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कौतुकी 183
क्रमांक कौतुकी-सं० (वि०) 1 कौतुक करनेवाला, विनोदशील 2 खेल (स्त्री०) व्यर्थ का शोर, हो-हल्ला। तमाशा दिखानेवाला
कोवाल-अ० (पु०) 1 कौवाली गानेवाला 2 गवैया कोतूहल-सं० (पु०) = कुतूहल। पूर्वक (क्रि० वि०) क़ौवाली-अ० (स्त्री०) इस्लामी धर्मगीतों का एक प्रकार
उत्सुकता से; वश (क्रि० वि०) उत्सुकता के कारण कोशल-I सं० (पु०) 1कुशलता, दक्षता 2 कुशल होने की कौथ-बो० (स्त्री०) 1 कौन-सी तारीख 2 कौन-सा संबंध अवस्था 3 समर्थता (जैसे-कौशल के जीर्ण-शीर्ण मानदंडों को कौथा-बो० (वि०) 1 किस-स्थान का 2 कौन सा
तोड़ना) II कौशल देश का कौन-(सर्व०) प्रश्नवाचक सर्वनाम (जैसे-कौन आया? कौन कौशली-सं० (स्त्री०) 1कुशल प्रश्न 2 भेंट, उपहार जाएगा?); सा (वि०) किस-प्रकार का (जैसे-कौन-सा कौशेय-सं० (वि०) रेशमी पौधा है जिसे पानी नहीं दिया)
कौस्तुभ-सं० (पु०) (विष्णु के गले की) मणि कौपीन-सं० (पु०) 1 शरीर का गुहय भाग 2 पुरुष लिंग क्या-I (सर्व०) प्रश्नवाचक सर्वनाम (जैसे-यह क्या करते 3लँगोटी
हो?) II (वि०) कितना (जैसे-इस पुस्तक का क्या दाम कोब्य-सं० (पु०) कुबड़ापन
है ?) III (क्रि० वि०) किसलिए। (जैसे-यहाँ क्या करने क्रोम-अ० (स्त्री०) 1 जाति 2 वंश, नसल (जैसे-वह क्षत्रिय आए थे?)। पड़ी है कुछ भी मतलब नहीं है; परवाह क़ौम-का है)।-परस्त + फ़ा I (पु०) 1 क़ौम का सेवक है निश्चिंत हो जाना; ~साँप सँघ गया ज़रा भी ध्यान न देना; II (वि०) राष्ट्रवादी; परस्ती + फ़ा० (स्त्री०) राष्ट सेवक ~से क्या हो जाना 1 बहुत बड़ी बात हो जाना 2 अनहोनी का काम
होना कोमार-सं० (पु०) कुमार, बालक; ~भृत्य (पु०) 1 बच्चों क्यारी-(स्त्री०) मेड़ों से बनाए गए छोटे-छोटे वर्गाकार या का पालन-पोषण, दवा इलाज 2 आयुर्वेद का शिशु चिकित्सा आयताकार भाग
अंग; व्रत (पु०) अविवाहित रहने की प्रतिज्ञा क्यू-अं० (पु०) पंक्ति, क़तार (जैसे-क्यू में खड़ा होना) कौमारिकेय-सं० (०) कुमारी का बेटा
क्यूरेटर-अं० (पु०) संग्रहपाल, संग्रहाध्यक्ष कौमारी-सं० (स्त्री०) पहली विवाहिता स्त्री
क्यों-(क्रि० वि०) 1 किस अभिप्राय से, किस उद्देश्य से कौमार्य-सं० (पु०) कुँआरापन
(जैसे-आप यहाँ क्यों आए हैं) 2 किस अधिकार से कौमियत-अं० (स्त्री०) 1 जातीयता 2 राष्ट्रीयता
(जैसे-तुमने यह फूल क्यों तोड़ा) 3 किस तरह, किस प्रकार, कौमी-अं० (वि०) 1 जातीय 2 राष्ट्रीय
कैसे (जैसे-यह कार्य क्यों नहीं होगा)। ~कर (क्रि. कौमुदी-सं० (स्त्री०) 1 कुमुदिनी 2 चाँदनी
वि०)) कैसे कि अ० कारण यह कि, इसलिए कि कौर-(पु०) 1 कार्तिक मास की पूर्णिमा 2 ग्रास, निवाला । मैंह | क्रंदन-सं० (पु०) 1 विलाप करना, रोना 2 आहवान,
का छीनना मिलनेवाला हिस्सा छीन लेना, अंश झपट लेना ललकारना कौरना-(स० क्रि०) बो० सेंकना, भूनना
क्रकच-सं० (पु०) 1 करील का पेड़ 2 अत्यधिक घना वृक्ष कौरव-I सं० (पु०) 1 कुरु वंशज 2 कुरु नरेश II (वि०) 3 आरा
कुरु वंश से संबंध रखनेवाला। पति (पु०) दुर्योधन क्रतु-सं० (पु०) 1 मनोरथ, अभिलाषा 2 योग्यता 3 विवेक कौरा-(पु०) चौखट के पीछे दीवार । कौरे लगना 1 आहट 4 प्रेरणा 5 यज्ञ। ~द्रोही (पु०) राक्षस; ~मय (पु०) लेने के लिए छिपकर खड़ा होना 2 घात में छिपकर रहना यज्ञमय 3रूठकर अलग होना
क्रम-सं० (पु०) 1 डग, पग 2 डग उठाना 3 आरंभ 4 तरतीब, कौरी-(स्त्री०) अंक, गोद (जैसे-कौरी भरना)
सिलसिला, क्रम 5 नियमित व्यवस्था (जैसे-क्रम से रखना)। कोलंज-(पु०) वायुशूल
चय (पु०), नंबर + अं० (पु०) क्रमसंख्या; कौल-अ० (पु०) 1 वचन उक्ति (जैसे-क़ौल तोड़ना) ~परिवर्तन (पु०) क्रम में उलट-फेर; पूर्ण (वि०) = 2 प्रतिज्ञा (जैसे-क़ौल हारना)। ~क़रार (पु०) प्रतिज्ञा क्रमिक; बद्ध (वि०) क्रम युक्त, सिलसिलेवार करना; नामा + फा० (पु०) वचनपत्र, लिखित प्रतिज्ञा; (जैसे-क्रमबद्ध अध्ययन करना); ~भंग (पु०) क्रम का
~का पक्का बात का धनी; ~से फिरना वचन भंग करना टूटना; ~रहित (वि०) जो क्रम में न हो; विकास (पु.) कौल-सं० (पु०) 1 कुलीन व्यक्ति 2 वाममार्गी, शाक्त। 1 सिलसिलेवार प्रगति 2 प्रारंभ की उन्नति; ~वीक्षण (पु०) ~आचार (पु०) वाममार्गियों के गुह्य कर्म
क्रमबद्ध परीक्षण; ~संख्या (स्त्री०) वस्तु, व्यक्ति आदि की कौल-(पु०) = कौर
क्रमगत संख्या; ~सूचक (वि०) 1 क्रम की सूचना देनेवाला कौलई-(वि०) संतरे के रंग का, नारंगी
2 क्रम के विचार से स्थान का सूचक कोलटेय-सं० (पु०) 1 भिखारिणी की संतान 2 कुलटा स्त्री की क्रमक-I सं० (पु०) नियमित अभ्यास करनेवाला विद्यार्थी संतान 3 जारज संतान
II (वि०) आगे बढ़नेवाला कौला-(पु०) = कौरा
क्रमण-सं० (पु०) 1 एक से दूसरे स्थान को 2 क़दम उठाना कौलालिक-सं० (वि०) कुम्हार-संबंधी
3 उल्लंघन करना कौली-(स्त्री०) = कौरी
क्रमतः, क्रमशः-सं० (क्रि० वि०) 1 यथाक्रम, क्रमानुसार, कोलीन्य-सं० (पु०) कुलीनता
सिलसिले से 2 धीर-धीर कोवा-(पु०) कौआ (जैसे-काला कौवा) । ~गुहार, ~रोर | क्रमांक-सं० (पु०) क्रम संख्या