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गलना) 2 पक जाना (जैसे-दाल गलना) 3 नरम हो जाना (जैसे - काग़ज़ गलना) 4 दुर्बल एवं निस्सार होना (जैसे- शरीर गलना) 5 रोग आदि के कारण नष्ट होना (जैसे- कोढ़ से उँगलियाँ गलना) 6 अत्यधिक ठंड महसूस होना (जैसे-पूस की रात में पूरा बदन गलना) 7 व्यर्थ होना (जैसे- आज सौ रुपए सिनेमा में गल गए ) 8 समय से पहले ही नष्ट होना (जैसे- गर्भ गलना) 9 सड़ना (जैसे-फल गल गए ) गलफड़ा - (पु० ) (मछली के) गाल का चमड़ा गलफूट - (स्त्री०) 1 अंड बंड बकने का भाव 2 नींद में बड़बड़ाने की अवस्था
गलबली - (पु० ) 1 गड़बड़ 2 कोलाहल
मवैहा
सब को सुनाते फिरना; गली मारे फिरना 1 व्यर्थ इधर-उधर घूमना 2 जीविका हेतु भटकना; अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है अपने ठिकाने पर सब बहादुर हैं ग़लीचा - फ्रा० (पु० ) ऊन की मोटी चादर ग़लीज़-अ० (वि०) 1 अपवित्र, नापाक 2 गेंदला, मैला गलेबाज़ - हिं० + फ़ा० (वि०) 1 बहुत अधिक बातें करनेवाला 2 अत्यधिक तानें लेनेवाला
ग़लबा - अ० (पु० ) प्रभुत्व गवमुच्छा - ( पु०), गलमोछा - गालों तक बढ़ी मूँछें गलवाना - (स० क्रि०) किसी को गलाने की क्रिया में प्रवृत्त करना (जैसे- लोहा गलवाना)
गलेबाज़ी - हिं० + फ़ा० (स्त्री०) 1 बढ़-चढ़कर बातें करने की क्रिया 2 गाते समय तानें लेना
गल्प - (स्त्री०) 1 मिथ्या प्रलाप, गप्प 2 डींग, शेखी 3 छोटी कहानी
गल्ला - फ़ा० (पु० ) 1 जानवरों का समूह, विशिष्ट पशु दल (जैसे- भेड़ों का गल्ला) 2 ऐसा बक्सा, थैली जिसमें दुकानदार
रोज़ की बिक्री हुआ धन रखते हैं, गुल्लक (जैसे-पैसा गल्ले में डाल देना)
ग़ल्ला - अ० (पु० ) अनाज, अन्न (जैसे-गल्ला मंडी) ।
चोर + हिं० (पु०) अनाज की चोरी करनेवाला व्यक्ति; फ़रोश + फ़ा० (पु० ) अनाज बेचनेवाला व्यापारी गल्लेबान-फ्रा० (पु०) 1 थैलीवाला, गुल्लकवाल 2 पशुदल
गलही - (स्त्री०) नाव का अगला गोलाकार उठा हुआ कोना गांकुर - सं० (पु० ) गले के अंदर का कौआ सूजने का रोग गला - ( पु० ) गरदन, ग्रीवा। ~ काटू (पु० ), काटना 1 हत्या करना 2 बहुत बड़ी हानि करना (जैसे- दूसरों का गला काट कर ही तो लोग बड़े बन रहे हैं); घोंटना मार डालना; ~घोंटू (वि०) गला घोंटनेवाला; छूटना 1 कष्ट या संकट आदि से छुटकारा पाना 2 जान बचना (जैसे- आपके आ जाने से मेरा गला छूट गया); जकड़ना बोलने में रुकावट पैदा करना; जोड़ना गहरा संबंध स्थापित करना, पक्की दोस्ती करना; दबाना 1 मार डालना 2 विवश करना, दबाव डालना; पकड़ना उत्तरदायी ठहराना; फँसना संकट में फँसना (जैसे- आपके कारण मेरा गला फँस गया); बैठना कंठ का स्वर कर्कश हो जाना; रेतना कष्ट पहुँचाकर स्वार्थ सिद्ध करना, मतलब निकालना (जैसे-मज़दूरों का गला रेतना अच्छा नहीं है); गले पड़ना ज़बरदस्ती भार आ पड़ना; गले मढ़ना भार सौंपना; गले लगाना आलिंगन करना; गले से नीचे न उतरना समझ में न आना, ग्राह्य न होना गलाई - (स्त्री०) 1 गलने की अवस्था 2 गलाने का पारिश्रमिक गलाऊ - (वि०) 1 गलानेवाला 2 गलने योग्य गलाना - (स० क्रि०) 1 तपाना (जैसे- सोना गलाना) 2 पकाना
(जैसे-दाल गलाना) 3 दुर्बल एवं क्षीण बनाना (जैसे- देश एवं राष्ट्रहित में शरीर गलाना) 4 नष्ट करना 5 घुलाना (जैसे- तेज़ाब में चाँदी गलाना ) 6 बोझ डालना (जैसे- पुल का खंभा गलाना) गलावट - (स्त्री०) गलाई गलित-सं० (वि०) 1 गला हुआ 2 जो निस्सार हो गया हो। (जैसे-गलित यौवन) 3 नष्ट-भ्रष्ट 4 जिसमें गलने - गलाने का लक्षण हो (जैसे-गलित कुष्ठ) 5 जो मत्त होकर अवश हो गया हो (जैसे-गलित यौवना )
गलिया - I (वि०) जो अत्यधिक सुस्त हो, निरा आलसी गलिया - II ( स्त्री०) चक्की के ऊपरी पाट में वह छेद जिसमें पीसने के लिए अनाज डाला जाता है। गलियारा - (पु० ) गली की तरह का लंबा सीधा रास्ता गली - (स्त्री०) सँकरा रास्ता कमाना गली-सड़क आदि पर झाडू देकर जीविका उपार्जित करना; गली ढिंढोरा पीटना |
का रखवाला
गल्ह - (वि०) धृष्ट, ढीठ
गवर्नमेंट-अं० (स्त्री०) शासन, सरकार गवर्नर -अं०
(पु० ) 1 शासक, हाकिम 2 राज्यपाल । ~ जनरल (पु० ) प्रधान शासक गवर्नरी-अं० गवाहियाँ - ( पु०) बो० गँवार गवाँना - (स० क्रि०) खो देना
+
हिं० (वि०) गवर्नर संबंधी
गवाक्ष -सं० (पु० ) 1 झरोखा 2 खिड़की
गवाना - (स० क्रि०) किसी को गाने की क्रिया में प्रवृत्त कराना (जैसे गाना गवाना )
गवारा - फ़ा० (वि०) 1 स्वीकार किए जाने योग्य 2 अनुकूल, रुचिकर 3 सहनेयोग्य
गवाह - फ़ा० (पु० ) 1 साक्षी (जैसे अनेक लोग इस घटना के गवाह हैं) 2 तथ्य एवं सच्चाई का समर्थन करनेवाला व्यक्ति । ~नामा (पु० ) साक्ष्य-पत्र
गवाही - फ़ा० (स्त्री०) गवाह का कथन, साक्ष्य (जैसे-झूठी गवाही देना)
गवीश-सं० (पु०) गौओं का मालिक
गवेल - (वि०) बो० 1 गाँव संबंधी 2 गँवार, देहाती गवेषक-सं० (वि०) खोज करनेवाला, खोजी गवेषण-सं० (५०) 1 खोजना, छानबीन करना 2 चाहना । ~ संस्था ( स्त्री०) अनुसंधान केंद्र गवेषणा-सं० (स्त्री०) 1 खोज 2 अध्ययन एवं अनुसंधान 3 इच्छा करना । पूर्ण (वि०) खोज से भरा हुआ; ~शाला (स्त्री०) गवेषण संस्था गवेषणीय-सं० (वि०) जो गवेषणा किए जाने योग्य हो गवेषित-सं० (वि०) 1 तलाश किया हुआ 2 अन्वेषित 2 जिसके विषय में गवेषणा हुई हो गवेषी-सं० (वि०) गवेषणा करनेवाला गवैहा- (वि०) 1 ग्रामीण, देहाती 2 गँवारों की तरह का, देहाती