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आश्मरिक
आश्मरिक - I सं० (वि०) पथरी रोग से ग्रस्त II (पु० ) अश्मरी रोग
आश्मिक-सं० (वि०) = पत्थर का आश्रम-सं० (पु० ) 1 साधु संतो की कुटी, मट 2 तपोवन 3 साधक समुदाय के रहने का स्थान 4 जीवन कार्यों की चार अवस्थाएं (जैसे- गृहस्थ आश्रम)। दाता (पु० ) आश्रयदाता; ~ धर्म (०) 1 आश्रम विहित धर्म 2 ब्रह्मचारी, गृहस्थ आदि के धर्म भ्रष्ट (वि०) जो आश्रम धर्म से गिर गया हो; वास (पु० ) तपोवन में रहना, वानप्रस्थ का जीवन; ~वासी I (वि०) आश्रम में रहनेवाला II (पु० )
वानप्रस्थ
आश्रय-सं० (पु०) 1 सहारा 2 शरण 3 घर 4 (काव्यशास्त्र में) जिसके मन में भाव पैदा हो। गृह (पु० ) शरण- घर, शरणस्थल; ~दाता (पु० ) सहारा या शरण देनेवाला; ~ स्थल, ~ स्थान (पु० ) आश्रयगृह हीन (वि०) बेसहारा आश्रयण-सं० (पु० ) 1 सहारा देना 2 सहारा लेना आश्रयासिद्ध-सं० (वि०) जिसका आश्रय ग़लत हो, मिथ्या
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और अमान्य
आश्रयी-सं० (वि०) आश्रय लेनेवाला आश्रव-सं० (पु० ) 1 दोष 2 वचन 3 अंगीकार आश्रित-सं० (वि०) 1 टिका हुआ 2 सहारा दिया हुआ 3 निर्भर
आश्रुत-सं० (वि० ) 1 सुना हुआ 2 गृहीत 3 वचन दिया हुआ आश्रुति-सं० (स्त्री०) 1 सुनना 2 ग्रहण करना आश्लिष्ट सं० (वि०) 1 गले लगाया हुआ 2 लिपटा हुआ आश्लेष-सं० (पु० ) 1 गले लगाना, आलिंगन 2 लगाव आश्लेषण-सं० (पु० ) 1 मिलाना 2 आलिंगन आश्लेषित - सं० (वि० ) 1 मिलाया हुआ 2 गले लगाया हुआ आश्व - I सं० (वि०) घोड़े से संबंध रखनेवाला II (पु० ) घोड़ों का झुंड
आश्वस्त सं० (वि०) जिसे आश्वासन दिया गया हो आश्वास-सं० (पु० ) 1 साँस लेना 2 तसल्ली 3 ग्रंथ का अध्याय, पाठ
आश्वासक सं० (वि०) आश्वासन देनेवाला आश्वासन -सं० ( पु० ) 1 दिलासा देना 2 आशा दिलाना, तसल्ली
आश्वासनीय सं० (वि०) = आश्वास्य आश्वासी-सं० (वि०) 1 धैर्य बँधानेवाला 2 दृढ़ विश्वास रखनेवाला
आश्वास्य-सं० (वि०) आश्वासन के योग्य आश्विन -सं० (पु० ) भादों एवं कार्तिक के बीच में आनेवाला महीना, क्वार
आषाढ़-सं० जेठ के बाद एवं सावन के पहले पड़नेवाला महीना, असाढ़ आषाढ़ी-सं० (स्त्री०) 1 आषाढ़ की पूर्णिमा 2 आषाढ़ में होनेवाली फ़सल आसंग - I सं० (पु० ) 1 लगाव 2 आसक्ति 3 साथ 4 कर्तव्याभिमान II (वि०) अबाधित आसंगी-सं० (वि०) 1 संपर्क रखनेवाला 2 साथी
आसमाँ
आसंजन - सं० (पु० ) 1 जोड़ना 2 चिपकाव 3 धारण करना 4 अत्यधिक प्रेम, अनुराग आसंजित -सं० (वि०) जिसका आसंजन न हुआ हो आसंदी -सं० (स्त्री०) 1 ऊँचा आसन, चौकी 2 खटोला आस - I (स्त्री०) 1 आशा 2 भरोसा 3 सहारा 4 कामना II (पु० ) 1 बैठना 2 आसन टूटना निराश होना; तकना प्रतीक्षा करना; तोड़ना निराश करना; देना उम्मीद दिलाना; पूजना, पूरना आशा पूरी होना, मनचाही बात कहना; बाँधना उम्मीद करना; लगना आशा उत्पन्न होना; होना 1 आशा होना 2 गर्भ ठहरना आसकत- (स्त्री०) आलस्य, सुस्ती आसकती - (वि०) आलसी
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आसक्त-सं० ( पु० ) 1 लगा हुआ 2 प्रेम करनेवाला, अनुरक्त 3 लिप्त, लीन
आसक्ति-सं० 1 मन का लगाव 2 प्रेम, अनुराग 3 लिप्तता आसज्जा-सं० (स्त्री०) बढ़िया सजावट आसवीन -फ़ा० (स्त्री०)
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आस्तीन आसन - सं० ( पु० ) 1 बैठक 2 बैठने का ढंग (विशेषतः योगसाधना में ) । ~ उखड़ना 1 जमकर न बैठ पाना 2 बैठने में डगमगाना; ~ उठना स्थान छूटना; ~करना योगानुसार शरीर को विशेष आकृति में रखना ~ कसना अंगों को तोड़-मरोड़कर बैठना, छोड़ना उठकर चल देना; जमना 1 एक ही स्थान पर एक ही मुद्रा में देर तक बैठना 2 स्थिर होकर बैठना; जमाना 1 अडिग भाव से बैठना 2 अपनी स्थिति, अधिकार दृढ़ कर लेना 3 डेरा डालना; डिगना, ~ डोलना मन का विचलित हो जाना; तले आना वश में होना; देना आदरपूर्वक बैठाना; बाँधना जाँघों से जकड़ना; मारना, लगाना जमकर बैठना आसनी -सं० (स्त्री०) बैठने का छोटा आसन आसन्न -सं० (वि०) 1 पास आया हुआ 2 सटा हुआ, संलग्न । ~ काल (पु०) मृत्यु काल; ~कोण (पु०) ग० ज्यामिति में उन दो कोणों में से प्रत्येक जो एक सरल रेखा के ऊपर खड़ी हो दूसरी रेखा के दोनों तरफ़ बनते हैं; प्रसवा (स्त्री०) शीघ्र प्रसव देनेवाली स्त्री; भूत (पु०) व्या० भूत काल का वह भेद जिससे क्रिया की निकटता सूचित होती हो; मरण, ~ मृत्यु (वि०) जिसकी मृत्यु पास आ गई हो आस-पास - ( क्रि० वि०) 1 अगल-बगल, चारों तरफ़ 2 क़रीब, पास में
आसमाँ, आसमान -फ़ा०
(पु० ) 1 आसमान, आकाश 2 स्वर्ग । ~ के तारे तोड़ना अनहोनी बात कर डालना; छूना बहुत ऊँचा होना; झाँकना, ताकना घमंड करना; टूटना अचानक भारी विपत्ति आ पड़नां, दैव कोप होना; ~ दिखाना कुश्ती में विपक्षी या प्रतिद्वंदी को चित कर देना; पर उड़ना, पर चढ़ना घमंड में इतराना; पर चढ़ाना 1 अत्यधिक प्रशंसा करना 2 अत्यधिक प्रशंसा करके दिमाग़ बिगाड़ देना; पर थूकना बड़े आदमी को निंदित करने के प्रयत्न में स्वयं निंदित होना; फटना = आसमान टूटना; सिर पर उठा लेना बहुत शोर, ऊधम, कोलाहल मचाना; सिर पर टूट पड़ना आसमान टूटना से गिरना, ~ से टपकना स्वयं उपस्थित हो जाना; से बातें