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ऋग्वेदीय 125
एंट्रेंस ऋग्वेद के अनुसार हों
ऋतु-सं० (पु०) 1 मौसम (ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत आदि) ऋग्वेदीय-सं० (वि०) ऋग्वेद का
2 मासिक धर्म । -काल (पु०) 1 उपयुक्त समय ऋचा-सं० (ली 7 में रचा हआ वेद मंत्र 2 स्तोत्र 2 रजोदर्शन पश्चात् गर्भधारण करने योग्य समय; ~गमन च्छ-(पु०) = ऋक्ष
(पु०) ऋतुकाल में स्त्री के पास जाना; चर्या (स्त्री०) ऋतु ऋजिमा-सं० (स्त्री०) सरलता
के अनुरूप आहार-विहार; दान (पु.) 1 ऋतुकाल के ऋजु-सं० (वि०) 1 सीधा (जैसे-ऋजु रेखा) 2 ईमानदार और उपरांत संतान की इच्छा से किया जानेवाला संभोग 2 गर्भाधान; सच्चा 3 अनुकूल 4 सरल । -करण (पु०) 1 सीधा करने नाथ, पति (पु०) वसंत; ~प्राप्त (वि०) की क्रिया 2 साफ करना; कारक (पु०) संज्ञादि का मूल 1 रजोदर्शन प्राप्त 2 जो फल देने योग्य हो गया हो; ~फल शाब्दिक रूप; ~ता (स्त्री०) 1सरलता 2 सीधापन (पु०) विभिन्न एवं विशिष्ट ऋतु में होनेवाला फल; ~मती 3 सच्चाई; नीति (स्त्री०) सदाचार; विचारण (पु०, (स्त्री०) रजस्वला; ~राज (पु०) वसंत ऋतु: रोध वाद की ठीक सुनवाई
(पु०) मासिक धर्म बंद हो जाना; विज्ञान (पु०) ऋण-सं० (पु०) 1 कर्ज, उधार लिया गया धन 2 वह जिसका वायुमंडल में होनेवाले परिवर्तनों का विज्ञान जिसके आधार पर दायित्व किसी पर हो (जैसे- देव ऋण, पितृ ऋण) 3 किया वर्षा, आँधी आदि का अनुमान लगाया जाता है, मौसम विज्ञान; गया उपकार, एहसान 4 ग० घटाने का निशान (-) । विज्ञानी (पु०) ऋतु विज्ञान को जाननेवाला; विपर्यय
~कर्ता (वि०) कर्ज लेनेवाला; ~ग्रस्त (वि०) कर्ज़ में (पु०) ऋतु के विपरीत होना (जैसे- गरमी में सरदी या सरदी फँसा हुआ; ~प्रस्तता (स्त्री०) ऋणग्रस्त होने की अवस्था; में गरमी पड़ना); ~शास्त्र (पु०) ऋतु विज्ञान; सूचक
~ग्रह, ~ग्राही (पु०) = ऋणकर्ता; छोर हिं० (पु०) (वि०) मौसम की सूचना देनेवाला; स्नान (पु०) विज्ञान विद्युत ऊर्जा में ऋण आवेश (जैसे-बैटरी का ऋण रजोदर्शन के पश्चात चौथे दिन किया जानेवाला स्नान; छोर); ~त्रय (पु०) तीनों ऋण (पितृऋण, ऋषि ऋण, देव स्राव (पु०) मासिक धर्म, रजस्राव ऋण) दाता (वि०) ऋण देनेवाला; दान (पु०) = ऋत्विज-सं० (पु.) यज्ञ करानेवाला ऋण परिशोध; दास (पु०) ऋण के बदले बनाया गया ऋद्ध-सं० (वि०) संपन्न, समृद्ध दास; देयता (स्त्री०) ऋण चुकाना; ~ध्रुव (पु०) ऋद्धि-सं० (स्त्री०) 1संपन्नता 2 सफलता 3 लक्ष्मी 4 गौरव नेगेटिव पोल; ~पक्ष (पु०) बही खाते, लेखे आदि में वह 5 सिद्धि । -काम (वि) समृद्धि की इच्छा करनेवाला; पक्ष जिसमें दी गई वस्तु एवं रकम का तिथि अनुसार ब्यौरा -सिद्धि (स्त्री०) 1 धन दौलत एवं सफलता 2 हर तरह का दिया जाता है; ~पत्र (पु०) ऐसा पत्र जिसपर ऋण देने तथा लेने की शर्ते लिखी हो, रुक्का, बांड; ~परिशोध (पु०) ऋषभ-I सं० (पु०) 1 बैल 2 नर पशु 3 संगीत के सात स्वरों कर्ज चुकाना; पूँजी (स्त्री०) उधार की रकम; ~भार में से दूसरा 4 बल एवं वीर्य बढ़ानेवाली एक जड़ी II (वि०) (पु०) उधार का बोझ; ~भुगतान +हिं० = ऋण परिशोध; श्रेष्ठ (जैसे-नरर्षभ) ~मुक्त (वि०) जिसने कर्जा चुका दिया हो ~मुक्ति ऋतभी-सं० (स्त्री०) 1 गाय 2 विधवा 3 ऐसी स्त्री जिसमें पुरुष (स्त्री०) कर्ज़ अदायगी; मोचन (पु०) = ऋण परिशोध; ___ का सा रंग ढंग हो, मर्दानी औरत ~लेख्य (पु०) = ऋण पत्र; विद्युत (पु०)विकर्षण ऋषि-सं० (पु०) 1 मुनि, मनीषी 2 मंत्रद्रष्टा । कल्प (वि०) करनेवाली बिजली; ~शुद्धि, ~शोधन (पु०) = ऋण ऋषितुल्य; ~कुल (पु०) गुरुकुल चुकाना, ऋण परिशोध; ~शोधनाक्षम (पु०) ऋण चुकाने | ऋष्टि-सं० (स्त्री०) 1 तलवार 2 हथियार 3 चमक में असमर्थ, दिवालिया; ~स्थगन वह राज्याज्ञा जिसके अनुसार कर्जधारियों की कर्ज़ अदायगी कुछ समय के लिए स्थगित कर दें। ऋणाप्र-सं० (पु०) = ऋण ध्रुव ऋणात्मक-सं० (वि०) 1ऋणरूप 2 नकारात्मक, अभावात्मक ऋणादान-सं० (पु०) 1कर्ज़ 2 ऋण वापस मिलना ऋणार्ण-सं० (पु०) कर्ज चुकाने के लिए लिया जानेवाला कर्ज ऋणी-सं०1 कर्ज लेनेवाला, कर्जदार 2 एहसानमंद, अनुगृहीत,
एंग्लो-इंडियन-अं० आंग्ल भारतीय (जन या भाषा) कृतज्ञ
ऐच-पंच-हिं० +फा० (पु०) घुमाव-फिराव, हेर-फेर ऋणेच्छुक-सं० (पु०) ऋण चाहनेवाला व्यक्ति
2 टेढ़ी-तिरछी चाल 3 उलझन ऋतंभर-सं० (वि०) सत्य को धारण एवं पालन करनेवाला
ऐचा-ताना (वि०) दे. ऐंचाताना ऋतंभरा-सं० (स्त्री०) सदा एकरस रहनेवाली सात्त्विक बुद्धि ऐचा-तानी-(स्त्री०) खींचा-तानी ऋत-I सं० (पु.) 1 मुक्ति, मोक्ष 2 सत्य 3 यज्ञ 4 कर्मों का एंटी एयरक्राफ्ट-अं० (पु०) हवामार वायुयान, विमान भेदी फल 5 निश्चित विधान II (वि०) 1 उज्जवल, दीप्त
एंटी एयर गन-अं० (पु०) हवामार तोप 2 पूजित 3 सच्चा। -धामा (वि०) सत्यस्वरूप; ~वादी
एंटीबायोटिक-I अं० (वि०) प्रतिजैविक II (पु०) (वि०) सत्य बोलनेवाला, सत्यवादी
प्रतिजैविक औषध ऋति-सं० (स्त्री०) 1 कष्ट 2 निंदा 3 स्पर्धा
एंट्रेस-अं० (पु०) प्रवेश
वैभव