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उ
- उगला
+ फा० + अ०, ईफ्रा वादा (स्त्री०) वादा पूरा करना, प्रतिज्ञा | ईषदुष्ण-सं० (वि०) थोड़ा गर्म,कुनकुना पालन
ईषदर्शन--सं० (पु०) 1 चितवन 2 ईषदृष्टि ईमा-अ० (पु०) 1 इशारा, संकेत 2 ध्वनि
ईसवी-I अ० (वि०) ईसा से संबंध रखनेवाला II (पु०) ईमान-अ०. (पु०) 1 धर्म विश्वास 2 ईश्वर पर विश्वास 3 धर्म । ईसवी सन् 4 सच्चाई 5 नीयत। दार + फ्रा० (वि०) 1 सच्चा, ईसा-अ० (पु०) ईसाई धर्म के प्रवर्तक, मसीह ~मसीह विश्वसनीय 2 धनिष्ठ; दारी + फ्रा० (स्त्री०) सत्यनिष्ठा ईसाईयत-अं (स्त्री०) ईसाई धर्म/मत एवं धर्म परायणता का सौदा खरा व्यवहार; ~की कहना ईसाई-I अ० + फा० (वि०) ईसा से संबंधित (स्त्री०) ईसाइन सच्ची बात कहना; ठिकाने न रहना 1 धर्म पर दृढ़ न रहना ___II (पु०) ईसाई धर्म । 2 नीयत बदल जाना; ~डिगना नीयत में खामी आना; ईसार-अ० (पु०) स्वार्थत्याग
देना सत्य त्यागना; बिगड़ना, ~में फर्क आना ईस्टर-अं० (पु०) ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाने का दिन 1 नीयत खराब होना 2 धर्म में आस्थाभाव न होना; ~लाना ईस्वी-अ० (वि०) = ईसवी 1 धर्म एवं सच्चाई पर विश्वास करना 2 धर्म रूप में स्वीकार ईहा-सं० (स्त्री०) 1इच्छा, चाह 2 चेष्टा, प्रयत्न 3 लोभ करना
ईहित-सं० (वि०) 1 चाहा हुआ 2 चेष्टित ईमाय-अ० (पु०) = ईमा ईरण-I सं० (वि०) अस्थिर करनेवाला, क्षुब्ध करनेवाला
II (पु०) 1 वायु, हवा 2 उत्तेजना 3 गमन ईरानी-फा० (वि०) ईरान देश का ईरित-सं० (वि०) 1 प्रोत्साहित 2 कंपित ई-सं० (स्त्री०) = ईर्ष्या। ~वश (क्रि० वि०) ईर्ष्या से ईवाल-सं० (वि०) = ईर्ष्यालु
उँगनी-(स्त्री०) गाड़ी की धुरी में तेल लगाने की क्रिया, औंगने ईय-सं० (वि०) ईर्ष्या का विषय
की क्रिया ईया-सं० (स्त्री०) जलन, डाह; द्वेष (पु०) ईर्ष्या की । उँगल-(स्त्री०) = उँगली भावना
बैंगलाना-(स० क्रि०) तंग करना, परेशान करना ईर्ष्यालु-सं० (वि०) डाह, जलन करनेवाला
उँगली-(स्त्री०)हाथ-पैर के फली के आकार वाले अंतिम ईश-सं० (पु०) 1 ईश्वर 2 स्वामी 3 राजा
भाग। ~उठना बदनामी होना; ~उठाना 1दोष लगाना, शता-सं० (स्त्री०) स्वामित्व, प्रभुत्व
बदनाम करना 2 बुरी दृष्टि, हानि पहुँचाने की दृष्टि से देखना; शा-सं० (स्त्री०) 1 ऐश्वर्य, सुख 2 अधिकार 3 ऐश्वर्ययुक्त --करना परेशान करना, सताना, कष्ट देना; चटकाना स्त्री 4 दुर्गा
उँगलियों से चट-चट की ध्वनि निकालना; चमकाना, ईशान-सं० (पु०) 1 स्वामी 2 ईश्वर 3 ज्योति 4 पूर्व और उत्तर नचाना, मटकाना उँगलियों को द्वेष, नखरे से हिलाना; के बीच का कोण
~पकड़ते पहँचा पकड़ना किसी की भलमनसी का अनुचित इशिता-सं० (स्त्री०) 1 श्रेष्ठता, महत्ता 2 ईश्वरत्व
लाभ उठाने का प्रयत्न करना, थोड़ा पाकर अधिक पाने का ईश-प्रभु-सं० (पु०) हज़रत ईसा मसीह
प्रयास करना; ~रखना दोष की ओर संकेत करना; ईशोपासना-सं० (पु०) ईश्वरभक्ति, भगवान् की पूजा ~लगाना नाम मात्र की सहायता देना; ~उँगलियाँ नचाना ईश्वर-सं० (पु०) 1 भगवान् 2 स्वामी 3 आत्मा। त उँगलियाँ चमकाना; उँगलियों पर नचाना इच्छानुसार काम (स्त्री०), तत्त्व (पु०) ईशता; निष्ठ (वि०) ईश्वर में कराना, इशारों पर नचाना, वश में कर रखना; ~कानों में विश्वास करनेवाला; . निष्ठा (स्त्री०) ईश्वर का पुजारी; उँगलियाँ देना निदंनीय या अनुचित बात की चर्चा होने पर
~भक्ति (स्त्री०) = ईश्वर निष्ठा; ~मीमांसा (स्त्री०) उसके प्रति उदासीनता दिखाना; दाँतों तले दबाना आश्चर्य ईश्वर और जगत् का विवेचन करनेवाला शास्त्र; ~वाद प्रकट करना; पाँचो उँगलियाँ घी में होना हर तरह से यथेष्ट (पु०) ईश्वर की सत्ता और कर्तव्य शक्ति पर आस्था एवं लाभ का अवसर आना विश्वास का सिद्धांत; ~वादी (वि०) ईश्वरवाद को उँछ-I सं० (स्त्री०)खेत में हए दाने चुनना II (वि०) दाने माननेवाला
चुनकर गुज़ारा करनेवाला । ~वृत्ति (स्त्री०) खेत में छूटे हए ईश्वराधीन सं० (वि०) 1 ईश्वर के अधिकार में रहनेवाला दानों को चुनकर गुज़र करना; ~शील (वि.) उंछवृत्ति से 2 ईश्वर की इच्छानुसार होनेवाला
जीविकोपार्जन करनेवाला ईश्वरीय-सं० (वि०) 1 ईश्वर का 2 ईश्वर द्वारा किया गया, उँडक-सं० (पु०) शरीर के अंदर होने वाला या आँत का व्रण। ईश्वर द्वारा दिया, भेजा गया
^शोथ (पु०) आँत की सूजन ईश्वरोपासक-सं० (वि०) = ईश्वर निष्ठ
उँडेलना-(स० क्रि०) दूसरे बर्तन में गिराना, डालना, ढालना, ईश्वरोपासना-सं० (स्त्री०) = ईश्वर निष्ठा
उलटना ईषत्-I सं० (वि०) थोड़ा, कम II (क्रि० वि०) 1 कुछ-कुछ | दरी-(स्त्री०) गंजा होना 2 आंशिक रूप में
उँदरू-(पु०) एक प्रकार की काँटेदार झाडी ईषत्सपृष्ट-सं० (वि०) बहुत कम छुआ हुआ | उंदुर-सं० (पु०) चूहा