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गुलामी
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गूढत्व गुलामी-1 अ० + फ़ा० (स्त्री०) 1 गुलाम होने की अवस्था, | गुह-(पु०) पाख़ाना, मल । उछालना निंदनीय कार्यों का दासता 2 परतंत्रता, पराधीनता II (वि०) गुलाम संबंधी, प्रचार करना; ~उठाना । पाखाना साफ करना 2 तुच्छ से गुलामी की तरह का (जैसे-गुलामी में बेच देना)। प्रथा + तुच्छ सेवा करना; खाना अत्यंत तुच्छ कार्य करना; ~में सं० (स्त्री०) ऐसी प्रथा जिसमें लोगों को खरीद लिया जाता था घसीटना अपमान करना; ~में ढेला फेंकना नीच के साथ
और उनसे मनचाहा काम लिया जाता था जिसे अब समाप्त काम करके अपना ही अहित करना; ~में नहलाना अत्यधिक कर दिया गया है
दुर्गति करना गुलाल-(पु०) अबीर (जैसे-होली का गुलाल)
गुह-० (पु०) कंदरा, गुफा गुलिका-सं० (स्त्री०) 1 छोटी गेंद 2 गोली 3 गल्ली गुहाँजनी-(स्त्री०) बिलनी, अंजनहारी गुलिस्ताँ-फा० (पु०) फूलों का बाग़, फुलवारी
गुहा-सं० (स्त्री०) 1 गुफा, कंदरा 2 पशुओं की माँद गुलू-फा० (पु०) गरदन, गला। बंद (पु०) । गले में 3 अंतःकरण, हृदय 4 सृष्टि के उद्भव एवं विकास का कल्पित पहनने का एक जेवर 2 गले में लपेटे जानेवाली पट्टी मूल (जैसे-किस गहन गुहा से अति अधीर)। ~मानव (जैसे-गुलूबंद लपेटना)
(पु०) पाषाण युग में पर्वत-कंदराओं में रहनेवाले मनुष्य गुलेनार-फ़ा० (पु०) = गुलनार
लेख (पु०) = गुहाभिलेख गुलेल-(स्त्री०) दो दाँतों की कमान जिसपर छोटा कंकड़, मिट्टी | गुहाभिलेख-सं० (पु०) पत्थरों, गुफाओं आदि पर खुदा हुआ गोली रखकर चिड़ियों आदि को मारते हैं
लेख गुलेला-(पु०) 1 मिट्टी की गोली 2 गुलेल
गुहार-(स्त्री०) रक्षा के लिए पुकार, दुहाई गुलौर-(पु०) वह स्थान जहाँ रस पकाकर गुड़ बनाया जाता है गुहाशय-सं० (पु०) माँद में रहनेवाला जंत गुल्फ-सं० (पु०) एड़ी के ऊपर की गाँठ, गट्टा, टखना गुहिका-सं० (स्त्री०) 1 विवर 2 गह्वर गुल्म-सं० (पु०) 1 झाडी 2 सैन्यदल 3 पेट की गाँठ (रोग)। गुह्य-I सं० (वि०) 1 गुप्त रखने योग्य 2 रहस्यमय II (पु०) ~वात (पु०) तिल्ली का रोग
1 छल, कपट 2 रहस्य, भेद 3 गुप्त अंग। दीपक (पु०) गुल्लक-(पु०) - गोलक
जुगनें; द्वार (पु०) 1 मलद्वार, गुदा 2 चोर दरवाज़ा; गुल्ला -I (पु०) 1 गुल्ला 2 शोरगुल (जैसे-हल्ला-गुल्ला) II | विद्या (स्त्री०) साधुओं के रहस्यपूर्ण विषयों का ज्ञान फ़ा० (पु०) = गुल
गूंगा-फ़ा० (वि०) 1 जो बोल न सके, मूक 2 न बोलने वाला, गुल्ली-(स्त्री०) 1 लकड़ी का लंबोतरा टुकड़ा जिसके दोनों जो मौन साधे हो। ~पन + हिं० (पु०) गूंगा होने की तरफ़ का सिरा नुकीला होता है (जैसे-गल्ली-डंडा) अवस्था; बहरा + हिं० (पु०) जो न सुन सके न बोल सके 2 छापेखाने में फरमा कसने का लंबोतरा धातु का टुकड़ा। ऐसा व्यक्ति; गूंगे का गुड़ ऐसी स्थिति जिसमें अनुभव का ~डंडा (पु०) हाथ भर का लंबा डंडा तथा चार छ अंगुल की बयान न किया जा सके गूंगे का सपना अकथनीय अनुभव गुल्ली जिससे बच्चे खेलते हैं (जैसे-गल्ली डंडा खेलना); गूंज-(स्त्री०) 1 भौंरों का गुनगुन शब्द करना, गुजंन 2 परावर्तित बँधना युवावस्था में वीर्य का एकत्र होना
होकर सुनाई पड़नेवाली ध्वनि, प्रतिध्वनि 3 विस्तृत चर्चा, धूम गुवाक-सं० (पु०) 1सुपारी 2 चिकनी सुपारी
गूंजना-(अ० क्रि०) 1 भौंरों का गुंजारना, गुंजन करना गुवारा-फा० (वि०) - गवारा
2 प्रतिध्वनि होना गुसल-अ० (पु०) नहाने की क्रिया, सारे शरीर से नहाना। गूंधना-I (स० क्रि०) माँड़ना (जैसे-आटा गूंधना) II =
खाना + फ़ा० (पु०) स्नानागार, नहाने का कमरा - गूथना (जैसे-माला गूंधना, चोटी गूंधना) गुसाई-(पु०) = गोसाई
गू-(पु०) मल। ~मूत (पु०) पाखाना-पेशाब। ~मूत गुसैल-अ० + हिं० (वि०) गुस्सैल
करना गंदा करना, बर्बाद करना गुस्ताख-फा० (वि०) बे अदब, उदंड
गूजर-(पु०) 1 गुर्जर देश की एक प्राचीन जाति 2 ग्वाला, गुस्ताखाना-फा० (अ०) ढिठाई के साथ अशिष्टतापूर्वक ___ अहीर 3 क्षत्रियों का एक भेद गुस्ताखी-फा० (स्त्रो०) बे अदबी, अशिष्टता
गूजरी-(स्त्री०) 1 गूजर जाति की स्त्री 2 ग्वालिन 3 पैर का गुस्ल-अ० (पु०) = गुसल। ~खाना + फ़ा० (पु०) = गुसलखाना
गूढ-सं० (वि०) 1छिपा हुआ, गुप्त (जैसे-गूढ पुरुष) गुस्लेसेहत-अ० + फ़ा० + अ० (पु०) स्वस्थ होने के बाद का । 2 दुर्बोध, जटिल, दुरूह (जैसे-गूढ़ विषय) 3 अभिप्राय को
छिपाए हुए, गंभीर । चर (पु०) गुप्तचर; जात (वि०) गुस्सा-अ० (पु०) क्रोध, कोप (जैसे-उसके दुर्व्यवहार से जिसके पिता का पता न हो; -जीवी (पु०) गुप्त रूप से अध्यापक को गुस्सा आ गया, गुस्से के मारे लाल होना)। जीविका चलानेवाला; ता (स्त्री०) गूढ़ होने की अवस्था; ~उतरना क्रोध शांत होना; ~उतारना गुस्से में आकर ~पत्र (पु०) 1 करील वृक्ष 2 अंकोट वृक्ष; पथ, मारना, गुस्से में बिगड़ना; ~थूक देना क्षमा करना; नाक ~मार्ग गुप्त रास्ता, सुरंग 2 अंतः करण, हृदय; ~~भाषा पर होना तुरंत क्रोध करना; ~मारना क्रोध सहना, माफ़ (स्त्री०) कूटभाषा; लेख (पु०), संहिता (स्त्री०) करना
1 संवाद भेजने की गुप्त लिपि-प्रणाली 2 ऐसा संग्रह जिसमें गुस्सेवर-अ० + फा०, गुस्सैल-अ० + हिं० (वि०) क्रोध गहन विषयों के नियम-सिद्धांतों आदि का विवेचन रहता है करनेवाला
| गृहत्व-सं० (पु०) = गूढ़ता
गहना
स्नान