________________
ग
खोमचा 201
गंज खोमचा-(पु०) = खोनचा
ख्रिष्टीय-अं० + सं० (वि०) ख्रिष्ट संबंधी, मसीही खोया-(पु०) दूध औटने से बना हुआ नया पदार्थ ख्रीष्ट-अं० (पु०) ईसा मसीह खोर-(स्त्री०) 1 सँकरी गली, कूचा 2 नाँद
ख़्वाजा-फ़ा० (पु०) फ़कीर, महात्मा खोरना-(स० क्रि०) स्नान करना, नहाना
ख़्वान, ख़्वानचा-फा० (पु०) = खोनचा खोरनी-(स्त्री०) भट्टी में ईंधन रूप में झोंकी जानेवाली लकड़ी । ख्वाब-फ़ा० (पु०) 1 स्वप्न, सपना 2 सोने की अवस्था, नींद। खोरा-I (पु०) छोटा कटोरा, प्याला II (वि०) लूला-लंगड़ा गाह शयनागार, शयनकक्ष खोराक-फ़ा० (स्त्री०) = खुराक
ख्वाबी-फ़ा० (वि०) चाब का खोरिया-(स्त्री०) बो० छोटी कटोरी
ख्वार-फा० (वि०) 1 तबाह, नष्ट भ्रष्ट 2 बेइज़्ज़त, ज़लील खोरी-(स्त्री०) सँकरी गली
ख़्वारी-फ़ा० (स्त्री०) 1 दुर्गत, दुर्दशा 2 बेइज्जती खोल-(पु०) 1 आवरण (जैसे-दाँत पर खोल चढ़ाना) ख्वास्तगार-फ़ा० (वि०) चाहनेवाला, इच्छुक 2 केंचुल 3 गिलाफ़ (जैसे-तकिये का खोल)
ख्वाह-फ़ा० (अ०) चाहे, अथवा, या खोलना-(स० क्रि०) | आवरण हटाना, अवरोध हटाना ख्वाहमख्वाह-फ़ा० (वि०) = ख़ाहमख़ाह (जैसे-खिड़की का पर्दा खोलना) 2 बंधन रहित करना ख्वाहाँ-फ़ा० (वि०) 1 इच्छुक 2 प्रेमी (जैसे-पैरों की बेड़ियां खोलना) 3 छेद करना (जैसे-फोड़े का ख्वाहिश-फा० (स्त्री०) अभिलाषा, चाह। ~मंद (वि०) = मुँह खोलना) 4 उधेड़ना (जैसे-कपड़े की सिलाई खोलना)
ख्वाहाँ 5 ज़ाहिर करना, प्रकट करना (जैसे-मन की बात खोलना) 6 आरंभ करना 7 स्थापित करना (जैसे-विद्यालय खोलना) 8कायरिंभ करना 9 अनुष्ठान आदि समाप्त करना (जैसे-रोज़ा खोलना) खोली-(स्त्री०) 1 तकिये आदि का ग़िलाफ़ 2 छोटी कोठरी खोशा-फा० (पु०) 1 फलों का गुच्छा 2 अनाज की बाल।
चीनी (वि०) दूसरे की विद्या, पांडित्य से लाभ उठानेवाला खोह-(स्त्री०) 1 गुफा, कंदरा 2 गहरा गड्ढा
गंग-(स्त्री०) गंगा। ~धर (पु०) शिव; बरा + फ़ा० खों-(स्त्री०) खात, गड्ढा
(स्त्री०) नदी की धारा से कटी हुई ज़मीन खौफ़-अ० (पु०) डर, भय, आतंक। नाक + फ़ा०
गंगा-सं० (स्त्री०) 1 भारतवर्ष की एक प्रसिद्ध एवं पवित्र नदी (वि०) डरावना, भयानक
जिसे लाने का श्रेय भगीरथ को माना गया है 2 भागीरथी, खौर-(पु०) 1 चंदन का आड़ा तिलक 2 तिलक लगाने का जाहनवी। गति (स्त्री०) 1मौत 2 मुक्ति, मोक्ष; पीतल का टुकड़ा 3 माथे पर पहने जाने योग्य स्त्रियों का एक जमनी, जमुनी + हिं० (वि०) गंगा और जमुना के गहना
मेल की तरह, दो रंगा, मिला जुला; -जल (पु०) गंगा नदी खौरना-(स० क्रि०) 1 तिलक लगाना 2 छेड़छाड़ करना का पवित्र एवं स्वच्छ पानी; जली + हिं० (स्त्री०) गंगाजल खोरहा-(वि०) 1 गंजा 2 खौरा रोगवाला
उठाने का छोटा सुराहीनमा पात्र; -जली उठाना कसम खाना; खोरा-(पु०) 1 सिर के बाल झड़ने का रोग, गंज 2 एक प्रकार द्वार हरिद्वार; ~धर (पु०) शिव; पुत्र (पु०) । भीष्य की खुजली जो पशुओं को होती है
2 पंडा; यात्रा (स्त्री०) मरणासन्न व्यक्ति को गंगातट पर ले खौलना-(अ० क्रि०) 1 उबलना 2 जोश खाना। मिजाज जाने की प्राचीन प्रथा, स्वर्गवास; ~लाभ (पु०) मृत्यु, खोलना-आवेश में आना
स्वर्गवास; ~सागर (पु०) एक प्रसिद्ध तीर्थस्थान; खौलाना-(स० क्रि०) 1 उबालना (जैसे-पानी खौलाना)
नहाना कर्तव्य पालन करके मुक्त होना 2 क्रुद्ध करना
गंगाल-(पु०) बड़ा जलपात्र, कंडाल खौहा-(पु०) अत्यधिक भोजन करनेवाला व्यक्ति, पेट्र एवं गंगावतरण-सं० (पु०) गंगा का स्वर्ग से पृथ्वी पर आना भुक्खड़ व्यक्ति
गंगेश-सं० (पु०) शिव ख्यात-I सं० (वि०) प्रसिद्ध, मशहूर II (पु०) कालवृत्त,
गंगोत्तरी-सं० (स्त्री०) गंगा के निकलने का स्थान, गंगा का इतिवृत्त
उद्गम स्थल ख्याति-सं० (स्त्री०) प्रसिद्धि, यश, शोहरत। प्राप्त (वि०)
गंगोदक-सं० (पु०) = गंगाजल = ख्यात
गंगोटी-(स्त्री०) 1 गंगा के किनारे की बालू 2 गंगा के किनारे ख्यापक-सं० (वि०) 1 घोषणा करनेवाला 2 अपराध स्वीकार की मिट्टी करनेवाला
गंज-(पु०) सिर के बाल झड़ने का रोग, गंजापन ख्यापन-सं० (पु०) 1 घोषणा करना 2 अपराध स्वीकार करना गंज-फा० (पु०) 1 ख़ज़ाना, धनराशि 2 ढेर, राशि 3 समूह, ख्याल-अ० (पु०) = ख़याल
झंड 4 अनाज रखने का कोठा। गोला + हिं० (पु०) तोप ख्याली-अ० (वि०) = ख़याली
का ऐसा गोला जिसमें बहुत सी गोलियाँ भरी हों; चाकू ख्रिष्टान-अं० (पु०) ईसाई, मसीही
(पु०) ऐसा चाकू जिसमें फल के अतिरिक्त अन्य उपकरण ख्रिष्टाब्द-अं० + सं० (पु०) ईस्वी सन्
कैंची आदि भी लगे हों