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आचरण
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आज्य
संहिता
आय
आचरण-सं० (पु०) 1 चरित्र 2 बरतना, व्यवहार | आज़ाद-फा० (वि०) 1 स्वच्छंद 3 मनमौजी। ख्याल 3 चाल-चलन 4 नियम। पंजी, पुस्तिका आचरण स्वतन्त्र विचारों वाला तबीयत + अ० (वि०) स्वच्छंद संबंधी पुस्तिका; ~शील (वि०) आचारवान्, शिष्ट; हृदय का, सरल ~संहिता (स्त्री०) आचरण-संबंधी नियमावली
आज़ादगी-फा० (स्त्री०) आज़ादी आचरणीय-सं० (वि०) आचरण योग्य
आज़ादाना-फा० (वि०) स्वतंत्रतापूर्ण आचरित-सं० (वि०) व्यवहार रूप में लाया हुआ आज़ादी-फा० (स्त्री०) 1 स्वतंत्रता, स्वाधीनता 2 स्वच्छंदता आचार-सं० (पु०) 1 आचरण 2 चाल चलन 3 व्यवहार का 3 मुक्ति तरीका 4 आचरण संबंधी नियम 5 परिपाटी, प्रथा या आजान-सं० (पु०) 1 जन्म 2 उत्पत्ति 3 जन्म या उत्पत्ति का रीति-रिवाज। परायण, ~वती (स्त्री०); ~वान् (वि०) स्थान कर्मनिष्ठ, सदाचारी; ~विचार (पु०) लौकिक कर्म एवं अजानु, आजानु विलंबित-सं० (वि०) 1घुटनों तक विचार भाव; ~व्यवहार (पु०) सांसारिक कार्य व्यापार; __ (लटकता हुआ) 2 घुटनों तक लंबा
~शास्त्र (पु०) आचार-शास्त्र, नीतिशास्त्र; ~शास्त्रीय आजानेय-I सं० (वि०) 1 अच्छी नस्ल का 2 कुलीन (वि०) नीतिशास्त्र संबंधी; ~संहिता (स्त्री०) = आचरण ___ II (पु०) अच्छी नस्ल का घोड़ा
आजार-फा० (पु०) 1 रोग, बीमारी, व्याधि 2 कष्ट, दुःख, आचारजी-(स्त्री०) = आचार्यत्व
पीड़ा आचारांग-सं० जैन आचारशास्त्र
आजिज़-अ० (वि०) 1 लाचार, दीन 2 तंग आया हआ, आचारिक-सं० (वि०) आचार संबंधी
परेशान। ~आना तंग आना, ऊब जाना आचारी-सं० (वि०) शुद्ध और श्रेष्ठ आचार विचारवाला आजिज़ी-अ० + फ़ा० (स्त्री०) 1 लाचारी, विवशता 2 दीनता आचार्य-सं० (पु०) 1 गुरु 2 अध्यापक, शिक्षक 3 मुख्य आजीव-सं० (पु०) 1 जीविका 2 जीविका का उपाय 3 उचित पुरोहित 4 वेद शास्त्रों का ज्ञाता, वेदाचार्य (जैसे-शंकराचार्य, बल्लभाचार्य) 5 असाधारण पंडित (जैसे-आचार्य रामचन्द्र आजीवक-सं० (पु०) 1 जैन साधु 2 भिखमंगा शुक्ल, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी) 6 पांडवों आदि के गुरु आजीवन-1 सं० (पु०) जीविका II (क्रि० वि०) जीवनभर, (द्रोणाचार्य)। करण (पु०) = आचार्यत्व; ~कुल जीवन पर्यन्त। ~कारावास (पु०) जन्म भर कैद (पु०) गुरुकुल, ~त्व (पु०) आचार्य का कार्य करना आजीविका-सं० (स्त्री०) 1 रोज़ी 2 रोज़गार, धंधा आचार्या-सं० (स्त्री०) 1 स्त्री आचार्य या गुरु 2 पूजनीय और आजीविकार्जन-सं० (पु०) रोज़गार करना । विदुषी महिला 3 स्त्री
आजीव्य-[सं० (वि०) जीविका देने योग्य II (पु०) जीविका आचार्थी-सं० (वि०) 1 आचार्य संबंधी. 2 आचार्य का का साधन आचित-सं० (वि०) 1 व्याप्त 2 भरा हुआ 3 एकत्रित आज्ञप्त-सं० (वि०) जिसे आदेश दिया गया हो आचूषण-सं० (पु०) 1 चूसना 2 तुंबी लगाना
आज्ञप्ति-सं० (स्त्री०) आज्ञा, आदेश आच्छन्न-सं० (वि०) 1 छिपा हुआ 2 ढका हुआ
आज्ञा-सं० (स्त्री०) 1 आदेश, हक्म 2 अनुमति । ~करण आच्छादन-सं० (पु०) 1छिपाना 2 ढक्कन 3 पहनावा पालन (पु०) आदेश का पालन; ~कारिणी (स्त्री०), 4 छाजन
~कारी (वि०) आज्ञा का पालन करनेवाला; ~धारिता आच्छादित-सं० (वि०) 1 छाया हुआ 2 ढका हुआ (स्त्री०) आज्ञाकारी होने की अवस्था या भाव; चक्र भकुटि आच्छिन्न-सं० (वि०) कटा-फटा
के ऊपर का ध्यान-चक्र; ~धारी (वि०) = आज्ञाकारी; आच्छेदन-सं० (पु०) 1 काटना 2 काट-छाँट
-पत्र (पु०) आदेशपत्र; पालक (वि०) = आज्ञाकारी; आच्छोटन-सं० (पु०) 1 चुटकी बजाना 2 ऊँगली चटकाना ~सूचक (वि०) आज्ञा वाचक (जैसे-क्रिया) आच्छोदन-सं० (पु०) 1 पीछा करना 2 आखेट करना, शिकार आज्ञान-सं० (पु०) 1 अनुभव करना 2 समझना खेलना
आज्ञानुवर्ती, आज्ञानुसारी-सं. (वि०) - आज्ञाकारी आज-I (क्रि० वि०) 1 जो दिन इस समय चल रहाहै, इस दिन आज्ञानुसार-सं० (क्रि० वि०) कहने के मुताबिक 2 इन दिनों में, इस काल में II (पु०) प्रस्तुत या वर्तमान आज्ञापक-[सं० (वि०)आज्ञा देनेवाला | (पु०) ईश्वर, स्वामी दिन। कल (क्रि० वि०) 1 वर्तमान दिनों में 2 एक दो दिन आज्ञापन-सं० (पु०) 1 आज्ञा देना 2 जताना में; ~कल करना या बताना टालमटोल करना; कल आज्ञापिका-सं० (स्त्री०) = आज्ञापक का 1 हाल का 2 नए जमाने का; ~कल में बहत जल्द; आज्ञापित-सं० (वि०) जिसे आदेश दिया गया हो ~कल लगना मौत करीब होना; ~मरे कल दूसरा दिन आज्ञायी-सं० (वि०) 1 जानने समझनेवाला 2 अनुभव मृत्यु के बाद की बात का ध्यान न देना
करनेवाला आजन्म-सं० (वि०) = आजीवन
आज्ञार्थ, आज्ञार्थक-सं० (पु०) व्या० आज्ञासूचक क्रिया आज़माइश-फा० (वि०) = जाँच, परीक्षण
रूप, विध्यर्थ आज़माइशी-फा० (वि०) परीक्षा के लिए किया गया आज्य-सं० (पु०) 1 घी 2 घी की जगह काम आनेवाला पदार्थ आज़माना-फा० + हिं० (स० क्रि०) जाँचना, परखना - तेल, दूध आदि 3 यज्ञ में दी जानेवाली आहुति आजा-(पु०) दादा. पितामह
4 प्रातःकालीन यज्ञ का एक स्तोत्र