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गोरखाली
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गोश्त
रहनेवाली एक जाति 3 गोरखा जाति का व्यक्ति | गोलक-सं० (पु०) 1 गोल पिंड 2 विधवा की जारज संतान गोरखाली-(स्त्री०) गोरखा नामक जाति और प्रदेश की बोली 3 कुंडा 4 आँख का डेला 5 आँख की पुतली 6 गुंबद आकार गोरसी-(स्त्री०) अँगीठी
की गोल रचना गोरा-(वि०) जो बर्फ की तरह सफ़ेद और स्वच्छ हो, गौर | गोलची-अं० + तु० (पु०) = गोलकीपर (जैसे-गोल पर वर्णवाला। -चिट्टा (वि०) अत्यधिक गोरा; ~भभूका | जमाया शॉट गोलची सेक गया) (वि०) जो बेहद गोरा हो।
गोला-(पु०) 1 गेंद के आकार का गोलाकार पिंड, गोलाकार गोरिल्ला-अं० (पु०) 1 अफ्रीकी बनमानुस 2 छापामार (युद्ध) वस्तु 2 सूत, ऊन आदि का गोला 3 भाँग आदि का गोला । गोरिस्तान-मा० (पु०) क़ब्रिस्तान
फेंक (स्त्री०) गोला फेंकने की क्रिया; बाज़ी + फ्रा०, गोरी-(स्त्री०) 1 गौर वर्णवाली स्त्री 2 रूपवती स्त्री
बारी + फ़ा० (स्त्री०) तोप से की जानेवाली गोलों की गोरू-(पु०) मवेशी, जानवर
वर्षा; बारूद + फ़ा० (स्त्री०) 1 गोला और बारूद गोलंदाज-फा० (पु०) तोप में गोला भरकर चलानेवाला व्यक्ति 2 युद्धसामग्री (जैसे-तोप से गोलाबारी करना) गोलंदाजी-फा० (स्त्री०) तोप से गोला चलाने का काम | गोलाई-(स्त्री०) गोलापन गोलंबर-(पु०) 1 गोलाकार रचना 2 गोलाई 3 जूता, टोपी | गोलाकार-(वि०) जिसकी आकृति गोल हो, गोल आदि रखकर सिलनेवाली कलबूत
आकारवाला (जैसे-गोलाकार टुकड़ा) गोल-I (पु०) 1 वृत्ताकार रचना 2 गोलाकार पिंड, गोला II | गोलाधार-(वि०) मूसलाधार, अत्यधिक तेज (जैसे-गोलाधार (वि०) वृत्ताकार, वर्तुल (जैसे-गोल पहिया, गोल अँगूठी)। __बरसना) -कलम (स्त्री०) धातुओं पर नक्काशी करनेवाली एक गोलार्द्ध, गोलार्ध-सं० (पु०) गोले का आधा भाग प्रकार की छेनी; ~कली (स्त्री०) एक प्रकार का अंगूर एवं (जैसे-पृथ्वी का गोलार्द्ध, पूर्वी एवं पश्चिमी गोलार्द्ध) उसकी लता; ~गप्पा I (पु०) घी, तेल में तली गई छोटी - गोलिका-सं० (स्त्री०) गोली फुलकी II (वि०) जो गोल गप्पे के समान फूला हो; गोलियाना-(स० क्रि०) 1 गोल करना 2 गोलियाँ बनाना ~गाल, ~गोल (वि०) 1 गोला 2 अस्पष्ट ___ 3 गोल करना, उड़ाना (जैसे-गोल-गोल चेहरा); ~घर (पु०) मंडलाकार मकान; गोली-(स्त्री०) 1 छोटा गोलाकार पिंड, छोटी गोल वस्तु
चक्कर (पु०) चला (पु०) = गोलंदाज; ~मटोल (जैसे-दवा की गोली, बंदूक की गोली, शीशे की गोली) (वि०) जिससे स्पष्ट अर्थ न निकल सके, अस्पष्ट; ~माल 2 बच्चों का गोली खेलने का छोटा गोलाकार पिंड (जैसे-मिट्टी (पु०) गड़बड़, घपला; -मिर्च (स्त्री०) काली मिर्च की गोली)। -कांड + सं० (पु०) हत्या की वारदात, हत्या ~मेज़ + फ़ा० (स्त्री०) वह गोलाकार मेज़ जिसके चारों कांड; चालन, प्रहार + सं०, -बार (पु०) = गोली , ओर बैठकर समस्या पर न्यायोचित रूप से विचार-विमर्श किया कांड; बारुद + फ़ा० (स्त्री०) = गोली गट्ठा; ~मार जाय (जैसे-गोल मेज़ कांफ्रेंस); ~मोल (वि०) - (वि०) गोली मारनेवाला; रोक (वि०) गोली रोकनेवाला; गोल-मटोल। -करना गायब करना; रहना बिल्कुल चुप वर्षा + सं० (स्त्री०), ~वार (पु०) - गोली कांड। रहना; होना चुपचाप हट जाना, खिसक जाना
खाना बंदूक आदि की गोली का आघात सहना; गोल-II (पु०) गोला (जैसे-गोल बनाना, गोल करना) चलाना बंदूक से गोली चलाना; ~मारना 1 गोली से गोल-अं० (पु०) फुटबाल, हॉकी आदि के खेल में वह भाग घायल करना 2 उपेक्षा करना और त्याग देना जिसमें गेंद चली जाने से जीत का फैसला होता है (जैसे-भारत - गोली-अं० (पु०) = गोलकीपर (जैसे-टीम का गोली कौन एक गोल से जीत गया)। ~अवसर + सं० (पु०) गोल करने का मौका (जैसे-गोल अवसर खोना, गोल अवसर पर गोलीय-सं० (वि०) 1 गोल, गोलाकार 2 भूगोल या खगोल असमर्थ रहना); ~कीपर (पु०) वह व्यक्ति जो गोल की | हो संबंधित रक्षा करता है (जैसे-गोल कीपर के हाथ से गेंद निकल गई, गोल्फ़-अं० (१०) एक प्रकार का अंग्रेजी खेल जो डंडे और इस शॉट को गोलकीपर ने आराम से बचा लिया); ~क्षेत्र + गेंद से खेला जाता है (जैसे-गोल्फ़ का खिलाड़ी) सं० (पु०) वह भाग जहाँ तक गोल-कीपर जा सकता है एवं गोविंद-सं० (पु०) 1 श्री कृष्ण 2 परमात्मा 3 गौओं का मालिक अन्य खिलाड़ी उसमें नहीं जा सकते; ~पाल + सं० (पु०) 4 गोशाला का स्वामी 5 इंद्रियों का स्वामी = गोल कीपर; -प्रयास + सं० (पु०) गोल करने की गोश-फ़ा० (पु०) श्रवण इंद्रिय, कान। गुज़ार (वि०) कोशिश; खाँस - हिं० (पु०) गोल का खम्भा (जैसे-गेंद __ कानों तक पहुँचाया हुआ (जैसे-गोशगुज़ार करना, गोशकुज़ार गोल बाँस से टकरा गई); ~रक्षक + सं० (पु०) = गोल । होना); ~माली (स्त्री०) 1 कान उमेटना, कान मलना कीपर; ~लाइन (स्त्री०) वह वृत्ताकार रेखा जिसके बाहर | 2 भर्त्सना, ताड़ना गोलकीपर नहीं जा सकता तथा अन्य खिलाड़ी उस रेखा के गोशवारा-फ़ा० (पु०) पटवारी का रजिस्टर और ज़मीनों का अंदर नहीं आ सकते; ~शून्य + सं० (पु०), रहित + सं० (वि०) बिना गोल का। उतारना बराबर करना गोशा-फा० (पु०) 1 एकांत स्थान 2 दिशा 3 कोण, कोना। गोल-फा० (पु०) 1 एक ही जाति के पशुओं का समूह 2 एक | नशीं (वि०) एकांत वास करनेवाला ही प्रकार के लोगों का झंड। -बंद (वि०) जो समूह में घिरा | गोश्त-फ़ा० (पु०) 1 मारे हुए पशु का मांस (जैसे-बकरे का
गोश्त) 2 शरीर के अंदर का मांस (जैसे-जाँघ का गोश्त)।
नक्शा