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खूँटा
खूँटा - ( पु० ) मेख (जैसे- गाय बाँधने का खूँटा) गाड़ना 1 जम जाना 2 केंद्र निश्चित करना
खूँटी - (स्त्री०) 1 छोटी मेख 2 कपड़े आदि टांगने की दीवार में लगी हुक 3 चक्की की किल्ली (जैसे-चक्की की खूँटी
कसना)
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खुदना - (अ० क्रि०) 1 टाप से ज़मीन खोदना 2 पाँव पटकना 3 पाँव से रौंदना खूगीर - फा० (पु० ) 1 ज़ीन के नीचे का ऊनी कपड़ा 2 चारजामा, ज़ीन 3 रद्दी सामान
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खून फा० (पु० ) 1 लहू, रक्त 2 हत्या, क़त्ल । खच्चर + हिं० (पु०) खराबा + अ० (पु०), खराबी अ० + फ़ा० (स्त्री०) मार-काट, खून-क़त्ल पसीना हिंο (पु० ) कड़ा परिश्रम; ~रेज़ (पु०) खून बहानेवाला; रेज़ी (स्त्री०) खून खच्चर; ~ उतरना अत्यधिक क्रुद्ध होना; ~का जोश सगे न की मुहब्बत, ममता का प्यासा जानी दुश्मन के आँसू रोना अत्यधिक विलाप करना; ~के घूँट पीना क्रोध सह जाना; ~खौलना गुस्से से लाल होना; पानी होना 1 बहुत ग़म होना 2 बेहद तकलीफ़ होना; पीना 1 बहुत सताना 2 मार डालना; बहाना रक्तपात करना, क़तल करना; मुँह को लगना 1 काटने की आदत पड़ जाना 2 चाट लगना; ~ सफ़ेद हो जाना 1 मानवता न रह जाना 2 निष्ठुर होना; सिर पर चढ़कर बोलता है हत्या का पाप नहीं छिपाया जा सकता; सिर पर चढ़ना, सिर पर सवार होना 1 खून करने पर आमादा हो जाना 2 घबराहट प्रकट होने लगना; सूख जाना डर जाना; ~होना जान जाना
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खूनी - I फ़ा० ( वि० ) 1 खून संबंधी, खून का 2 खून से भरा हुआ 3 खून करनेवाला, हत्यारा (जैसे- खूनी व्यक्ति ) II (पु० ) हत्यारा
खूब - I फ़ा० (वि०) 1 अच्छा, बढ़िया 2 सुंदर II ( अ० ) 1 अच्छी तरह 2 बहुत 3 वाह। सूरत + अ० (वि०) सुंदर, रूपवान् सूरती + अ० + फ़ा० (स्त्री०) सुंदरता खूबड़-खाबड़ - (वि०) ऊपर-नीचे, ऊँचा-नीचा (जैसे- खूबड़-खाबड़ जगह )
खेला-खाया
करना; कमाना खेत को उपजाऊ बनाना; ~करना 1 खेत समतल करना 2 युद्ध करना; काटना खड़ी फ़सल चोरी करना; छोड़ना भाग जाना, पीठ दिखलाना; रखना युद्ध में शत्रु को मारना, शत्रु को न जीतने देना; ~ रहना युद्ध में
मारा जाना
खेतिहर - ( पु० ) किसान, कृषक। किसान (पु० ) खेतिहर ; ~दल सं० (पु० ) किसानों का समूह; देश
सं० (पु० ) कृषि प्रधान देश मज़दूर + फ़ा० (पु० ) खेत मज़दूर
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खेती - (स्त्री०) 1 किसानी 2 खेत की फ़सल (जैसे-खेती काटना, खेती मारी जाना) । -किसानी (स्त्री०) खेती; ~बाड़ी, बारी (स्त्री०) खेती; भूमि + सं० (स्त्री०) खेती किए जाने योग्य भूमि व्यवस्था ( स्त्री०)
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खूबानी - फ़ा० (स्त्री०) एक बढ़िया फल, जरदालू खूबी - फ़ा० (स्त्री०) 1 अच्छाई, अच्छापन 2 विशेषता 3 भलाई खूसट - (वि० ) 1 मूर्ख 2 शुष्क हृदय खुष्टीय-अं० खेचर -सं० (पु०) 1 पक्षी 2 ग्रह
+ सं० (वि०) ईसा का
खेचरी-सं० (स्त्री०) आकाश में उड़ने की शक्ति खेजड़ी - (स्त्री०) एक प्रकार का वृक्ष खेटक, खेट-सं० (पु० ) 1 किसानों की बस्ती 2 ढाल 3 आखेट
खेड़ा - (पु० ) 1 छोटा गाँव 2 रद्दी अन्न । पति + सं० (पु० ) गाँव का पुरोहित, मुखिया
खेड़ी - (स्त्री०) 1 एक तरह का इस्पात 2 आँवल खेत - (पु० ) 1 फ़सल उत्पन्न करने हेतु ज़मीन एवं क्षेत्र 2 खेत में खड़ी फ़सल (जैसे-खेत काटना) 3 युद्ध क्षेत्र, समरभूमि । ~ खलिहान ( पु० ) खेत आदि; मज़दूर + फ़ा० (पु० ) खेत में काम करनेवाला श्रमिक आना वीरगति प्राप्त
खेती
खेद-सं० (पु० ) दुःख, रंज (जैसे-खेद प्रकट करना, खेद होना) । चकित (वि०) दुःखी जनक (वि०) 1 दुःख देनेवाला 2 शोचनीय प्रदर्शन (पु० ) दुःख प्रकटन खेदना - (स० क्रि० ) = खदेड़ना खेदा - ( पु० ) 1 हँकवा 2 आखेट, शिकार खेदित-सं० (वि०) 1 दुखी किया गया 2 थका हुआ, शिथिल खेना- (स० क्रि०) 1 पतवार चलाना, डाँड़ मारना (जैसे-नदी में नाव खेना) 2 व्यतीत करना, गुज़ारना (जैसे- संकट के दिन खेना) खेनेवाला - (पु० ) खेवनहार खेप - (स्त्री०) 1 बोझ 2 एक बार में ढोया जानेवाला बोझ 3 एक फेरा। ~ हारना 1 घाटा उठाना 2 मेहनत बेकार जाना खेपना - (स० क्रि०) 1 = खेना 2 सहन करना खेमा - अ० (पु० ) डेरा, तंबू । गाह + फ़ा० (स्त्री०) तंबू गाड़ने की जगह; गाड़ना पड़ाव डालना, टिकना खेल - (पु० ) 1 मन बहलाव के लिए की जानेवाली चेष्टा, क्रीड़ा 2 करतब 3 तमाशा 4 अभिनय 5 लीला । -कूद (स्त्री०) 1 उछल-कूद 2 खेलक्रीड़ा (जैसे- खेल-कूद का मैदान); -कूद समारोह + सं० (पु०) खेल-क्रीड़ा हेतु एकत्र होना; ~टिप्पणीकार सं० (पु०) खेल की आलोचना करनेवाला; ~ करना हँसी में उड़ाना, उपेक्षा करना; के दिन 1 लड़कपन 2 खेलने-खाने के दिन; खेलना कोई अप्रत्याशित बुरा काम करना; बिगाड़ना काम बिगाड़ना; ~ समझना आसान काम जानना खेलना-I (अ० क्रि०) 1 उछलना-कूदना 2 क्रीड़ा करना 3 अभुआना II (स० क्रि०) 1 कोई खास खेल खेलना (जैसे- जुआ खेलना ) 2 अभिनय करना (जैसे- नाटक खेलना ) । ~ खाना (स० क्रि०) खेलने-खाने से मतलब रखना, निर्द्वद्व होकर जीवन का मज़ा लूटना, मौज-मस्ती करना; जान पर ख़तरा मोल लेना खेलवाड़ - (पु० ) खेल खेलवाड़ी - (वि०) खेल-कूद में अधिक रुचि रखनेवाला खेलवाना - (स० क्रि०) 1 किसी अन्य को खेलने में प्रवृत्त करना 2 अपने साथ अन्य को खेलने देना खेला-खाया - (वि०) जिसने विलासिता के सुख का अनुभव एवं ज्ञान प्राप्त किया हो
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