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कवक
कष्टार्थ कवक-सं० (पु०) 1 भोजन का कौर, निवाला 2 फफूंद | कवेला-अ० (पु०) दिग्दर्शक यंत्र की वह कील जिसपर सुई 3 कुकुरमुत्ता
चक्कर लगाती है कक्च-सं० (पु०) 1 बज़र, वर्म (जैसे-युद्ध में रक्षा हेतु योद्धा कवोष्ण-सं० (वि०) हल्का गर्म, कुनकुना कवच पहनते थे) 2 छाल 3 तावीज 4 नगाड़ा 5 छिलका। कव्य-सं० (पु०) पितरों को दिया जानेवाला अन्न, पिंड ~भेदी (वि०) कवच को भेदनेवाला
कव्वाल-अ० (पु०) कव्वाली गानेवाले कवचित-सं० (वि०) कवच लगाया हुआ, बख़्तरबंद कव्वाली-अ० + फा० (स्त्री०) भजन का सूफ्री प्रकार (जैसे-कवचित यान)
(कौवाली) कवची-सं० (वि०) 1 कवचयुक्त 2 कवचधारी, बख़्तरपोश कश-I फ्रा० (पु०) खींचना, फूंक (जैसे-सिगरेट का कश कवन-सं० (पु०) पानी
खींचना) II (वि०) 1 खींचनेवाला 2 उठानेवाला कवयिता-सं० (पु०) कवि
(जैसे-मेहनतकश, आराकश आदि)। मकश (स्त्री०) कवयित्री-सं० (स्त्री०) कविता रचनेवाली स्त्री, महिला कवि 1 खींचा-तानी 2 आन्तरिक संघर्ष 3 धक्कम धक्का कवर-(पु०) कौर, ग्रास, निवाला
4सोच-विचार कवर-अं० (पु०) 1 पुस्तक का आवरण पृष्ठ 2 ढकना | कश-सं० (पु०) चाबुक 3 लिफ़ाफ़ा
कशकोल-फा० (पु०) = बो० कचकोल कवर-I सं० (पु०) 1 बालों का गुच्छा, जूड़ा 2 फूल- का कशा-सं० (स्त्री०) कोड़ा, चाबुक
गुच्छा, गुलदस्ता II (वि०) 1 मिश्रित 2 रंग-बिरंगा कशाकशी-फा० (स्त्री०) = कशमकश, संघर्ष भावना कवरी-सं० (स्त्री०) 1 चोटी 2 जड़ा 3 वन तुलसी कशाघात-(पु०) चाबुक की मार, कोड़े का आघात कवर्ग-सं० (पु०) क से ङ तक के पंच वर्ण समूह (क, ख, कशिश-फा (स्त्री०) 1 खिंचाव 2 आकर्षण शक्ति ग, घ, ङ)
कशीदगी-फ़ा० (स्त्री०) 1खिंचाव 2 मनमुटाव, नाराज़गी कवल-सं० (पु०) 1 कौर, ग्रास 2 कौआ नाम की मछली कशीदा-I फ्रा० . (वि०) 1 खींचा हुआ 2 उठाया हुआ 3 एक तरह का पक्षी
II (पु०) कपड़े पर बेल-बूटे बनाने का काम कवलन-सं० (पु०) 1 खाना 2 निगलना
कशेरु-(पु०), कशेरुका-सं० (स्त्री०) रीढ़, मेरुदंड कवलिका-सं० (स्त्री०) 1 कपड़े की पट्टी 2 कपड़े की गद्दी, | कश्ती-फा० (स्त्री०) नाव, नौका, नैय्या
कश्मल-I सं० (पु०) 1 बेहोशी, मूर्छा 2 मोह, 3 पाप कवलित-सं० (वि०) 1 खाया हआ 2 निगला हुआ 4 उत्साह-हीनता II (वि०) 1 मलिन, गंदा 2 दूषित, बुरा कवाट-सं० (पु०) 1 दरवाज़े का पल्ला, कपाट 2 दरवाज़ा कश्मीरी-(वि०) 1 कश्मीर संबंधी 2 कश्मीर में निर्मित क्रवाम-अ० (पु०) 1 अवलेह 2 शीरा, चाशनी 3 सुर्ती का रस कश्य-सं० (वि०) चाबुक मारने योग्य। -नंदन (पु०) गरुड़ क्रवायद-[अ० (पु०) 1 नियमावली 2 कार्यविधि-II (स्त्री०) कश्यप-I सं० (पु०) 1 एक प्रजापति का नाम 2 सप्तर्षि मंडल 1व्याकरण 2 परेड, ड्रिल (जैसे-सैनिकों की कवायद)। के एक तारे का नाम 3 कछुआ 4 हरिण की एक जाति -परेड + अं० (स्त्री०)
कष-सं० (पु०) 1कसौटी 2 परीक्षा 3 रगड़ना कवि-सं० (पु०) 1 काव्य की रचना करनेवाला 2 शायर । कषाकु-सं० (पु०) 1 अग्नि 2 सूर्य
~कर्म (पु०) 1 कविता 2 काव्य रचना; कुल गुरु कषाय-[ सं० (वि०) 1 कसैला 2 गेरू के रंग में रंगा हआ (पु०) कवियों में श्रेष्ठ; गोष्ठी (स्त्री०) कवियों की सभा; (जैसे-कषाय वस्त्र) 3 सुगंधित II (पु.) 1 कसैला स्वाद या
प्रसिद्धि (स्त्री) 1 कवि की कीर्ति, यश 2 कवियों की रस 2 मनोविकार 3 काढ़ा चली आ रही ऐसी परंपराएँ एवं उक्तियाँ जो उचित न होने पर | कषित-सं० (वि०) 1 खींचा हुआ 2 कष्ट पहुँचाया हुआ भी सही मान ली गई हैं (जैसे-केले से कपूर निकलना, 3 क्षतिग्रस्त चकवा-चकवी का दिन में साथ-साथ एवं रात में अलग कष्ट-I सं० (पु०) 1 पीड़ा, व्यथा (जैसे-कष्ट झेलना, आँख होना); राज (पु०) 1 श्रेष्ठ कवि 2 श्रेष्ठ वैद्य 3 चारण, का कष्ट) 2 मुसीबत, विपत्ति (जैसे-आर्थिक कष्ट, सामाजिक भाट; समय (पु०) = कवि प्रसिद्धि/रुढ़ि
कष्ट) 3 दुष्टता 4 श्रम II (वि०) 1 हानिकर 2 कठिन कविका-सं० (स्त्री०) 1 केवड़ा 2 लगाम 3 एक मछली, कवई 3 दुःखी, संतप्त। ~कर (वि०) दुःख देनेवाला; कविता-सं० (स्त्री०) रसात्मक काव्य, शायरी। पाठ (पु०) कल्पना (स्त्री०) ऐसी कल्पना जिसके लिए अत्यधिक कविता पढ़कर सुनाना
मानसिक उथल-पुथल करनी पड़े, जबरदस्ती खींचतान; कवित्त-सं० (पु०) 1कविता 2 धनाक्षरी छंद का एक नाम ~कारक (वि०) = कष्टकर; दाता (पु०) कष्ट कवित्व-सं० (पु०) 1काव्य का गुण, रस 2 काव्य रचना की पहुँचानेवाला; दायक, दायी (वि०) मुसीबत पैदा शक्ति। ~कला (स्त्री०) काव्य रचना करने की कला; करनेवाला; निवारण (पु०) संकट दूर करनेवाला; ~प्रद ~मय (वि०) काव्यगुण-संपन्न; ~शक्ति (स्त्री०) (वि०) = कष्टदायी; ~भागिनेय सं० (पु०) साली का काव्य-प्रतिभा
लड़का; सहन (पु०) दुःख सहनाः सहिष्णु कष्ट कवींद्र-सं० (पु०) सर्वश्रेष्ठ कवि
सहनेवाला; साध्य (वि०) जो कठिनाई से किया जा सके कवीश्वर-सं० (पु०) कवियों में श्रेष्ठ
कष्टार्तव-सं० (पु०) कष्ट से रजस्त्राव होना कवेला-(पु०) कौए का बच्चा
कष्टार्थ-सं० (पु०) खींचतान कर लगाया गया अर्थ