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गृहीतार्थ
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ग्रंथ
गृहीतार्थ-[ सं० (वि०) जिसने अर्थ समझ लिया हो । गेय-सं० (वि.) 1गाया जाने योग्य 2 जो गाया जा सके II (पु०) प्रचलित अर्थ
(जैसे-गेय पद) गृहोद्यान-सं० (पु०) गृह वाटिका
गेरना-बो० (स० क्रि०) 1 गिराना 2 उँडेलना गृहोपकरण-सं० (पु०) घर गृहस्थी के सब सामान गेराँव-बो० (पु०) 1 पगहा 2 चौपायों के बंधन का गले में पड़ा गृह्य-सं० (वि०) 1 घर-घर से संबंधित, घर का 2 घर में किया रहनेवाला भाग जानेवाला (जैसे-गृह्य कर्म)। -कर्म (पु०) घर के कर्त्तव्य; | गेरुआ-I (वि०) 1 गेरू के रंग का, मटमैलापन लिये लाल रंग सूत्र (पु०) गृह कर्मों आदि की विधियाँ बतानेवाला वैदिक | का 2 गेरू मिट्टी के रंग में रंगा हआ, जोगिया, भगवा
II (पु०) गेरू से तैयार किया हआ रंग गह्यक-सं० (पु०) घर में पाला-पोसा हआ बच्चा | गेरुई-(स्त्री०) फसल, पौधों को होनेवाला रोग जो उनकी जड़ों गेंड-(पु०) 1 डंठल-पत्तियों आदि से बनाया गया घेरा | में गेरुए रंग के कीड़े लगने से होता है
(जैसे-इस जगह को गेड़ देना चाहिये) 2 मंडल, घेरा | गेरू-(पु०)/(स्त्री०) खानों से प्राप्त होनेवाली एक तरह की गेंड़ना-(स० क्रि०) 1 मेड़ बनाना 2 चारों तरफ से घेरना | लाल मिट्टी जो रंगने एवं दवा आदि के काम आती है (जैसे-खेत को डंठल आदि से गेड़ने से पशु अंदर नहीं | गेलरी-अं० (स्त्री०) वीथि (जैसे-आर्ट गेलरी) आएगें) 3 अन्न के लिए गेड़ बनाना
गेली-अं० (स्त्री०) छापे के अक्षर जोडकर बैठानेवाली धात की गेंडली-(स्त्री०) कुंडली
छिछली किश्ती। ~प्रूफ़ (पु०) कंपोज़ किये गये मैटर का गेंडा-(पु०) 1 ईख के ऊपर के पत्ते 2 ईख, गत्रा 3 ईख के पहला प्रूफ टुकड़े, गँडेरी
गेल्हा-बो० (०) चमड़े का बड़ा कुप्पा गेंडुआ-बो० (पु०) 1 बड़ा गेंद 2 तकिया
गेसू-फ़ा० (पु०) बालों की लट, जुल्फ गेंडुरी-(स्त्री०) 1 ईंडुरी 2 फेटा, कुंडली
गेह-सं० (पु०) = गृह गेंद-(पु०) 1 रबड़, कपड़े आदि का बना गोला जिससे बच्चे | गेहनी-(स्त्री०) घरवाली, गृहिणी
खेलते हैं, कंदुक 2 टोपियाँ एवं पगड़ियाँ आदि बनाने का गेहँअन-(पु०) मटमैले रंग का फनदार एक अत्यंत ज़हरीला कलबूत 3 तार की जालियों का बना गोला। ~घर (पु०) साँप ऐसी जगह जहाँ गेंद से तरह-तरह के खेल खेले जाते हैं; गेहँआ-(वि०) गेहूँ के रंग का, हल्का बादामी
तड़ी (स्त्री०) एक-दूसरे को गेंद से मारने का खेल; गेहूँ-(पु०) छोटे दानोंवाला एक प्रकार का अन्न एवं उसका पौधा नियंत्रण + सं० (पु०), ~बल्ला (पु०) 1 गेंद और | जिसके आटे की रोटियाँ आदि पकवान बनाए जाते हैं लकड़ी का बना कुछ चौड़ाई एवं लम्बाई का बल्ला (जैसे-गेहूँ का आटा) 2 ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ियों की दो टोलियों में होनेवाला एक गेहेशूर-सं० (पु०) केवल घर में ही बहादुरी दिखानेवाला प्रसिद्ध खेल जिसमें गेंद और बल्ले का प्रयोग किया जाता है, __ व्यक्ति क्रिकेट; ~बाज़ + फ़ा० (पु०)
गैंग-अं० (पु०) गिरोह, जत्था, टोली; ~मैन (पु०) मेट, गेंदई-(वि०) 1 गेंद से संबंध रखनेवाला, गेंदे का 2 गेंदे के टोली मज़दूर फूल के रंग का
गैंगलियन-अं० (पु०) गुच्छिका गेंदनुमा-हिं० + फ़ा० गेंद की आकृति का
गैंडा-(पु०) भैंसे की शक्ल का एक पशु जिसके थुथने पर एक गेंदवा-(पु०) पीले, नारंगी एवं लाल रंग के फूलोंवाला एक या दो सींग होते हैं छोटा पौधा (जैसे-गेंदा का फूल)
गैंती-(स्त्री०) ज़मीन खोदने की कुदाल गेगला-I (पु०) मसूर की जाति का जंगली पौधा II (वि०) गैना-(पु०) नाटा बैल मूर्ख, निर्बुद्धि .
रौब-अ० (पु०) 1 अदृश्य लोक 2 परोक्ष गेज-अं० (पु०) 1 नापने का साधन 2 रेल की दो पटरियों के | रौबत-अ० (स्त्री०) निंदा, चुगली बीच की दूरी (जैसे-मीटर गेज, नैरो गेज)
गैबदा-अ० + फ़ा० (वि०) परोक्ष की बातों का ज्ञाता, गेट-अं० (पु०) फाटक (जैसे-बँगले का गेट बंद कर दो)। परोक्षदर्शी कीपर (पु०) द्वारपाल
गैबी-अ० (वि०) 1 परोक्ष, रौब का 2 छिपा हुआ, गुप्त गेट-अप-अं० (पु०) उठना, जागना
___ 3 बिल्कुल नया एवं अपरिचित गेटिस-अं० (पु०) 1 सैनिकों का चमड़े का बना आवरण गैया-(स्त्री०) = गाय जिसमें पिंडलियाँ ढकी रहती हैं 2 मोज़ा बाँधने का | गैर-अ० (वि०) 1 अन्य, दूसरा 2 कोई और, प्रस्तुत से भिन्न
3 जिसके साथ आत्मीयता का संबंध न हो (जैसे-और आदमी) गेड़ना-(स० क्रि०) 1 मेंड़ बनाना, घेरना 2 परिक्रमा करना, 4 भिन्न (जैसे-गैर मुमकिन)। ~आबाद + फ़ा० (वि०) घूमना 3 चक्कर लगाना
1 जो आबाद न हो, उजाड़ 2 जो जोती-बोई न गयी हो, परती: गेड़ी-(स्त्री०) गेड़ने की क्रिया
~इंसाफ़ी + फ़ा० (स्त्री०) अन्याय; इलाही (वि०) जो गेदा-बो० (पु०) बिना पर का चिड़िया का बच्चा, बेपर का ईश्वरीय न हो; ~ईमानदारी + फ़ा० (स्त्री०) बेईमानी; चिड़िया का बच्चा
-कांग्रेसी + अं0 + हिं० (वि०) जो कांग्रेस का नहीं है गेम-अं० (पु०) खेल
(जैसे-गैर कांग्रेसी मंत्रिमंडल, गैर कांग्रेसी राज्य); कानूनी
फ्रीता