________________
खुरहर
198
झूटना
खुरहर-(पु०) बो० 1 पशुओं के खुर का निशान, खुर की छाप खत + अ० (वि०) 1 सुंदर लिखनेवाला, सुलेखक 2 पगडंडी
2 स्पष्ट एवं सुंदर अक्षरों में लिखा हुआ; -खती + अ + खरा-(पु०) 1 खुरपका रोग 2 हल के फाल में लगाया फ़ा० (स्त्री०) स्पष्ट एवं सुंदर लिखावट; खबरी + अ० . जानेवाला काँटा
फ़ा० (स्त्री०) शुभ समाचार, मंगल संदेश; खश अ० खुराई-(स्त्री०) पशुओं के आगे या पीछे के दोनों पैरों को एक खुशी-खुशी, प्रसन्नता पूर्वक; गवार (वि०) 1 प्रिय साथ बाँधनेवाली रस्सी
2 सुखद; ~गुज़रान (वि०) सुखमय जीवन व्यतीत खुराक-फा० (स्त्री०) 1 भोजन, खाना 2 भोजन की एक समय करनेवाला; -दिल (वि०) प्रसन्नचित्त; नवीस (वि०)
की नियत मात्रा 3 दवा की खुराक। -बंदी (स्त्री०) कब स्पष्ट एवं सुंदर लिखनेवाला, सुलेखक, खुशखत; नवीसी खुराक देनी है इसकी व्यवस्था
(स्त्री०) 1 सुंदर एवं स्पष्ट लिखावट 2 सुंदर एवं स्पष्ट लिखने खराकी-I फ्रा० (वि०) अधिक भोजन करनेवाला II (स्त्री०) की कला; नसीब + अ० (वि०) = खुशकिस्मत; 1 खाने का खर्च 2 भोजन सामग्री
नसीबी + अ० (स्त्री०) - खुशकिस्मती, नुमा खुराघात-सं० (पु०) 1 खुर से किया गया प्रहार 2 टाप से (वि०) भला लगनेवाला, सुंदर; ~पोश (वि०) अच्छे मारना
कपड़े पहननेवाला; ~फहमीअ० + फ़ा (स्त्री०) ठीक खुराफात-अ० (स्त्री०) 1 शरारत 2 गालीगलौज 3 अश्लील समझ; बयान + अ० (वि०) अच्छे ढंग से वर्णन बातें (जैसे-खुराफात उठाना)
करनेवाला, सुवक्ता; बू (स्त्री०) सुगंधि; बू-दार खुरिया-(स्त्री०) कटोरी, छोटी प्याली
(वि०) सुगंधियुक्त, सुगंधित, मिज़ाज + अ० (वि०) खुरी-(स्त्री०) सुम का निशान, खर-छाप (जैसे-पशु की 1 अच्छे स्वभाववाला (जैसे-खुशमिज़ाज इसान) खुरी)। ~करना जल्दी मचाना
2 प्रसन्नचित्त, हँसमुख; हाल + अ० (वि०) संपन्न, सुखी; खुर्द-फा० (वि०) छोटा, लघु। -बीन (स्त्री०) अणुवीक्षण हाली + अ० + फ़ा० (स्त्री०) 1 खुशहाल होने की यंत्र, सूक्ष्मदर्शक यंत्र; -बुर्द I (पु०) 1 खा-पी जाना अवस्था 2 संपन्नता (जैसे-घर की खुशहाली) 2 राबन, खयानत II (वि०) नष्ट-भ्रष्ट; ~साल (वि०) खुशामद-फा० (स्त्री०) झूठी प्रशंसा, चापलूसी 1 कमसिन 2 छोटा; ~साली (स्त्री०) 1 कमसिनी 2 बचपन (जैसे-खुशामद करना) खा-I फ्रा० (पु०) साधारण वस्तु II (वि०) खाया हुआ, खुशामदी-फ़ा० (वि०) खुशामद करनेवाला, चापलूस भक्षित III (अ०) थोड़ी मात्रा में
खुशी-फा० (स्त्री०) 1 प्रसन्नता 2 मर्जी, इच्छा (जैसे-आपकी झुर्रा-(वि.) = खुरखुरा
खुशी से मेरा काम हो जाएगा)। ~का सौदा ऐसा काम जो खुर्राट-(वि०) 1 धूर्त, काइयाँ 2 अनुभवी 3 वृद्ध, बूढ़ा स्वेच्छा से किया जाए; ~से फूल उठना अति प्रसन्न होना, खुलता-(वि०) खुला हुआ (जैसे-खुलता मकान)
खिल उठना खुलना-(अ० क्रि०) 1आवरण हटना 2 रोक हटना खुश्क-फ़ा० (वि०) 1रूखा 2 सूखा 3 अरसिक, नीरस (जैसे-फाटक का खुलना) 3 बंधन छूटना (जैसे-बेड़ियाँ (जैसे-खुश्क मिज़ाजवाला)। ~साली (स्त्री०) । अनावृष्टि खुलना) 4 दरार होना 5 अलग होना (जैसे-साड़ी का पल्ला 2 अकाल खुलना) 6 उधड़ना (जैसे-सिलाई खलना) 7 मनोभाव प्रकट खुश्का-फा० (पु०) पानी में पका हुआ चावल करना 8 (रंग) साफ़ होना 9 उदित होना (जैसे-भाग्य खुश्की -फ़ा० (स्त्री०) 1 रूखापन 2 सूखापना 3 नीरसता, खलना) 10 स्थापित होना (जैसे-विद्यालय खलना)। रसहीनता 4 अवर्षण 5 सूखी ज़मीन, स्थल खुलकर 1 निःसंकोच 2 प्रकट रूप में; बिरादरी में खुस-खुस-(वि०) = खुसुर-फुसुर हुक्का-पानी खुलना एक बार फिर सम्मान मिलना, दोबारा खुसफुसाहट-(वि०) खुसुर-फुसुर मेलजोल होना
खुसिया-अ० (पु०) अंडकोश, फोता खुला-(वि०) 1 प्रकट 2 ज़ाहिर 3 जो बंद न हो (जैसे-खला खुसियाबरदार-अ० + फ़ा० (वि०) सभी तरह की सेवा करके दरवाजा) 4 जो बैंधा न हो (जैसे-खुला हआ बैल) 5 जो बंद | खुश करनेवाला न हो (जैसे-खुला पानी का नल) 6 जो तंग न हो (जैसे-खुला | खुसियाबरदारी-अ० + फ़ा० (स्त्री०) खुश करने के लिए रास्ता)। खुली मुट्ठी झेना दान देने में उदार होना; खुले घटिया से घटिया सेवा करना आम, खुले खज़ाने, खुले बंदा, खुले बाज़ार, खुले खुसुर-फुसुर-I (स्त्री०) कानाफूसी II (क्रि० वि०) मैदान बेधड़क, सबके सामने, अलानिया; खले दिल का कानाफूसी में उदार, साफ़ दिल; खुले दिल से उदारतापूर्वक
खुसूसन्-अ० (क्रि० वि०) खास तौर पर, विशेषतः खुलासा-I अ० (पु०) सारांश (जैसे-खुलासा निकालना) II खुसूसियत-अ० (स्त्री०) 1 विशेषता 2 मेल, सौहार्द
(वि०) 1 खुला हुआ 2 विस्तृत 3 स्पष्ट 4 बिना रुकावट का खुही-(स्त्री०) = खोई खुल्लम,खुल्ला -(क्रि० वि०) 1 खुलकर, सबके सामने वखार, बख्खार-फा० (वि०) 1 हिंसक 2 अत्यधिक क्रूर, 2 सबको सूचित करते हुए |
निर्दयी खश-फा० (वि०) 1 प्रसन्न 2 सुखी (जैसे-खुश होना, खुश | बैट-(पु०) 11 कपड़े आदि का छोर 2 किसी ओर का सिरा करना)। किस्मत + अ० (वि०) भाग्यवान; किस्मती 3 दिशा 4 भाग, खंड II कान का मैल + अ० + फ्रा० (स्त्री०) सौभाग्य (जैसे-खुशकिस्मती से); | बँटना-(स० क्रि०) 1खोंटना (जैसे-मेंहदी टना)
2 छेड़-छाड़ करना 3 रोकना