________________
आनुप्रासिक
आनुप्रासिक-सं० (वि०) अनुप्रास संबंधी आनुभविक सं० (वि०) 1 अनुभव से प्राप्त होनेवाला 2 ज्ञानेंद्रियों से अनुभूत आनुमानिक-सं० (वि०) अनुमान से संबंध रखनेवाला आनुवंशिक सं० 1 वंश परम्परा से प्राप्त, पुश्तैनी 2 वंशानुक्रमिक आनुवंशिकता - (स्त्री० ) 1 वंशागत परंपरा 2 आनुवंशिक होने की अवस्था या भाव 3 पूर्वजों से प्राप्त गुण । -विज्ञान (पु० ) वंश परम्परा संबंधी शास्त्र आनुवंशिकी -सं० (स्त्री०) आनुवंशिक विज्ञान आनुश्राविक-सं० (वि०) जिसे परंपरा से सुनते चले आये हों आनुषंगिक -सं० (वि०) 1 आप से आप घटित होनेवाला 2 अनावश्यक रूप से साथ होनेवाला, सहवर्ती 3 गौण आनूप-सं० (वि०) 1 प्रायः जल में या उसके पास रहनेवाला (जैसे-मछली, मेंढक आदि)
85
आनेवाला -1 (वि०) आगामी | (पु०) वह जो आने को है। आप- 1 (सर्व०) स्वयं, स्वतः, खुद II ( पु० ) 1 जल 2 प्राप्ति । ~काज (पु० ) 1 अपना काम 2 स्वार्थ काजी (वि०) मतलबी, स्वार्थी बीती (स्त्री०) अपना अनुभव; ~ रूप + सं० I (वि०) अपने रूप से युक्त मूर्तिमान II ( सर्व ० ) स्वयं, आप की आप पड़ना अपनी अपनी रक्षा या लाभ का ध्यान रखना; अपने आपको जानना अपने अस्तित्व को स्थापित करना; अपने आपको भूलना 1 बेसुध होना 2 घमंड में चूर होना; अपने हक़ में कांटे बोना संकट तैयार करना आपगा - (स्त्री०) नदी आपजात्य-सं० (पु० ) 1 अपजाति होने का भात्र 2 गुण आदि के विचार से मूल से घटकर तथा हीन होना आपण-सं० (पु० ) 1 बाज़ार, हाट 2 दुकान 3 हाट या बाज़ार में उगाहा जानेवाला कर
आपणिक - I सं० ( वि०) क्रय-विक्रय से संबंध रखनेवाला (जैसे- आपणिक लेख या विधि) II ( पु०) दुकानदार, विक्रेता
आपत् - सं० (स्त्री०) आपद्, आपत्ति
आपतन - सं० (पु० ) 1 गिरना 2 घटित होना 3 आना या पहुँचना 4 संयोग से संबंध में आना 5. आपतन कोण ( गणित-विज्ञान)
आपत्काल सं० (पु० )1 संकटकाल, विपत्तिकाल 2 बुरा समय, कुसमय । सेना (स्त्री०)
आपत्कालिक, आपत्कालीन सं० (वि०) आपत्ति के समय
का
आपत्ति - सं० (स्त्री०) 1 संकट 2 कष्ट, क्लेश, दुःख व अचानक आ गिरनेवाली विपत्ति, आफ़त, मुसीबत 3 एतराज़ (आपत्ति शब्द) । ~कर्त्ता (पु० ) एतराज़ उठानेवाला; जनक (वि०) जिस बात पर एतराज़ किया जाए आपद्-सं० (स्त्री०) आपत्ति । ~ग्रस्त (वि०) संकट में फँसा हुआ आपदा-सं० (स्त्री०) आपत्ति
आपद्धर्म-सं० (पु० ) विवशता से किया जानेवाला वर्जित कर्म आपन -सं० (वि०) विपत्ति ग्रस्त, दुःखी आपराधिक सं० (वि०) 1 अपराध में गिना जानेवाला
=
आपूर्ति
(आपराधिक प्रक्रिया) 2 अपराध जैसे विचार, भावों से संबंध रखनेवाला 3 अपराधशील
आपराह्निक-सं० (वि०) बाद दोपहर का आपरेटर-अं० (पु०) चालक
आपरेशन - अं० (पु० ) शल्यक्रिया, चीरफाड़। रूम (पु० )
शल्य-कक्ष
आपस - अ० (वि०) एक दूसरे का, परस्पर (जैसे-आपस का, आपस में, आपस के लोग आदि) । दारी + फ़ा० (स्त्री०) परस्पर निकट संबंध, भाईचारा का (पु० ) संबंधियों, मित्रों के बीच का । में गिरह पड़ना मनमुटाव होना आपसी - (वि०) आपस में होनेवाला, पारस्परिक आपस्तंव-सं० (पु० ) एक शाखा प्रवर्तक ऋषि आपा - I ( पु० ) 1 अपना अस्तित्व, अपनाया, निजत्व 2 अपनी सत्ता का ज्ञान 3 अहंकार, गर्व 4 होश II ( स्त्री०) बड़ी बहन । ~धापी (स्त्री०) अपना स्वार्थ, लाग डाँट; -पंथी (वि०) अपने मन की करनेवाला, स्वच्छंद खोना 1 घमंड त्यागना 2 अपने को बर्बाद करना 3 मरना; ~डालना घमंड छोड़ देना; तजना, मेटना द्वैत भाव का त्याग; ~ दिखलाना दर्शन देना; बिसराना 1 अपने को भूल जाना 2 सुध-बुध खो देना; सँभालना चेतना, सावधान होना; आपे में आना या होना 1 होश हवास में रहना 2 मनोभावों पर संयम रखना; आपे में न रहना, आपे से निकलना, आपे के बाहर होना क्रोध और कामादि के कारण मन पर काबू न रख सकना, उत्तेजना में विवेक खो देना, धैर्य से अलग होना
आपात्-सं० (पु० ) 1 गिरना 2 अचानक घटित होने की स्थिति 3 अप्रत्याशित घटना या दृश्य। ~ काल-सं० (पु०) संकट काल; ~कालीन (वि०) आपत्कालिक; बैठक (स्त्री०) आकस्मिक बैठक; ~ स्थिति (स्त्री०) घोर संकट की
=
अवस्था
आपाततः सं० ( क्रि० वि०) 1 अचानक 2 अंत में आपातिक-सं० (वि०) 1 अचानक होने या घटनेवाला 2 नीचे
उतरनेवाला 3 आत्ययिक, अप्रत्याशित रूप से होने वाला आपाती-सं० (वि०) 1 हमला या आक्रमण करनेवाला 2 नीचे उतरनेवाला
आपाद-सं० ( क्रि० वि०) 1 पैर से लेकर 2 पैर तक । ~ मस्तक ( क्रि० वि०) 1 पैरों से सिर तक 2 आदि से अंत तक
आपान-सं० (पु० ) 1 शराब पीना 2 मद्यपान गोष्ठी
3 शराबखाना, मदिरालय
आपानक-सं० (पु० ) 1 शराब पीनेवाला व्यक्ति, शराबी व्यक्ति 2 मद्यपान की गोष्ठी
आपीड़ - सं० I ( वि०) 1 पीड़ा देनेवाला 2 दबानेवाला II
(पु० ) 1 सिर पर पहनने की चीज़ 2 मुकुट मणि 3 माला आपीड़न-सं० 1 दबाना 2 पीड़ा देना आपीत-सं० I ( वि०) हल्का पीला II ( पु० ) सोनामाखी आपूरण-सं० (पु०) अच्छी तरह भरना, लबालब होना आपूर्ण-सं० (वि०) पूर्णतः भरा हुआ आपूर्ति - सं० (स्त्री०) 1 भरना 2 संतुष्टि, तृप्ति । मंत्री
(पु० )