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खतखोट
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खतखोट-(स्त्री०) सूखेघाव पर जमनेवाली झिल्ली, खुरंड खतना-अ० (पु०) मुस्लिम बच्चों के लिंग की अगले हिस्से की
त्वचा काटने की रस्म, मुसलमानी, सुत्रत । खतम-अ० (वि०) 1 जो समाप्त हो गया हो (जैसे-पढ़ाई खत्म हो गई) 2 जिसकी मृत्यु हो गई हो (जैसे-कारीगर खत्म हो गया) खतर-अ० (पु०) = खतरा खतरनाक-अ० + फा० (वि०) 1 खतरे का, खतरे से भरा हआ (जैसे-खतरनाक कार्य) 2 भयजनक (जैसे-खतरनाक
आदमी) खतरा-अ० (पु०) 1 डर, भय 2 आशंका 3 जोखिम (जैसे-खतरे में पड़ जाना, खतरे से खाली, खतरे से बाहर होना)। पाँचना क्षति पहुँचना; ~मोल लेना संकट में | पड़ना खता-अ० (पु०) 1 अपराध, कसूर 2 भूल। ~वार + फ़ा० (वि०) अपराधी, दोषी (जैसे-खतावार निगाह); खाना हानि उठाना; खिलाना हानि करना; होना 1 कसूर होना 2 भूल जाना खतियाना-(स० क्रि०) खातों में लिखना खतियौनी-(स्त्री०) = खतौनी खतीब-अ० (पु०) 1 खुतबा पढ़नेवाला 2 मुसलमान |
धर्मोपदेशक खतौनी-(स्त्री०) 1 विभिन्न मदों के अलग-अलग खातेवाली बही 2 ऐसी बही जिसमें पटवारी काश्तकार के खेत-संबंधी सभी विवरण रखता है 3 खतियाने का काम खत्ता (पु०), खत्ती-(स्त्री०) 1 गड्ढा 2 ढेर खत्म-अ० (वि०) समाप्त खत्री-(पु०) क्षत्रियों के अन्तर्गत आनेवाली एक व्यापारी जाति
[स्त्री खत्रानीख खदबदाना-(अ० क्रि०) उबलने का शब्द करना खदरा--बो० (वि०) निकम्मा खदशा-अ० (पु०) 1 आशंका, भय 2 शक, संदेह खदान-(स्त्री०) = खान खदिर-सं० (पु०) 1 खैर का पेड़ 2 कत्था, खैर खदेड़ना, खदेरना-(स० क्रि०) बलपूर्वक हटाना, भगाना खद्दड़, खद्दर-(पु०) हाथ का कता बुना कपड़ा, खादी।
~धारी + सं० (पु०) खद्दर पहननेवाला व्यक्ति खद्योत-सं० (पु०) जुगनूं खन-I (पु०) मंजिल, खंड II (पु०) बो० समय का बहुत | छोटा भाग, पल,क्षण 2 समय, वक्त III (स्त्री०) रुपए पैसे के बजने की ध्वनि (जैसे-खन-खन करना) खनक-सं० (पु०) 1 खोदनेवाला 2 खान खोदनेवाला मज़दूर
3 सेंध लगानेवाला चोर खनक-(स्त्री०) (धातुओं की) खन-खन । दार + फ़ा०
(वि०) खन-खन की आवाज़ करनेवाला खनकना-(अ० क्रि०) खन-खन की ध्वनि होना खनकाना-(स० क्रि०) खन-खन की ध्वनि उत्पन्न करना खनकार-(स्त्री०) खनक, झंकार (जैसे-तलवारों की खनकार) खनखनाना-I (अ० क्रि०) - खनकना II (स० क्रि०) -
खनकाना
खनखनाहट-(स्त्री०) = खनकार खनन-सं० (पु०) खोदना, खुदाई खनना-(स० क्रि०) बो० खोदना खनवाना-(स० क्रि०) खोदने की क्रिया में अन्य को लगाना खनि-सं० (स्त्री०) = खान । जI (वि०) खान से निकला हुआ (जैसे-खनिज उद्योग, खनिज द्रव्य, खनिज नमक, खनिज लोहा, खनिज संपत्ति) II (पु०) खान से प्राप्त पदार्थ;
ज-विज्ञान (पु०) खान से हए उत्पादन एवं खान-विषयक तथ्यों की जानकारी का विज्ञान; ज-वैज्ञानिक (पु०) खनिज उत्पादक वस्तुओं के विषय की जानकारी रखनेवाला खनिक-सं० (पु०) 1 गड्ढा या खान खोदनेवाला व्यक्ति 2 खान का मालिक। -विद्यालय (पू०) ऐसी संस्था जहाँ
खान संबंधित विषयों का अध्ययन किया जाए खनिज-I सं० (वि०) खान से उत्पन्न II (पु०) खान से
उत्पन्न पदार्थ खनिजिकी-सं० खनिज विज्ञान खनित्र-सं० (पु०) खोदने का औज़ार खपची-(स्त्री०) 1 बाँस की पतली तीली 2 बाँस की फट्टी खपड़ा-(पु०) मकान छाने के लिए मिट्टी का बना एवं पकाया हुआ कुछ चौड़े आकार का टुकड़ा (जैसे-खपड़ा छाना) खपड़ी-(स्त्री०) 1मिट्टी की पूड़ी 2 छोटा खपड़ा खपड्रैल-(स्त्री०) खपड़े से छाई हुई छाजन (जैसे-खपडैल
डालना) खपत-(स्त्री०) 1 खपने का भाव 2 माल की बिक्री 3 खर्च
(जैसे-माल की खपत) खपना-(अ० क्रि०) 1 उपयोग में आना, लग जाना 2 समाप्त होना 3 समा जाना 4 नष्ट होना 5 मारा जाना (जैसे-युद्ध में सैनिकों का खपना) 6 परेशान होना (जैसे-सारा दिन खपने पर काम हो सका) खपरा-(पु०) = खपड़ा खपरैल-(स्त्री०) = खपडैल खपाना-(स० क्रि०) 1 खतम कर देना (जैसे-सारा माल खपा दिया) 2 मार डालना 3 तंग करना 4 काम में लाना 5 बेचना
6निभाना खपुष्प-सं० (पु०) 1 आकाश कुसुम 2 असंभव बात खप्पर-(पु०) 1 नारियल का बना भिक्षापात्र 2 कपाल खफकान-अ० (पु०) 1 हृदय धड़कने का रोग 2 पागलपन खफ़गी-फ़ा० (स्त्री०) अप्रसन्नता, नाराज़गी खफ़ा-फा० (वि०) अप्रसन्न,नाराज़। खफ़ीफ़-अ० (वि०) 1 हल्का 2 थोड़ा, कम 3 तुच्छ
4 लज्जित खबर-अ० (स्त्री०) 1 संदेश (जैसे-खबर पहँचाना 2 समाचार, हाल (जैसे-खबर मिलना) 3 जानकारी (जैसे-घटना की खबर सभी को है) 4 होश, चेत । ~गीर + फ़ा० I (पु०) जासूस 2 पहरेदार II(वि०) 1खबर भेजनेवाला 2 देख-रेख करनेवाला; ~गीरी + फ़ा० (स्त्री०) 1 खोज-ख़बर, देख रेख 2 ख़बरगीर का काम; ~दार + फ़ा० (वि०) सावधान चौकन्ना; दारी + फ़ा० (स्त्री०) सावधानता, होशियारी नवीस, निगार + फ़ा० (पु०) समाचार लिखनेवाला कर्मचारी; ~रसाँ + फ़ा० (पु०) ख़बर
गुन