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काँटी
कांटे बोना विन पैदा करना; राह में काँटे बिछाना रोड़े अटकाना, बाधा उत्पन्न करना; काँटे बोना 1 निंदा करना 2 अनिष्ट का कारण बनना; काँटो पर लोटना 1 तड़पना, व्याकुल होना 2 कष्ट भोगना 3 ईर्ष्या से जलना; काँटों में घसीटना 1 संकट में डालना 2 लज्जित करना (जैसे- अनायास मेरी प्रशंसा करके आप मुझे काँटों में घसीटना चाहते हैं) काँटी (स्त्री०) 1 छोटा काँटा 2 छोटी कँटिया काँटेदार-हिं + फ़ा० (वि०) काँटोवाला (जैसे-काँटेदार तार) कांड-सं० (५०) 1 खंड, भाग 2 ग्रंथ का अध्याय (जैसे- बालकांड, उत्तरकांड) 3 गुच्छा 4 समूह 5 पोरी 6 घटना (जैसे- हत्याकांड, अग्निकांड) । त्रय (पु० ) वेदों के तीन भाग (ज्ञान, कर्म और उपासना); ~भंग, भग्न (पु० ) हड्डी का टूट जाना
कांडिका-सं० (स्त्री०) पुस्तक का कोई भाग कौडी - (स्त्री०) 1 छाजन में लगनेवाली बल्ली 2 अरहर की सूखी लकड़ी 3 लंगर में लगी लोहे की लंबी-मोटी छड़ 4 भूमि में बना गड्ढा
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कांत - I सं० (वि०) 1 सुंदर 2 प्रिय और रुचिकर 3 कोमल एवं मनोहर II (पु० ) 1 प्रेमी 2 पति, स्वामी। पाषाण (पु० ) चुंबक पत्थर
कांता-सं० (स्त्री०) 1 सुंदर स्त्री 2 पत्नी, भार्या 3 प्रेमिका कांतार-सं० ( पु० ) 1 भीषण जंगल 2 भयानक उजाड़ 3 विकट मार्ग
कांति-सं० (स्त्री०) 1 सौंदर्य 2 चमक, आभा (जैसे- स्वर्णिम कांति ) । ~कर (वि०) कांति बढ़ानेवाला, मय, मान (वि०) 1 कांतियुक्त 2 चमकदार
काँदला - I (वि०) गँदला, मैला II ( पु० ) 1 कीचड़ 2 मैल कांदव-सं० (पु० ) कड़ाही में पकाई चीज़
कांदविक-सं० ( पु० ) 1 भड़भूँजा 2 हलवाई काँदा - (पु० ) प्याज़
काँदू - (पु० ) बनियों की एक उपजाति
काँदो - (पु० ) कीचड़, पंक
काँप - (पु०) 1 बाँस की पतली तीली 2 कान में पहनने का
आभूषण
काँपना- (अ० क्रि०) 1 लरजना 2 थरथराना कांफ़रेंस-अं० (स्त्री०) सम्मेलन (जैसे-नवयुवक कान्फ़रेंस) काँय - काँय - (स्त्री०), काँव-काँव - (पु०) 1 कौए के बोलने का शब्द 2 कर्कश ध्वनि 3 बेतुका बोलना (जैसे- काँय-काँय मत करो;
काँवर-बो० (स्त्री०) बाँस की बनी बड़ी तराजू जिसे कंधे पर रखकर लोग तीर्थयात्रा करते थे हैं, बहँगी काँवरा - बो० (वि०) 1 घबराया हुआ, भौंचक्का 2 परेशान, बेचैन
काँवरिया - ( पु० ) काँवर लेकर चलनेवाला व्यक्ति काँस (पु० ) शरद ऋतु में फूलनेवाली घास । में तैरना
काग़ज़
II (पु०) ताँबा एवं जस्ता के संयोग से बनी एक धातु, कसकुट III (पु० ) भीख माँगने का खप्पर । गर + का० (पु०) काँसे का काम करनेवाला, कसेरा काँसार-बो० (पु० ) = काँसागर कांस्टेबुल - अं० (५०) सिपाही
कांस्य - I सं० (वि०) काँसे का बना हुआ II (पु०) काँसा, कसकुटा कार ( पु०) काँसागर, युग (पु० ) प्रस्तर युग के बाद का युग, ताम्रयुग
का - I (प्रत्यय) षष्ठी विभक्ति का चिह्न जो संबंध सूचक होता है (जैसे-छोटी उम्र का लड़का मनुष्य का शरीर आम का पेड़), II (अ०) क्या (जैसे तुम का करत रहो, का करिबो) काई - (स्त्री०) 1 सीलयुक्त पत्थर पर जमने वाली बारीक रेशे जैसी घास (जैसे- काई पर पैर फिसल गया) 2 जमी हुई मैल (जैसे बर्तन की काई ) 3 अत्यधिक दरिद्रावस्था (जैसे- काम करने से ही घर की काई समाप्त होगी) 4 मलीनता (जैसे-मन की काई)
1 इधर उधर भटकना 2 संकटपूर्ण स्थिति में फँसना संकट में पड़ना
कांसल, कांसुल-अं० (पु० ) वाणिज्यदूत जनरल (पु० ) महावाणिज्यदूत
काँसा - I (वि०) सबसे छोटा, कनिष्ठ (जैसे- काँसा भाई)
काउंसिल-अं० (स्त्री०) परिषद्
काक-सं० (पु०) कौआ पक्षी । गोलक ( पु० ) कौवे की पुतली चेष्टा कौवे के समान चौकन्ना रहना, दंत (पु० ) 1 कौए का दाँत 2 अनहोनी बात; पक्ष (पु० ) कनपटियों पर लटकनेवाले पट्टे पद 1 छूटे हुए शब्दों के लिए चिह्न इसका रूप है 2 हीरे का एक दोष वंध्या (स्त्री०) एक संतान को जन्म देकर बांझ हो जानेवाली स्त्री भुशंडि (पु० ) राम का एक भक्त जो शापवश कौआ बना; रव I (वि०) कायर, डरपोक II (पु०) 1 कौए का शोर 2 हल्ला-गुल्ला, शोरगुल; काकतालीय-सं० (वि०) संयोगवश तथा सहसा हो जानेवाला काकपिट - अं० ( पु० ) वायुयान में चालक के बैठने की सीट काकरेज़-फ़ा० (पु०) बैंगनी, काले एवं लाल रंग का काकरेज़ा - फ़ा० + हिं० (पु० ) काकरेज़ रंग का कपड़ा काकरेज़ी -1 -फा० (वि.) काकरेज़ रंग का II (पु० ) काकरेज़
रंग
काकल-सं० (पु० ) 1 कंठमणि 2 कौआ 3 टेंटुआ काकली-सं० (स्त्री०) 1 मधुर और प्रिय ध्वनि 2 एक वाद्य काका - I ( पु० ) 1 पिता का छोटा भाई, चाचा 2 छोटा बच्चा II (स्त्री०) 1 काकजंघा 2 काकोली 3 घुंघची काकातुआ - (पु० ) बड़ा तोता जिसके सिर पर चोटी होती है। काकी – I (स्त्री०) 1 काका की पत्नी, चाची 2 छोटी लड़की II (स्त्री०) मादा कौआ
काकु-सं० (पु० ) 1 भाव की दृष्टि से ध्वनि में भेद होना 2 वक्रोक्ति अलंकार का एक भेद होना 2 वक्रोक्ति एक भेद जिसमें ध्वनि भेद के बदलने से अर्थ बदल जाता है 3 व्यंग्य, चुटीली बात
काकुद-सं० (पु० ) तालू
काकुल - फ़ा० (पु० ) कनपटी पर लटकते हुए बाल, जुल्फ़े काकोलूकीय-सं० (पु० ) कौवे उल्लू का सहज वैर काग - (पु० ) कौआ, वायस
काग - अं० (पु०) कार्क (जैसे-बोतल का काग बंद कर देना) काग़ज़ - फ़ा० (पु० ) 1 लिखने के काम आनेवाला एक पदार्थ जिसे सन, बाँस एवं लुगदी आदि को गलाकर बनाया जाता