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गठवाँसी
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गढ़ाई
2 बोझ। मठरी (स्त्री०) गठरी में बँधा हुआ सामान; गड़बड़ी-(स्त्री०), गड़मड़ (वि०) = गड़बड़ ~कटना भारी रक़म हाथ से निकल जाना, ख़र्च होना; गड़रिया-(पु०) भेड़ बकरियाँ चरानेवाला
बाँधना सफर की तैयारी करना; ~मारना दूसरे का धन गड़वाँत-(स्त्री०) पहिए की लीक हड़प लेना, हथिया लेना
गड़वाना-(स० क्रि०) गाड़ने का काम किसी अन्य से कराना गठवाँसी-(स्त्री०) बिस्वे का बीसवाँ अंश, बिस्वासीं गड़हा-(पु०) गड्ढा गठवाना, गठाना-(स० क्रि०) 1 गठने-गाँठने का काम अन्य गड़ा-(पु०) ढेर, गाँज, राशि। बटाई (स्त्री०) फ़सल का
से कराना 2 बड़ी एवं मोटी गाँठें लगवाना 3 जोड़ लगवाना बिना माँड़े हुए बाँटा जाना गठाव-(पु०) = गठन
गड़ाना-(स० क्रि०) चुभाना, धंसाना गठित-(वि०) गठा हुआ
गड़ाप-(पु०) भारी वस्तु के डूबने का शब्द गठिया-(स्त्री०) 1 ऐसा थैला जिसमें अनाज भरकर घोड़ों आदि गड़ारी-(स्त्री०) 1 चरखी, घिरनी (जैसे-कुएँ की गरारी) पशुओं पर लादा जाता है, खुरजी 2 छोटी गठरी 3 शरीर के 2 घेरा, वृत्त। दार + फ़ा० (वि०) 1घेरदार 2 जिसमें जोड़ों में होनेवाला एक वातरोग। बाई, ~खाव (स्त्री०)
गरारी जैसा गड्ढा हो = गठिया
गड़ासा-(पु०) = गँडासा गठियाना-(स० क्रि०) 1 गाँठ देना 2 गाँठ में बाँधना गडु-सं० (पु०) = गंड माला (जैसे-धोती के पल्ले में पैसा गठियाना)
गडुआ-(पु०) एक प्रकार का टोंटीदार लोटा गठीला-I (वि०) 1 गठा हुआ, कसा हुआ (जैसे-गठीला | गडुई-(स्त्री०) छोटा गडुआ शरीर, गठीला बदन) 2 पुष्ट, दृढ़
गड़ेरिया-(पु०) 1 भेड़ पालनेवाली एक प्रसिद्ध जाति गठीला-II (वि०) अनेक गाँठोंवाला
2 गड़ेरिया जाति का व्यक्ति। -पुराण + सं० (पु०) गँवारू गठौत, गठौती-(स्त्री०)1 = गठजोड़ 2 काम और बात की बात-चीत एवं किस्सा-कहानी उपयोगिता 3 आपस में तय की गयी गुप्त बात
गडोलना-(पु०) बों बच्चों के खेलने की छोटी गाड़ी गडंग-I (पु०) अस्त्रागार, शास्त्रागार II बो० 1 घमंड, शेखी गड़ौना-(पु०) पकने के लिए ज़मीन में रखा जानेवाला एक 2 आत्मश्लाघा
तरह का पान गड़त-(स्त्री०) टोटके, जादू-टोने के लिए गाड़ी गई वस्तु गड्ड्-(पु०) 1गंज, थाक 2 ढेर 3 समूह। बड्ड, गड-सं० (पु०) 1 ओट, आड़ 2 घेरा, मंडल
~मड्ड-(वि०) 1 अव्यवस्थित रूप से मिला हुआ गड़कना-(अ० क्रि०) गड़-गड़ शब्द होना
2 अंडबंड, बेमेल - गड़कना-अ० + हिं० (अ० क्रि०) 1 ड्रबना 2 नष्ट होना गड्डर-सं० (पु०) 1 भेड़ा 2 भेड़ गड़गज-(पु०) = गरगज ।
गड्डरिका-सं० (स्त्री०) भेड़ों की पंक्ति। -प्रवाह (पु०) गड़-गड़-(स्त्री०) बादल की आवाज़
1 भेड़िया धसान 2 अविच्छिन्न प्रवाह गड़-गड़ा-(पु०) हुक्का जिसमें नली लगी हो
गड्डा-(पु०) 1 गट्ठा 2 एक तरह की चीज़ों का बंडल (स्त्री० गड़गड़ाना-(अ०) 1 गड़-गड़ होना (जैसे-हक्का गड़गड़ाना) 2 गरजना (जैसे-बादल गड़गड़ाना)
गड्डी-(स्त्री०) = गड्ड गड़गड़ाहट-(स्त्री०) गड़गड़ाने की आवाज़
गड्ढा (पु०), गड्ढी--(स्त्री०) 1 गढ़ा, गर्त (जैसे-गड्ढा गड़गड़ी-(स्त्री०) 1 बड़ी डुग्गी 2 छोटा नगाड़ा
पाटना, गड्ढे में गिरना) 2 आस-पास के तल का गहरा अंश गड़ना-(अ० क्रि०) 1 चुभना, फँसना 2 पीड़ा होना 3 घुसना
(जैसे-आँखों का गड्ढा ) । 4 गाड़ा जाना (जैसे-तार का खंभा गड़ना) 5 किरकिराना गढ़त-(वि०) कपोल-कल्पित (जैसे-मन-गढंत कहानी) (जैसे-धूल के कण से आँखें गड़ना) 6 स्थिर होना, टिकना गढ़-(पु०) 1 किला, कोट. दुर्ग (जैसे-गढ़ को जीत लेना, गढ़ (जैसे-मेरी आँखे उसके चेहरे पर गड़ गयीं)। गड़ जाना को घेर लेना) 2 मुख्य स्थान (जैसे-उपद्रवियों का ~)। अत्यधिक शर्मिंदा होना, लज्जा अनुभव करना
~पति + सं० (पु०) किले का प्रधान अधिकारी, किलेदार; गड़प-(स्त्री०) 1 पानी में डूबने का शब्द, बिना चबाए निगल बंदी + फ़ा० (स्त्री०) क़िला घेरना; रक्षा + सं० जाने की क्रिया। ~से 1 गड़प आवाज़ के साथ 2 झट, तुरंत; (स्त्री०) दुर्ग की रक्षा; ~वाल, ~वाला (पु०) = गढ़पति; लोना डूब जाना, फँस जाना
जीतना, ~तोड़ना 1 दुर्ग पर विजय प्राप्त करना 2 कठिन गड़पना-(स० क्रि०) निगलना, गपकना
कार्य पूरा करना गड़प्पा-(पु०) 1 भारी गड्ढा 2 बहुत दलदल
गढ़त, गढ़न-(स्त्री०) 1 गठन, बनावट 2 - गढ़त गड़बड़-I (वि०) 1 अस्त-व्यस्त, विश्रंखल 2 ऊट पटाँग II गढ़ना-(स० क्रि०) 1 स्थूल पदार्थ को तराशकर तैयार करना (स्त्री०) 1 अव्यवस्था 2 उपद्रव 3 खराबी। ~झाला (पु०)
(जैसे-पत्थर, शीशे की मूर्ति आदि गढ़ना) 2 काट-छाँटकर गोलमाल, अव्यवस्था
सुडौल बनाना 3 कल्पना करना (जैसे-किस्सा गढ़ना) गड़बड़ाना-I (अ० क्रि०) गड़बड़ होना II (स० क्रि०) 4मरम्मत करना, पीटना गड़बड़ करना
गढ़-बढ़-(स्त्री०) = गढंत गड़बड़िया-(वि०) गड़बड़ करनेवाला, अव्यवस्था उत्पन्न गढ़ा-(पु०) = गड्ढा करनेवाला
गढ़ाई-(स्त्री०) 1 गढ़ने का काम 2 गढ़ने का पारिश्रमिक