई है, सुरखाब
चक्खी -(स्त्री०) 1 चटपटी एवं नमकीन पदार्थ, चाट 2 बटेरों चकाचक-I (स्त्री०) शरीर पर तलवार का निरंतर आघात होने __ आदि को दाना चुगाने की क्रिया से उत्पन्न शब्द II (क्रि० वि०) अच्छी तरह से चक्र-सं० (पु०) 1 पहिया 2 वर्तुलाकार वस्तु 3 कुम्हार का (जैसे-चकाचक भोजन किया गया) III (वि०) 1 चटकीला चाक 4 चक्की 5 प्राचीन गोलाकार अस्त्र (जैसे-सुदर्शन चक्र) 2 तर-बतर, तराबोर
6 सैनिक व्यूह (जैसे-चक्रव्यूह) 7 कोल्हू 8 पानी का भँवर चकाचौंध, चकाचौंधी-बो० (स्त्री०) 1 आँख का झपकना, 9 हवा का बवंडर 10 फेरा, चक्कर 11 सुदर्शन चक्र 12 सैन्य दृष्टि का स्थिर न रह सकना 2 चुधियानेवाली चमक 3 धन का पुरस्कार 13 योग में शरीर अंतस्थान। -क्रम (पु०) चक्र की प्रदर्शन
तरह बार-बार घूमकर आनेवाला क्रम (जैसे-जाड़ा, गर्मी, चकाबू-(पु०) 1 सैनिक व्यूह (जैसे-चकाबू में फँसना) बरसात का चक्रक्रम);~गति (स्त्री०) 1 केंद्र के चारों ओर 2 भूल-भुलैया। ~में पड़ना चक्कर में पड़ना
घूमने की क्रिया 2 चक्र क्रम; ~गोप्ता (पु०) 1 सेनापति चकार-सं० (पु०) च की ध्वनि
2 राज्य का रक्षक, अधिकारी 3 रथ एवं उसके चक्र आदि की चकित-सं० (वि०) 1आश्चर्य में आया हुआ, विस्मित रक्षा करनेवाला योद्धा; चर (वि०) चक्र में चलनेवाला; 2 शंकित 3 घबराया हुआ
~घर I (वि०) चक्र धारण करनेवाला II (पु०) 1 विष्णु चकिया-बो० (स्त्री०) चौकोर छोटा टुकड़ा (जैसे-पत्थर की 2 श्री कृष्ण; नाभि (स्त्री०) पहिए का मध्य भाग; नेमि चकिया)
(स्त्री०) चक्र का घेरा; ~पाणि (पु०) विष्णु, कृष्ण; चकुला-बो० (पु०) चिड़िया का बच्चा, चेटुआ
पाल (पु०) 1 चक्र धारण करनेवाला व्यक्ति 2 व्यूह रक्षक चकेठ-(पु०) चाक को घुमानेवाला कुम्हार का डंडा । 3 सेनापति 4 प्रदेश विशेष का शासक; -बंधु, बांधव चकोट-(पु०) 1 चकोटने की क्रिया 2 पहिए से ज़मीन पर बनी (पु०) सूर्य ~मंडल (पु०) नृत्य का वह रूप जिसमें नर्तक लीक
केंद्र के चारों ओर नाचता हुआ घूमता है; ~मुख (वि०) चकोटना-(स० क्रि०) चिकोटी काटना, बकोटना
गोल मुखवाला; ~मुद्रा (पु०) शरीर के अंगों पर दगवाया चकोतरा-(पु०) नींबू की जाति का खट-मीठे फलोंवाला पेड़ जानेवाला चक्राकार निशान; ल्यान (पु०) पहिए वाली और उसका बड़ा-सा फल
गाड़ी; लेखिन (पु०) विशेष प्रकार के काग़ज़ पर चकोर-सं० (पु०) तीतर जाति का एक पक्षी जो चंद्रमा का प्रेमी प्रतिलिपियां तैयार किए जाने का उपकरण जिसके नोक पर माना जाता है
छोटा चक्र लगा होता है; ~वाक (पु०)चकवा; ~वात चकोरी-सं० (स्त्री०) मादा चकोर
(पु०) बवंडर, बगूला; ~वाल (पु०) घेरा, मंडल; वृद्धि चक्क-(पु०) 1पीड़ा, दर्द 2 चकवा 3 चाक
(स्त्री०) वह ब्याज जिसमें संचित ब्याज भी मूलधन में शामिल चक्कर-(पु०) 1 पहिया 2 चक्र 3 चाक 4 घेरा, मंडल | हो जाए; ~व्यूह (पु०) चक्र के रूप में सेना की स्थापना 5 मोड़ोंवाला मार्ग 6 मोड़, घुमाव (जैसे-इस मार्ग में कई | (जैसे-महाभारत के युद्ध में अभिमन्यु ने चक्रव्यूह तोड़ा था) चक्कर पड़ेंगे) 7 फेरा 8 हैरानी, उलझन (जैसे-इस प्रश्न ने | चक्रवर्ती-I सं० (वि०) सार्वभौम II (पु०) 1 समुद्रपर्यंत सबको चक्कर में डाल दिया है) १ धोखा, भुलावा | पृथिवी का अधिपति 2 सम्राट् 3 समूह का नायक 10 असमंजस की स्थिति 11 सिर का घूमना, घुमटा। -दार चक्रांक-सं० (पु०) = चक्रमुद्रा + फ्रा० (वि०) घुमाववाला (जैसे-चक्करदार मार्ग); चक्रांकित-सं० (वि०) 1जिस चक्र का निशान अंकित हो ~आना घुमटा आना; ~काटना इधर-उधर घूमना, फेरे | 2 जिसने चक्र का निशान अपने शरीर के किसी अंग पर लगाना; खाना धोखा खाना; खाता हआ चारों ओर | लगवाया हो घूमता हुआ, परिक्रमा करता हुआ~मारना इधर-उधर व्यर्थ । चक्रांग-(पु०) चकवा .