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आवंटिती
आवंटिती-सं० (पु०) वह जिसे बाँटकर दिया गया आव - हिं० प्रत्यय जो क्रिया की धातुओं में लगकर स्थिति, भाव आदि के अर्थ सूचित करता है (जैसे- चढ़ना से चढाव, पढ़ना पढ़ाव ) । ~ भगत (स्त्री०); सत्कार ~भाव (पु०) आदर आवक - (पु० ) पहुँच, आना, आमद। जावक (पु० ) आना-जाना
चित्र)
आवक्ष-सं० (वि०) छाती तक (जैसेआवती - (स्त्री०) रसीद
आवधिक -सं० (वि०) 1 अवधि से संबंधित 2 समय-समय पर होनेवाला
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आवधिकी-सं० (स्त्री०) किसी अवधि पर निकलनेवाली पत्रिका
आवपन - सं० (पु० ) 1 खेत में बीज बोना, बोआई 2 वृक्ष रोपना 3 वृक्ष का थाला
आवरक - I सं० (वि०) ढकनेवाला II ( पु० ) परदा आवरण-सं० (पु० ) 1 परदा 2 ढक्कन 3 आघात रोकनेवाली वस्तु, ढाल । ~ पत्र (पु०) किताब के ऊपर का काग़ज़; -पृष्ठ (पु०) किताब-कापी के जिल्द के ऊपर का पत्रा, कवर मंडित, वेष्ठित (वि०) कवर किया हुआ आवर्जन-सं० (पु०) 1 खींचना 2 आकृष्ट करना 3 अपने अधिकार में करना 4 पराजय, हार
आवर्जित -सं० (वि०) 1 खिंचा हुआ, आकृष्ट 2 वश में किया हुआ 3 पराजित
आवर्त - सं० ( पु० ) 1 किसी तरफ़ घूमना 2 चारों तरफ घूमना, चक्कर लगाना 3 विचारों का मन में रह-रह कर आना। ~ बिंदु (पु० ) वस्तु का घूमनेवाला बिंदु, घूर्णन बिंदु आवर्तक-सं० (वि०) 1 चक्कर लगानेवाला 2 बार - बार मन में उठनेवाला 3 बार-बार होनेवाला। ज्वर (पु० ) म्यादी बुखार
आवर्तन सं० (पु० ) 1 चक्कर लगाना 2 किसी की ओर घूमना 3 मंथन, विलोड़न 4 किसी बात का बार-बार होना आवर्त्तित-सं० (वि०) 1 चक्कर लगाया हुआ 2 घूमा हुआ,
मुड़ा हुआ 3 बार-बार आया हुआ आवर्त्तिता-सं० (स्त्री०) बार-बार होना आवर्ती सं०
आवर्तक आवर्द्धक-सं० (वि०) पदार्थ के मान, शक्ति, आकार को बढ़ानेवाला
आवर्द्धन-सं० (पु०) पदार्थ के आकार, मान, शक्ति आदि बढ़ाने की क्रिया
आवलि-सं० (स्त्री०) आवली आवलित-सं० (वि०) 1 मुड़ा हुआ 2 बल खाया हुआ आवली -सं० (स्त्री०) 1 पंक्ति, कतार 2 श्रेणी आवश्यक -सं० (वि०) 1 ज़रूरी 2 जिसके बिना साधारणतः काम न चल सके, प्रयोजनीय । ~ता (स्त्री०) 1 आवश्यक होने की अवस्था वश 2 ज़रूरत; ( क्रि० वि०) आवश्यकता के कारण आवश्यकीय सं० (वि०) आवसति-सं० (स्त्री०) 1 विश्राम करने का स्थान, बसेरा 2 रात्रि, रात
= आवश्यक
आवसथ-सं० (पु० ) 1 घर 2 गाँव 3 छात्रावास 4 आश्रम
आविक
आवसथ्य - I सं० (वि०) घर का II ( पु० ) यज्ञ की पांच अग्नियों में से एक
आवसरिक-सं० (वि०) अवसर का आवसानिक-सं० (वि०) अंत में होनेवाला आवसित-सं० ( वि० ) 1 पूरा किया हुआ 2 निश्चित आवस्थिक-सं० (वि०) अवस्था के अनुरूप आवहन-सं० (पु० ) पास लाना
आवाँ - (पु० ) मिट्टी के बर्तन पकाने का भट्ठा । ~ बिगड़ना बर्तनों का अच्छी तरह से न पकना; ~ लगाना बर्तनों को पकाने के लिए आग देना; आवै का आव बिगड़ना सारे परिवार में दोष होना
आवागमन - ( पु० ) 1 आना जाना 2 जन्म-मरण का चक्र । ~के साधन आने जाने का रास्ता छूटना जीवन के बंधन से मुक्त होना
आवाज़
फ़ा० (स्त्री०) 1 ध्वनि, बोल 2 पुकार 3 शोर । ~ रसान (पु० ) ध्वनि-यंत्र उठाना, ऊँची करना बात के पक्ष या विपक्ष में कहना, बोलना; खुलना मुँह से बात निकलना; गिरना स्वर का मंद होना; देना पुकारना, बुलाना, निकालना बोलना; पड़ना गला बैठना, स्वर टूटना पर कान रखना ध्यान देना; पर लगाना संकेत पर चलना, काम करना; फटना आवाज़ भरना; बैठना गला बैठना; भर्राना; भारी होना गले से मोटी अस्पष्ट आवाज़ निकलना; मारना जोर से पुकारना; ~ लगाना 1 आवाज़ देना 2 ऊँची तान लगाना आवाज़ा - फ़ा० (पु०) व्यंग्य, ताना। ~कसना बोली बोलना, व्यंग्य करना
आवाजाही - (स्त्री०) आना-जाना
आवाप -सं० 1 बिखेरना 2 बीज बोना 3 फेंकना 4 थाला 5 कंगन आवारगी
फ़ा० (स्त्री०) आवारापन
आवारजाआवारा
फ़ा० (पु० ) 1 रोजनामचा 2 जमा खर्च बही फ़ा० (वि०) 1 निरर्थक इधर-उधर घूमनेवाला 2 निकम्मा 3 कुमार्गगामी 4 दुष्ट, पाजी। गर्द (वि०) इधर-उधर व्यर्थ का भटकनेवाला गर्दी (स्त्री०) बेकार घूमना, भटकना पन - हिं० (पु०) आवारा होने की
अवस्था
आवाल - सं० ( पु० )
आवास - सं० ( पु० )
= आलवाल
1
निवास स्थान, रहने की जगह 2 ठहरने
गृह (पु०) रहने का घर; ~ स्थल
।
का अस्थायी स्थान (पु० ) रहने की जगह
आवासन -सं० (पु०) दूसरे देश में जाकर बसना आवासिक-सं० (पु० वि०) 1 अस्थायी रूप से बसनेवाला 2 निवासी 3 रहने का ( ~ विद्यालय) आवासित-सं० (वि०) अस्थायी रूप से बसा हुआ आवासी-सं० (वि०) = आवासिक आवासीय सं० (पु० ) आवास संबंधी
आवाहन - सं० (पु० ) 1 आह्वान, बुलाना, पुकारना 2 देवता को मंत्र द्वारा बुलाना
आविक - I सं० (वि०) 1 भेड़ संबंधी 2 ऊनी II (पु० ) ऊनी वस्त्र, कंबल