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खसकना
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खाता
खसकना-(अ० क्रि०) 1चुपचाप चले जाना, खिसकना - II (पु०) बो० .. खाँप 2 बच्चे का घुटनों के बल खिसकना
खाँदना-(स० क्रि०) बो० 1 दबाना 2 खोदना खसकाना-(स० क्रि०) 1 इधर-उधर करना 2 गुप्त रूप से खाँप-(स्त्री०) 1 फाँक 2 टुकड़ा कुछ लेकर चले जाना
खाँपना-(स० क्रि०) बो० 1 खोंसना 2 जड़ना खसखस-(पु०) = खुशखाश, पोस्त के दाने
खाँभना-(स० क्रि०) बंद करना खसखसा-(वि०) I = खस्ता II 1 पोस्ते के दानों की तरह खाँसना-(अ० क्रि०) 1 झटके से हवा के बाहर निकलते समय (जैसे-खसखसी दाढ़ी)
__ होनेवाली आवाज़ 2 बलम आदि का बाहर आना खमखसी-(वि०) 1 खसखस के रंग का, कुछ मटमैला सफ़ेद खाँसी-(स्त्री०) 1 खाँसने की क्रिया 2 एक प्रकार का निरंतर 2 महीन, छोटा
खाँसने का रोग (जैसे-काली खाँसी) खसना-(अ० क्रि०) बो० 1 खिसकना 2 गिरना
खाई-(स्त्री०) 1खंदक 2 युद्ध में खोदे जानेवाले गड्ढे खसम-अ० (पु०) 1 पति, खाविंद 2 स्वामी। ~करना पर (जैसेरेंगने की खाई) पुरुष से संबंध बनाना
खाऊ-(वि०) 1 बहुत खानेवाला (जैसे-खाऊ बीर) 2 घूस खसरा-[ फ़ा० (पु.) 1 पटवारी की ऐसी बही जिसमें खेत । लेनेवाला, रिश्वतखोर
संबंधी अनेक बातें लिखी जाती हैं 2 हिसाब-किताब का | खाक-फ़ा० (स्त्री०) 1 धूल 2 मिट्टी 3 राख। दान (पु०) चिट्ठा II (पु०) एक प्रकार का दानेदार संक्रामक रोग, कूड़ा फेकने का पात्र; ~पत्थर + हिं० (अ०) कुछ नहीं मसूरिका (जैसे-बच्चे को खसरा निकलना)
(जैसे-मैं खाक-पत्थर समझा); ~बाज़ी (स्त्री०) ~रोब खसलत-अ० (स्त्री०) आदत, स्वभाव
(पु०) झाडू देनेवाला, भंगी; ~सार (वि०) 1 तुच्छ, नाचीज़ खसाना-(स० क्रि०) 1 ढकेलना 2 फेंकना 3 गिराना 2 दीन; ~सारी (स्त्री०) 1 दीनता 2 तुच्छता 3 विनम्रता; खसारा-अ० (पु०) 1 नुकसान, हानि 2 घाटा (जैसे-खसारा ~उड़ना 1 बदनामी होना 2 विनाश चिह्न दिखाई देना; उठाना)
उड़ाना 1 व्यर्थ का काम करना 2 व्यर्थ इधर-उधर मारे-मारे खसिया-अ० + हिं० (वि०) बधिया, नपुंसक
फिरना; का पुतला मनुष्य; चाटना 1 धूल चाटना खसी-अ० (वि०) 1 जिसके अंडकोष निकाल लिए गए हों, 2 दीनता दिखाना; छानना 1 हैरान होना, मारा-मारा फिरना बधिया (जैसे-ख़सी करना) 2 हिजड़ा
2 खोजना, ~डालना 1 पर्दा डालना, छिपाना 2 भूल जाना; खसीस-अ० (वि०) कंजूस, कृपण
बरसना उजाड़ लगना; ~में मिलना 1 धूल में मिलना खसोट -I (स्त्री०) लूट, छीना-झपटी II (वि०) 2 नष्ट होना; ~में मिलाना बर्बाद कर देना; सियाह कर खसोटनेवाला (जैसे-कफ़न खसोट)
देना 1 जलाकर राख करना 2 नष्ट कर देना; ~पर उड़ाना खसोटना-(स० क्रि०) बलपूर्वक उखाड़ना, नोचना मातम मनाना, शोक करना (जैसे-बाल खसोटना)
खाका-फ़ा० (पु०) 1 ढाँचा 2 मानचित्र (जैसे-खाका भरना, खस्तगी-फ़ा० (स्त्री०) खस्तापन
खाका खींचना)। उड़ाना उपहास करना खस्ता-फा० (वि०) 1 भुरभुरा एवं मुलायम, कुरकुरा | खाकी-फ़ा० (वि०) 1 मिट्टी के रंग का, भूरा (जैसे-खाकी (जैसे-खस्ता पापड़, खस्ती पकौड़ी) 2 दुर्दशाग्रस्त । हालत पोशाक) 2 मिट्टी का। ~अंडा 1 गंदा अंडा, बयंडा 2 वर्ण
संकर, दोगला खस्वस्तिक-सं० (पु०) शीर्षबिंदु
खाज-(स्त्री०) खुजली, ख़ारिश खस्सी-अ० (वि०) बधिया
खाजा-(पु०) 1 खाने की वस्तु 2 मैदे की बनी एक प्रसिद्ध खाँ-फा० (पु०) = ख़ान
मिठाई खाँखर-बो० (पु०) 1 जिसमें बहुत से छिद्र हों 2 झीना | खाट-(स्त्री०) चारपाई, खटिया (जैसे-खाट बिछाना)। खाँग-I (पु०) बो० 1 काँटा, कंटक 2 जंगली सूअर का बाहर ~खटोला (पु०) गृहस्थी का सामान, बोरिया बंधना; निकला दाँत 3 गैंडे की नाक पर की सींग 4 पक्षियों के पैर का ~कटना सख्त बीमार पड़ना; ~पर पड़ना अस्वस्थ होना, काँटा 5 खुरपका रोग II (स्त्री०) बो० 1 छीजन 2 कसर, त्रुटि बीमार होना; ~से उतारा जाना मरणासन्न होना; ~से खाँगड़, खाँगड़ा-(वि०) 1 जिसे खाँग रोग हो 2 हथियार बंद लगना रोग से अशक्त हो जाना 3 ताकतवर
खाड़ी-(स्त्री०) 1 समुद्र का भाग जो तीन तरफ़ स्थल से घिरा खाँच-बो० (स्त्री०) 1 खाँचने की क्रिया 2 खाँचने से बना हो (जैसे-बंगाल की खाड़ी, कच्छ की खाड़ी) 2 गड्ढा, गर्त निशान
खात-(पु०) 1 खोदने का काम, खोदाई 2 गड्ढा खाँचा-(पु०) टोकरा, झाबा
खातमा-अ० (पु०) 1 अंत, समाप्ति 2 मृत्यु खाँची-(स्त्री०) = बँचिया
खाता-I (पु.) 1 आय-व्यय एवं लेन-देन आदि का लेखा खाँड-(स्त्री०) कच्ची चीनी। ~की रोटी जहाँ तोड़ो वहाँ 2 ऐसी बही जिसमें लेन-देन क्रमिक रूप में लिखा जाता है मीठी
3 मद, विभाग II (पु०) अनाज रखने का गड्ढा, बरवार । खाना-(स० क्रि०) बो० 1 खंड-खंड करना 2 चबाना 3 दाँत बही (स्त्री०) ऐसी बही जिसमें विभिन्न मदों, व्यक्तियों के से काटना
अलग-अलग खाते बने होते हैं;~खोलनालेन-देन आरंभ खाँडा-I (पु०) सीधी एवं चौड़ी तलवार (जैसे-खाँडा बजना) | करना
दुर्गति