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गिरा 215
ग़ीबत गिरा-सं० (स्त्री०) 1 वाणी 2 बोली, भाषा 3 सरस्वती | गिलना-(स० क्रि०) 1 निगलना 2 छिपा लेना 3 ग्रसना गिराना-(स० क्रि०) 1 किसी वस्तु को बलपूर्वक नीचे उतारना गिलबिला-(वि०) = गिलगिला
(जैसे-परदा गिराना) 2 खड़ी वस्तु को आघात द्वारा ज़मीन पर गिलबिलाना-(अ० क्रि०) अस्पष्ट उच्चारण करना लाना (जैसे-मेज़ से प्याला गिराना, रेल की पटरी गिराना) गिलम-[फा० (स्त्री०) 1 ऊन का चिकना कालीन 2 मोटा और 3 ध्वंस करना (जैसे-दीवार गिराना, मकान गिराना) 4 कम __ कोमल गद्दा II (वि०) मुलायम करना (जैसे-बाज़ार भाव गिराना) 5ढाल की तरफ़ ले जाना गिलहरा-I (पु०) नर गिलहरी II (पु०) धारीदार मोटा सूती (जैसे-कुएँ की जगत से खेत की क्यारी में पानी गिराना) कपड़ा 6 नीचे आ पड़ना (जैसे-कलम गिराना) 7 उँडेलना | गिलहरी-(स्त्री०) चूहे की तरह एक छोटा जंतु जो प्रायः बगीचों (जैसे-बाल्टी से फर्श पर पानी गिराना) 8 उपस्थित करना । एवं पेड़ों पर रहता है, गिलाई, चिंखुरी (जैसे-ईंटा-बालू गिराना) 9 घायल करना 10 मार डालना , गिला-फा० (पु०) 1 उलाहना, उपालंभ 2 निंदा, शिकायत । (जैसे-उसने रणभूमि में शत्रु को मार गिराया)
-शिकवा + अ० (पु०) उलाहना व शिकायत गिरानी-फा० (स्त्री०) 1 महँगाई 2 पेट का भारीपन गिलाफ़-अ० (पु०) 1खोल, लिहाफ (जैसे-तकिये का गिरा-पड़ा-(वि०) 1 ज़मीन पर गिरकर पड़ा हुआ 2 टूटा-फूटा, गिलाफ़) 2 म्यान, कोष जीर्ण-शीर्ण 3 बिना महत्त्व का
गिलावा-फा० (पु०) बो० = गारा गिराव (पु०), गिरावट-(स्त्री०) 1 गिरने की अवस्था गिलास-अं० (पु०) शीशे आदि का बना लंबोतरा छोटा बर्तन 2 अधःपात, पतन
गिली-फा० (वि०) 1 मिट्टी का बना हआ 2 मिट्टी से संबंध गिरि-सं० (पु०) पर्वत, पहाड़। जा (स्त्री०) पार्वती, गौरी; रखनेवाला
घर (पु०) कृष्ण; नाथ (पु०) शंकर जी; ~पथ गिलौरी-(स्त्री०) पान का बीड़ा। दान (पु०) पान रखने का (पु०) दर्रा; -पाद (पु०) पहाड़ के नीचे का मैदान; द्वार डिब्बा, पानदान (पु०) दर्रा; ~माला (स्त्री०) पर्वत श्रेणी; राज (पु०) गिल्टी-(स्त्री०) = गिलटी हिमालय पर्वत; ~वर (पु०) हिमालय; -शिखर (पु०) गिल्ली-(स्त्री०) 1 गुल्ली 2 गुल्ला। -डंडा (पु०) = गुल्ली पहाड़ की चोटी; ~सुता (स्त्री०) पार्वती
डंडा। गिरिस्ती-(स्त्री०) = गृहस्थी
गिष्णु-सं० (पु०) 1 मंत्र सस्वर गानेवाला व्यक्ति 2 गवैया, गिरी-(स्त्री०) बीज के अंदर का गूदा, मग्ज (जैसे-बादाम की गायक गिरी)
गींजना-(स० क्रि०) हाथ से मसलकर खराब करना गिरीश-(पु०) पर्वतों का राजा, हिमालय पर्वत
(जैसे-कपड़े गांजना) गिरेबान-फ़ा० (पु०) = गरेबान
गीगर-काउंटर-अं० (पु०) - गाइगर-गणक गिरों-फ़ा० (पु०) = गिरवी। ~गट्ठा! + हिं० (वि०) जो | गीड़-(पु०) बो० आँख का कीचड़
रेहन रखी गई हो II (पु०) रेहन रखने का व्यवसाय | गीत-1 सं० (वि०) गाया हुआ II (पु०) 1 छोटी पद्यात्मक गिरोह-फा० (पु०) = गरोह
रचना 2 प्रशंसा, बड़ाई 3 कथन, चर्चा । ~कार (पु०) गीत गिर्जा-पुर्त० (पु०) = गिरजा
की रचना करनेवाला; क्रम (पु०) 1 गीत के स्वरों के गिर्द-[फा० (अ०) 1 आस-पास 2 चारों ओर II (पु०) वस्तु उतार-चढ़ाव 2 संगीत में एक तान; ~भार (पु०) टेक
की गोलाई, घेरा। -पेश (क्रि० वि०) आसपास गीता-सं० (स्त्री०) गुरु शिष्य संवाद रूप में आध्यात्म तत्त्व का गिर्दागिर्द-फा० (अ.) 1 आस पास 2 चारों तरफ़
उपदेश करनेवाला पद्यग्रंथ (जैसे-शिवगीता, गिर्दाब-फा० (पु०) भँवर
श्रीमद्भगवद्गीता) गिर्दावर-I फ़ा० (वि०) चारों तरफ़ घूमनेवाला II (पु०) । गीतातीत-सं० (वि०) 1 जो गाया न जा सके 2 जिसका वर्णन
घूम-घूम कर कार्यों का निरीक्षण करनेवाला अधिकारी न हो सके, अवर्णनीय, अकथनीय गिर्दावरी-फा० (स्त्री०) गिरदावर का काम और पद गीतात्मक-सं० (वि०) गतिमय गिल-फ्रा० (स्त्री०) 1 मिट्टी 2 गीली मिट्टी 3 गारा। ~कार | गीति, गीतिका-सं० (स्त्री०) गान, गीत। -काव्य (पु०) (पु०) मिट्टी का पलस्तर करनेवाला; ~कारी (स्त्री०) ऐसा काव्य जो गाने के लिए ही लिखा हो; नाट्य (पु.) दीवारों पर पलस्तर करने का काम
ऐसा नाटक जिसमें पद्य की प्रधानता हो; नाट्यकार (पु०) गिलगिला-(वि०) 1 गीला और नरम 2 करुणा आदि के गीतिनाट्य की रचना करनेवाला; ~रूपक (पु०) = गीति कारण रोमांचित
नाट्य गिलगिलिया-(स्त्री०) सिरोही नाम की चिड़िया
गीधा-सं० (स्त्री०) 1 वाणी 2 गीत गिलट-अं० (पु०) 1 ऐसी वस्तु जिस पर सोने, चाँदी आदि का | गीदड-I (पु०) भेड़िये की जाति का एक जानवर जो लोमड़ी से
पानी चढ़ा हो 2 सोने, चाँदी आदि का पानी चढ़ाने की क्रिया | मिलता जुलता होता है, सियार, श्रृंगाल II (वि०) डरपोक । गिलटी-(स्त्री) 1 शरीर के अंदर संधि स्थल पर होनेवाली ल्म की (स्त्री०) डराने के लिए झूठी धमकी गोल गाँठ 2 शरीर के विभिन्न अंगों में गाँठ निकलने का रोग गीदी-फ्रा० (वि०) 1 गीध संबंधी 2 कायर, डरपोक (जैसे-गले की गिलटी)
गीष-(पु०) = गिद्ध से० (पु०) निगलना
ग्रीवत-अ० (स्त्री०) 1अनुपस्थिति, गैर हाजिरी 2 चुग़ली