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किताबी
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किलकारना किताबी-अ० (वि०) किताब संबंधी, पुस्तकीय। -कीड़ा | किरकिरा-(वि०) कंकड़ या कण मिला हुआ (जैसे-किरकिरा हमेशा पुस्तक पढ़नेवाला
दाना) किपर-(क्रि० वि०) किस तरफ, किस ओर, कहाँ। से किरकिराना-(अ० क्रि०) 1 किरकिर शब्द करना 2 किरकिरी चाँद निकला किघर भूल पड़े
की तरह होनेवाली पीड़ा किन-I (सर्व०) किस का बहुवचन II (क्रि० वि०) क्यों नहीं किरकिराहट-(सी०) 1 ककड़ीलापन 2 किरकिरी पड़ने का किनका-(पु०) 1 कण 2 टूटा हुआ दाना (जैसे-चावल का | अनुभव किनका)
किरकिरी-(स्त्री०) 1 अत्यधिक छोटा कण 2 बालू आदि का किनर-मिनर-(स्त्री०) नाक-भौं सिकोड़ने का भाव, आनाकानी | कण 3 अपमान, हेठी किनवानी-(स्त्री०) झड़ी, फुहार
किरकिल-(पु०) गिरगिट किनहा-(वि.) कीड़ा पड़ा हआ (जैसे-किनहा फल) किरखी-(स्त्री०) कृषि, खेती किनार-फा० (पु०) = किनारा। दार (वि०) जिसमें किरच-(स्त्री०) 1 छोटी बी 2 नुकीला रवा किनारा हो
किरण-सं० (स्त्री०) रश्मि, प्रकाश-रेखा । किनारा-फा० (पु०) 1 तट, तीर (जैसे-नदी का किनारा) । किरणन-सं० (पु०) किरणों का फैलाव
2 हाशिया (जैसे-कापी में किनारा छोड़ देना) 3 सिरा, छोर किरना-(अ० क्रि०) बो० 1 विमुख होना 2 धीर-धीर गिरना (जैसे-धोती का किनारा) 4 पार्श्व, बगल (जैसे-किनारे हो 3उछलना जाओ)।-कश (वि०) एकांत में रहनेवाला, एकांतवासी3B किरम-(पु०) कीड़ा, कीट -कशी (स्त्री०) किनारा खींचना, किनारे रहना; ~करना, किरमिच-(पु०) एक तरह का बढ़िया और मोटा कपड़ा
खींचना अलग होना; किनारे बैठना 1पास बैठना (जैसे-किरमिच का जूता) 2 अलग बैठना
किरमिची-(वि०) किरमिच का बना हुआ किनारी-फा० + हिं० (स्त्री०) दुपट्टे आदि में लगाई जानेवाली | किरमिज-(पु०) 1 एक तरह का मटमैला लाल रंग
सुनहले गोटे की पट्टी। दार + हिं० + फ़ा० (वि०) | 2 किरिमदाने का चूर्ण जिसमें गोटे की पट्टी लगी हो
किरमिजी-(वि०) किरमिज के रंगवाला किनारे-फा० (क्रि० वि०) 1 सीमा पर 2 तट पर 3 अलग। किरराना-(अ० क्रि०) 1 क्रोध से दाँत पीसना 2 किर्र किर्र की किनारे पास होते हुए, सटकर
। ध्वनि निकालना किन्नर-सं० (पु०) 1 स्वर्ग के गायक 2 गानेबजाने का पेशा । किराँची-अं० (स्त्री०) बड़ी बैलगाड़ी करनेवाली एक जाति
किरात-अ० (स्त्री०) 1 एक बहुत छोटा पुराना सिक्का किन्हें-(सर्व०) किन को
2 जवाहरात तौलने का एक वज़न किफायत-अ० (स्त्री०) 1कमी पूरा होना 2 बचत | किरात-सं० (पु०) 1 हिमालय की एक जंगली जाति 2 साईस (जैसे-किफ़ायत से काम करना) 3 कम मूल्य। -शार
3 बौना (वि०) बचत करनेवाला; ~शारी (स्त्री०) मितव्ययिता | किराना-I (स० क्रि०) किसी को कार्य करने में प्रवत्त करना किफायती-अ० + फ़ा० (वि०) 1कम खर्च करनेवाला, - (जैसे-उसे कपड़े की दुकान किराना है) II (पु०) पंसारी की बचानेवाला 2 कम कीमतवाला
दुकान से मिलनेवाली वस्तुएँ किबला-अ० (पु०) 1 श्रद्धेय एवं वयस्क पुरुष 2 पूज्य मक्का किरानी-I अं० (पु०) 1 दफ्तर में काम करनेवाला लिपिक
शरीफ़। लगाह (पु०) पिता, बाप; नुमा कुतुबनुमा, 2 ईसाई II (वि०) किरानी लोगों का दिग्दर्शक यंत्र
किराया-फा० (पु०) भाड़ा (जैसे-मकान का किराया, रेल का किमरिक-अं० (पु०) एक चिकना सफ़ेद कपड़ा
किराया)। लामा (पु०) भाड़ा तय करने का अनुबंध-पत्र किमाकार-सं० (वि०) 1जिसका कोई निश्चित आकार न हो किरायेदार-फा० (पु०) भाड़े पर लेनेवाला (जैसे-किरायेदार 2 रूप बदलता रहनेवाला 3 भद्दा, भोंडा
का मकान) क्रिमाम-अ० (पु०) 1 गाढ़ा रस 2 खमीर
किरावल-तु० (पु०) 1 बंदूक से शिकार करनेवाला शिकारी क्रिमार-अ० (पु०) जुआ। ~खाना + फ़ा० (पु०) जुए का 2 शत्रु की थाह लेने के लिए सेना के आगे-आगे चलनेवाले अड्डा; बाज +फ़ा० (वि०) जुआ खेलनेवाला, जुआरी; सिपाही बाज़ी + फा० (स्त्री०) जुए का खेल
किरासिन-अं० (पु०) मिट्टी का तेल क्रिमाश-अ० (पु०) तर्ज, ढंग
किरीट-सं० (पु०) मुकुट किया-(स० क्रि०) 'करना' का भूतकालिक रूप। ~कराया, किरोलना-(स० क्रि०) 1कुरेदना 2 खुरचना ~धरा (पु०) सारी कमाई
किलक-(स्त्री०) 1 किलकारी 2 हर्षध्वनि किरंटा-अं० (पु०) तुच्छ क्रिस्तान
किलकना-(अ० क्रि०) = किलकारना किरका-(पु०) कंकड़
किलकार-(स्त्री०) 1 अत्यंत हर्षित होकर निकलने वाली किरकिटी-(स्त्री०) = किरकिरी
अस्पष्ट ध्वनि 2 बंदरों का की-की स्वर किरकिन-I (वि०) चमड़े से बना हआ II (पु०) घोड़े या | किलकारना-(अ० क्रि०) 1 ज़ोर से आवाज़ करना, हर्षित गधे का चमड़ा
होकर चिल्लाना