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कलाई
प्रधान
मंडली
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अलंकार आदि का विवेचन-पक्ष प्रदर्शन (पु० ) कला दिखाना; प्रदर्शनी (स्त्री०) कला की नुमाइश (वि०) कला में श्रेष्ठ एवं सुंदर; प्रवण (वि०) कला में दक्ष; ~ प्रेमी (पु० ) कला से प्रेम करनेवाला; (स्त्री०) कलाकारों की मंडली; मय (वि० ) कलापूर्ण; ~मर्मज्ञ (पु०) कला का अच्छा ज्ञाता; ~वान् (वि०) कला जाननेवाला; विद (पु० ) कला का ज्ञाता; ~ विद्यालय (पु० ) वह संस्था जहाँ कला सिखाई जाए; ~ विध्वंस (पु० ) कलाकृतियों का नाश; ~शाला (स्त्री०) आर्ट गैलरी (कला विथि); ~ समालोचक (पु० ) कला की परीक्षा एवं विवेचना करनेवाला
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कलाई - (स्त्री०) हथेली और कोहनी के बीच का वह भाग जहाँ कड़े, चूड़ियाँ आदि पहनी जाती हैं, मणिबंध कलाकंद -फ़ा० + अ० (पु०) खोये की बड़ी बरफी कलात्मक-सं० (वि०) 1 कला से युक्त 2 अति सुंदर एवं कलापूर्ण ढंग से बनी हुई कलादक-सं० (पु० ) सुनार, स्वर्णकार कलादर्श -सं० (पु०) कला का नमूना
कलाप - सं० (पु० ) 1 समूह (जैसे- कार्य कलाप) 2 पूला 3 करधनी 4 आभूषण 5 हाथी के गले की रस्सी कलापक-सं० (५०) 1 कलाप 2 मोतियों की लड़ी 3 चार श्लोकों का समूह
कलापी -सं० (वि०) 1 तरकशधारी 2 समूह में रहनेवाला कलाबत्तू - (पु० ) 1 रेशम पर लपेटा गया सुनहला तार 2 सोने-चाँदी का तार 3 कलाबत्तू का बना पतला फ़ीता कलाबाज़ - हिं० + फ़ा० (पु० ) शारीरिक कला दिखानेवाला व्यक्ति, नटी
3 रचना ।
कलाबाज़ी - हिं० + फ़ा० (स्त्री०) 1 शारीरिक खेल 2 नटविद्या कलाभिरुचि -सं० (स्त्री०) कला के प्रति मन की प्रवृत्ति कलाम-अ० 1 वचन, उक्ति 2 बातचीत ~ मजीद (पु० ) कुरान शरीफ नामक एक धार्मिक ग्रंथ कलार, कलाल - ( पु० ) = कलवार। खाना + फ़ा० (पु० ) जहाँ शराब बनाई एवं बेची जाती है, मद्यशाला कलावंत - सं० (पु० ) 1 कला का विशेषज्ञ 2 कलात्मक ढंग से कार्य करनेवाला व्यक्ति 3 कलाबाज़
कलावती - I सं० (स्त्री०) कला जाननेवाली स्त्री II (स्त्री०) रमणी, सुंदरी
कलावा - (पु० ) सूत का लपेटा हुआ लच्छा 2 हाथी के गले में पड़ी रहनेवाली रस्सी
कलासी - (पु० ) 1 दो वस्तुओं को जोड़नेवाली सूचकरेखा 2 जोड़-तोड़ बैठाने की युक्ति (जैसे अपनी कलासी यहाँ मत दिखाओ)
कलिंग - I सं० ( पु० ) 1 प्राचीन जनपद जो आधुनिक आंध्रप्रदेश के नाम से जाना जाता है 2 कलिंग का निवासी II (वि०) कलिंग देश कलि-सं० (पु० ) 1 कलयुग 2 कलह, झगड़ा । कर्म (पु० ) 1 बुरा काम 2 संग्राम, युद्ध; ~ कारक (वि०) झगड़ा करानेवाला; ~ काल (पु० ) = कलियुग; ~प्रिय (वि०) झगड़ालू; ~मल (पु० ) पाप; ~युग (पु० ) वर्तमान समय; युगी (वि०) कलियुग का
कलेजा
कलिका - सं० (स्त्री०) कली (जैसे- कुसुम कलिका) कलित-सं० (वि०) 1 सजाया हुआ 2 अस्पष्ट रूप से कहा हुआ 3 विदित 4 प्राप्त हुआ 5 सुंदर कलियाना - ( अ० क्रि०) 1 कलियों से युक्त होना 2 नए परों का निकलना
कलिल - सं० (वि०) 1 मिला हुआ, ओतप्रोत 2 घना 3 दुर्गम कली - सं० (स्त्री०) 1 फूल का प्रारंभिक एवं अविकसित रूप
(जैसे- कली खिल रही है) 2 अप्राप्तयौवना
कली - (स्त्री०) पत्थर आदि का फूंका हुआ टुकड़ा, चूना पत्थर क़लील-अ० (वि०) 1 थोड़ा, कम 2 छोटा
कलीसा -फ़ा० (पु० ) ईसाइयों का पूजा स्थल, गिरजाघर कलीसिया - फ़ा० (पु० ) ईसाई संप्रदाय कलुखी - (वि०) दोषी
कलुष - सं० (पु०) 1 मैल 2 अपवित्रता 3 पाप 4 विकार । ~ता (स्त्री०) 1 मलिनता 2 दोष 3 पाप कलुषाई सं० + हिं० (स्त्री०) कलुषता कलुषित - सं० (वि०) 1 कलुषयुक्त 2 अपवित्र 3 निंदित 4 क्षुब्ध 5 दुःखी
कलुषी-सं० (पु० ) -1 दोषी 2 पापी 3 अपवित्र कलूटा - (वि०) काले रंग का, काला कलेंडर -अं० (पु० ) तिथिपत्र कलेऊ - (पु० ) कलेवा
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~ काढ़ना,
कलेक्टर -अं० (पु० ) = कलक्टर, जनपद् का मुख्याधिकारी कलेजा - ( पु० ) 1 प्राणियों के भीतर सीने के बायीं तरफ़ एक अवयव जो रक्त शुद्धता का कार्य करता है, यकृत 2 छाती (जैसे- कलेजा रौंदना) 3 दिल (जैसे कलेजा धड़कना) 4 साहस, हिम्मत (जैसे-लड़ने के लिए कलेजा होना चाहिए ) 5 अत्यधिक प्रिय व्यक्ति एवं वस्तु (जैसे-कलेजे का टुकड़ा)। जली (पु० ) (गाली) जिसका दिल जला-भुना ह ~ उछलना 1 अत्यधिक खुशी होना 2 भय, आशंका आदि से दिल धड़कना ~ कटना 1 दिल को चोट पहुँचना 2 खूनी दस्त आना; काँपना दिल दहलना, डर से काँपना; निकालना दुःख पहुँचाना; खाना सताना.. पीड़ा देना; खिलान्ग | प्रिय वस्तु देना 2 अत्यधिक आदर-सत्कार करना; छलनी होना व्यंग्य बाणों से कलेजा छिदना; छिदना, बिंधना कड़ी बातों से दिल दुखना; - जलना मन को अत्यधिक दुःख पहुँचना; जलाना सताना; टूटना हौंसला खत्म होना: ठंडा होना किसी की हानि करके मन को शांति मिलना; तर होना मन को ठंडक पहुँचना, थाम कर रह जाना सब कुछ सहते जाना; - धक-धक करना, -धड़कना । चिन का विकल हो जाना 2 दिल दहलना; -धक से हो जाना 1 आश्चर्य में पड़ना 2 एकाएक डर जाना; निकाल कर धर देना 1 सर्वप्रिय वस्तु को अर्पण करना 2 जान दे देना 3 पूरी शक्ति से प्रयास करना; पक जाना कष्ट असह्य होना; पकड़ लेना मन कड़ा करना, - पकाना बहुत परेशान करना; पत्थर का करना असह्य दुःख सहने के लिए दिल कठोर बना लेना; फट जाना मार्मिक दुःख होना; बल्लियों उछलना हृदय का ज़ोर से कंपन करना; मुँह को आना बेचैन हो जाना; कलेजे का टुकड़ा अत्यधिक प्यारा; कलेजे
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