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३०६ जैन धर्म का मौलिक इतिहास-द्वितीय भाग [गोपयुवक का दृष्टांत - यह कह कर गौ अपने बछड़े के साथ अन्तर्धान हो गई।
पशुओं के मुंह से अश्रुतपूर्व मानवभाषा सुन कर गोपयुवक को आश्चर्य के साथ-साथ उनकी बात की प्रामाणिकता पर भी विश्वास हुना। उसने विचार किया कि डाकू लोगों ने उसकी माता का अपहरण किया था। बहुत संभव है कि वह गणिका बन गई हो। क्षणभर के ऊहापोह के पश्चात् उसने निश्चय किया कि वह उस गरिणका के पास जाकर वास्तविकता का पता अवश्य लगायगा।
अपने निश्चय के अनुसार गोपयुवक उस गणिका के घर पहुंचा। चतुर गणिका ने उस युवक के समक्ष स्वादिष्ट प्रशन-पानादि प्रस्तुत कर नृत्य-संगीत प्रादि से उसका मनोरंजन करने का उपक्रम किया।
युवा गोप ने कहा - "यह सब कुछ रहने दो। सबसे पहले तुम मुझे यह बतायो कि तुम कौन हो और कहां की रहने वाली हो ?" ।
गणिका ने उत्तर दिया - "तरुण ! तुमने मेरे जिन गुणों पर मुग्ध होकर उनके शुल्क के रूप में विपुल धन दिया है, उन गुणों के सम्बन्ध में तुम अपने मतलब की बात करो। तुम्हें मेरी उत्पत्ति अथवा अन्य परिचय से क्या प्रयोजन है?"
युवक ने कहा - "तुम विश्वास करो, वास्तव में मुझे तुम्हारी उत्पत्ति के परिचय से ही प्रयोजन है, अन्य बातों से नहीं । कृपा कर बिना छुपाये अपना सारा इतिवृत्त सच-सच सुना दो।" __युवक की बात सुन कर गणिका कुछ क्षणों के लिये ऊहापोहात्मक विचारसागर में डूबी रही पर अन्ततोगत्वा उसने अपने श्वसुर-पक्ष एवं पितृपक्ष के मुख्यमुख्य स्वजनों के नामोल्लेखपूर्वक अपने डाकुओं द्वारा अपहरण तथा गणिका द्वारा क्रय किये जाने आदि सभी घटनाओं का पूरा परिचय दे दिया।
युवा गोप लज्जित हो गरिणका के चरणों पर गिर कर कहने लगा- "मां ! मैं ही तुम्हारा वह अभागा पुत्र हूं, जिससे विलग कर तुम्हें डाकू उठा लाये थे। देव-कृपा से आज हम दोनों माता और पुत्र घोर अनाचार से बच गये हैं।"
___ तदनन्तर गोपकुमार वृद्धा गणिका को उसके कहे अनुसार मूल्य चुका कर अपनी मां को अपने साथ गोकुल में ले गया।"
उपर्युक्त दृष्टान्त सुनाने के पश्चात् जम्बूकुमार ने प्रभव से पूछा- "प्रभव ! यदि देवता द्वारा उस गोपयुवक को प्रतिबोध नहीं दिया जाता, तो उस दशा में उस युवा गोप के धन का उपयोग कैसा होता ?"
प्रभव ने कहा “अत्यन्त गर्हणीय और नितान्त निन्दनीय ।
जम्बूकुमार ने एक और प्रश्न किया- "प्रभव ! माता-पुत्र का सम्बन्ध ज्ञात हो जाने पर क्या वह युवक गणिका बनी अपनी उस माता के साथ कभी विषयोपभोग की अभिलाषा कर सकता है ?"
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