________________
कलेजी
153
कल्हारना
करना
लहर
पर छुरी चलाना दिल पर गहरी चोट पहँचाना; कलेजे पर कल्पनात्मक, कल्पनामय-सं० (वि०) - कल्पित, मनगढंत साँप लोटना 1 व्यथा से अत्यधिक व्याकुल हो जाना 2 ईर्ष्या
कल्पनीय-सं० (वि०) कल्पना करने योग्य से जलना; कलेजे पर हाथ रखना यथार्थता के लिए
कल्पांत-सं० (पु०) सृष्टि का अंत, प्रलय अंतरात्मा से पूछना; कलेजे में आग लगाना 1 ईर्ष्या होना
कल्पित-सं० (वि०) 1कल्पना किया हुआ 2 मनगढंत 2 प्यास लगना 3 दुःख देना; कलेजे में डालना अपने पास ___3 बनावटी 4 सँवारा हुआ रखना; कलेजे में तीर लगना दिल में गहरी चोट लगना;
कल्पय-सं० (वि.) = कल्पनीय कलेजे में पैठना भेद लेने के लिए दोस्ती बढ़ाना; कलेजे से
कल्ब-अ० (पु०) दिल लगाना 1 प्यार करना 2 छाती से लगाना
कल्बी -अ० (वि०) 1 बुद्धि का 2 हार्दिक कलेजी-(स्त्री०) कलेजे का मंस
कल्पष-सं० (पु०) 1 पाप 2 मैल 3 दोष 4 स्वाद कलेवर-सं० (पु०) 1 शरीर, देह 2 ऊपरी ढाँचा -चढ़ाना कल्याण-I सं० (वि०) चितकबरा II (पु०) 1 अग्नि का एक सिंदूर का लेप करना; बदलना । नया शरीर धारण करना __ रूप 2 धब्बा, दारा 3 एक खुशबूदार चावल 2 नया रूप धारण करना
कल्य-[सं० (वि०) 1 नीरोग, स्वस्थ 2 चतुर 3 कुशल 4 शुभ कलेवा-(पु०) 1 सुबह का जलपान 2 ब्याह की एक रस्म 5 Dगा और बहरा II (पु०) 1 स्वास्थ्य 2 कल, सवेरा 3 यात्रा करते समय साथ रखा गया भोजन। ~करना भोजन 3 मंगलकामना 4 मद्य, शराब। पाल, पालक (पु०)
1कलवार 2 शराब का व्यापारी कलैया-(स्त्री०) कलाबाज़ी
कल्यब्द-सं० (पु०) = कलियुग कलोर, कलोरी-(और) बिना गाभिन जवान बछिया (गाय) कल्यवर्त-सं० (पु०) कलेवा कलोल- (पु०) 1 उछल-कूद 2 क्रीड़ा 3 केलि II (स्त्री०) कल्या-सं० (स्त्री०) 1 मदिरा 2 बड़ी बछिया, कलोर 3 बधाई
कल्याण-I सं० (पु०) 1 मंगल, शुभ 2 सुख 3 सौभाग्य कलौंछ-(स्त्री०) = कलौंस
4 भलाई 5 शुभकर्म II (वि.) 1मंगलकारी कलौंजी-(स्त्री०) एक मसाला
2 सौभाग्यशाली 3 अच्छा, भला। ~कर (वि०) कल्याण कलॉस-(स्त्री०) 1 हल्का कालापन 2 कलंक 3 स्याही करनेवाला;। कामना (स्त्री०) भला चाहना, ~कारी कल्क-सं० (पु०) 1 चूर्ण, बुकनी 2 पीठी 3 चटनी 4 गूदा (वि०) = कल्याणकर; ~संस्था (स्त्री०) ऐसी संस्था जहाँ 5 पाखंड 6 दुष्टता 7 दंभ। -फल (पु०) अनार
लोगों की भलाई की जाती हो; ~समिति (स्त्री०) कल्याण कल्कि-सं० (पु०) विष्णु का होनेवाला दसवाँ और अन्तिम | करनेवालों का संगठन, समूह अवतार
कल्याणी--[ सं० (वि०) 1कल्याण करनेवाली कल्प-[सं० (वि०) जो वास्तविक न हो किंतु कुछ बराबर या । 2 भाग्यशालिनी 3 रूपवती II (स्त्री०) 1 कामधेनु 2 एक समान हो, लगभग बराबर (जैसे-देवकल्प) II (पु०)
। देवी का नाम धार्मिक कर्तव्यों का विधि-विधान 2 युग (जैसे-कल्प का | कल्लर-(पु०) 1ऊसर भूमि 2 लोना 3 रेह अंत, कल्पांत) 3 प्रस्ताव, निश्चय 4 वैद्यक उपचार | कल्लाँच-तु० (वि०) 1 गुंडा, लुच्चा 2 कंगाल, अति दरिद्र (जेसे-कायाकल्प) 5 प्रलय। -कथा (स्त्री०) बनावटी कल्ला -(पु०) अंकुर (जैसे-कल्ला फूटना) कहानी; वृक्ष इच्छा पूरी करनेवाला वृक्ष ल्वास कल्ला -फा० (पु०) गाल का भीतरी भाग, जबड़ा 2 दाढ़ (पु०) माघ मास में गंगा तट पर रहना
| 3 जबड़े से गले तक का अंश 4 लैंप का बर्नर। --तोड़ हिं० कल्पक-I सं० (वि०) 1कल्प संबंधी 2 वेद-विहित नियमों | (वि०) । प्रबल आघात करनेवाला 2 मुँह बंद कर देनेवाला और विधि विधानों के अनुसार होनेवाला II (वि०) 1 कल्पना
• (जैसे-उसने शत्रु को कल्ला तोड़ जवाब दिया); दराज़ करनेवाला 2 कल्पना संबंधी 3 रचना करनेवाला
(वि०) मुँहज़ोर, वाचाल, ~दराज़ी (स्त्री०) मुँहजोरी, कल्पन-सं० (पु०) 1 कल्पना करना 2 रचना करना 3 मूर्त रूप वाचालता; ~दबाना बोलने से रोकना; फुलाना मुँह देना 4 सँवारना
फुलाना; ~मारना गाल बजाना; कल्ले तले दबा लेना कल्पना-सं० (स्त्री०) 1 नयी बात सोचना 2 मन की उपज शक्ति से दबा लेना 3 ग० मान लेना (जैसे-शून्य अंक की कल्पना, अधिक कोण, | कल्लाना-(अ० क्रि०) 1 रह-रह कर जलन और सनसनी होना थीटा, अंश की कल्पना) 4 एक वस्तु में दूसरी वस्तु का आरोप
(जैसे-थप्पड़ से गाल कल्लाने लगा) 2 रह-रह कर दुःख 5 सजाना। ~प्रवण (वि०) कल्पना की ओर झुकाववाला; महसूस करना (जैसे-मन कल्लाना) ~प्रसूत (वि०) कल्पना से उत्पन्न हुआ, मन गढ़त; कल्लू-(वि०) 1 काला-कलूटा 2 कालिमायुक्त ~~लोक (पु०) खयाली दुनिया; ~वाद (पु०) 1 यह मत कल्लोल-सं० (पु०) 1 लहर, जल तरंग 2 मन की लहर, मौज कि प्रायः सिद्धांत शुद्ध कल्पनाएं हैं 2 ऐसा मत जो शक्ति एवं | 3 क्रीड़ा। कला को पूर्वानुमान द्वारा प्रस्तुत करे; ~वादी (वि०) कल्लोलित-सं० (वि०) तरंगित कल्पनावाद को माननेवाला; ~शक्ति (स्त्री०) उद्भावना
कल्लोलिनी-1 सं० (वि०) तरंगोंवाली II (स्त्री०) शक्ति कल्पनातीत-सं० (वि०) कल्पना से परे, जिसकी कल्पना न कल्हारना-I (स० क्रि०) तलना, छानना II (अ० क्रि०) की जा सके
कराहना
नदी