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खटक
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खत
(स्त्री०) 1खटखट की ध्वनि 2 झंझट झमेला; ~पट | खटेटी-बो० (स्त्री०) बिना बिस्तर की चारपाई, खाली खाट (स्त्री०) 1दो वस्तुओं के टकराने से उत्पन्न ध्वनि | खटोला-(पु०) छोटी खाट 2 वैर-विरोध, अनबन 3 आपस की फूट; पटिया I | खटोली-(स्त्री०) = खटिया (वि०) 1 झगड़ालू 2 उपद्रवी II (स्त्री०) काठ का बना | खट्टा-(वि०) खटास युक्त पदार्थ (जैसे-खट्टा फल, खट्टा चप्पल, चट्टी
आम)। ~मीठा (वि०) खटमीठा; होना अप्रसन्न एवं खटक-(स्त्री०) 1 खटकने का भाव 2 चुभन, टीस 3 खटका, उदासीन होना; खट्टी मीठी बातें सुनना जली कटी बातें
आशंका (जैसे-यह बात कुछ खटक पैदा करती है) सुनना, अनुचित बातें सुनना; खट्टे-मीठे दिन अच्छे-बुरे दिन खटकना-(अ० क्रि०) 1 खटका होना 2 चुभना 3 बुरा लगना, खट्टी-बो० (स्त्री०) 1 खट्टी नारंगी 2 नींबू खलना
खटू-(वि०) कमानेवाला खटका-(पु०) 1 आशंका 2 चिंता- (जैसे-खटका लगना) ! खट्वांग-सं० (पु०) चारपाई के अंग 3 खट से होनेवाला शब्द, आहट 4 सिटकनी 5 पेंच खट्वा-सं० (स्त्री०) खाट, चारपाई खटकाना-(अ० क्रि०) 1 खटखटाना 2 भड़काना 3 बिगाड़ खड्जा -(पु०) ईंटों की खड़ी जोड़ाई कराना
खड़-(पु०) खर, घास खटखटा-(पु०) = खड़खड़ा
खड़कना-(अ० क्रि०) 1 खड़खड़ शब्द होना 2 खटकना खटखटाना-(स० क्रि०) आघात करके खटखट शब्द उत्पन्न | खड़खड़ा-(पु०) 1 = खटखटा 2 = खड़खड़िया करना (जैसे-दरवाज़ा खटखटाना)
खड़खड़ाना-I (अ० क्रि०) 1 खड़खड़ शब्द होना 2 घबराहट खटखटिया-(स्त्री०) खड़ाऊँ
में पड़ना II (स० क्रि०) 1 खड़खड़ ध्वनि करना 2 विचलित खटना-I (स० क्रि०) कमाना, उपार्जन करना II (अ० क्रि०) करना कठोर श्रम करना
खड़खड़ाहट-(स्त्री०) खड़खड़ करने एवं होने की अवस्था खटपाटी-(स्त्री०) खाट की पाटी। ~लगना/लेना रूठकर खड़खड़िया-(स्त्री०) 1 एक तरह की पालकी 2 गाड़ी का जा लेटना
ढाँचा खटबुना-(पु०) खाट बुननेवाला व्यक्ति
खड़बड़-(स्त्री०) 1 टकराहट से उत्पन्न ध्वनि 2 खलबली खटमल-(पु०) मटमैले उन्नाबी रंग का रक्त चूसनेवाला एक | खड़बड़ाना-I (अ० क्रि०) 1 घबराना 2 अस्त-व्यस्त होना प्रसिद्ध कीड़ा, उडुस
II (स० क्रि०) खड़बड़ करना खटमिट्ठा, खटमीठा-(वि०) खट्टा और मीठा खड़बड़ाहट, खड़बड़ी-(स्त्री०) 1 बेतरतीबी 2 खलबली (जैसे-खटमिट्ठा फालसा)
3 घबराहट खटर-पटर-(पु०) छोटी-छोटी वस्तुओं के इधर-उधर होने का | खड़मंडल-सं० + हिं० + सं० (पु०) गड़बड़, गोलमाल शब्द
खड़ा-(वि०) 1 ऊपर को सीधा उठा, लंबरूप 2 पावों पर स्थित खटराग-(पु०) 1लड़ाई-झगड़ा 2 झंझट,बखेड़ा 3 ठहरा हुआ 4 रुका हुआ (जैसे-खड़ा व्यक्ति) 5 उद्यत, 3 कूड़ा-करकट
तैयार (जैसे-कुश्ती के लिए खड़ा आदमी)। खड़ी चढ़ाई खटला-(पृ०) 1 बाल-बच्चे, परिवार 2 पत्नी 3 कान में बाली (स्त्री०) सीधी चढ़ाई; खड़ी पाई (स्त्री०) पूर्ण विराम जैसा पहनने का छेद
चिह्न; खड़े-खड़े (क्रि० वि०) तुरंत; खड़े पाँव लौटना बिना खटवाटी-(स्त्री०) = खटपाटी
रुके वापस आना खटाई-(स्त्री०) 1 खट्टा होने की अवस्था 2 खट्टी वस्तु। में खड़ाऊँ-(स्त्री०) काठ की बनी खुली खूटीदार पादुका डालना (काम) लटकाए रखना; ~में पड़ना टल जाना, | | खड़ाका-I (क्रि० वि०) चटपट, तुरंत II (पु०) खड़-खड़ (काम का) लटक जाना
शब्द, खटका खटाक-(पु०) वस्तु का गिरकर या टकराकर टूटने का शब्द | खड़िका, खड़िया-सं० (स्त्री०) 1 सफ़ेद-मुलायम मिट्टी खटाखट-I (पु०) खट-खट की आवाज़ II (क्रि० वि०) | 2 इस मिट्टी की बनी बत्ती। मिट्टी (स्त्री०) = खड़िया; 1खट-खट की ध्वनि सहित 2 तुरंत, चटपट 3 लगातार शब्द | ~में कोयला अच्छे में बुरे का मिश्रण करते हुए
खड़ी बोली-(स्त्री०) आधुनिक हिंदी का रूप खटाना-I (अ० क्रि०) खट्टापन आना II (अ० क्रि०) | खड्ग-सं० (पु०) तलवार। कोश (पु०) म्यान; ~धारा 1 गुजारा होना 2 टिकना 3 परख में ठीक उतरना III (स० (स्त्री०) 1 तलवार का फल 2 अत्यधिक कठिन कार्य; क्रि०) मेहनत से काम लेना
हस्त (वि०) जिसके हाथ में तलवार हो खटाव-(पु०) निबाह, निर्वाह
खड्गिक-सं० (पु०) तलवारधारी खटास-(स्त्री०) = 1 खटाई 2 खट्टापन
खड्ड्-(पु०) अत्यंत गहरा गड्ढा खटिक-(पु०) फल एवं सब्जी आदि का व्यवसाय करनेवाली | खड्ढा-(पु०) = 1 खड्ड 2 गड्ढा एक जाति
खत-अ० (पु०) 1 पत्र, चिट्ठी 2 लिखावट 3 जो कुछ लिखा खटिका-सं० (स्त्री०) खड़िया
जाए, लेख 4 दाढ़ी एवं मूंछों के बाल की रेख (जैसे-ख़त खटिया-(स्त्री०) छोटी खाट, चारपाई
काटना)। कशी + फ़ा० (स्त्री०) 1 रेखाएँ खींचना खटी-(स्त्री०) खड़िया
2 लिखने का काम; किताबत (स्त्री०) 1 पत्र-व्यवहार, चिट्ठी-पत्री 2 लिखा-पढ़ी