Book Title: Jain Dharma ka Maulik Itihas Part 2
Author(s): Hastimal Maharaj
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur
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८३४.
केमिज हिस्ट्री - ४१६, ५४६ कोमलप्रश्न अध्ययन - १५७ कौमुदीमहोत्सव नाटक -६६६ क्रियाविशालपूर्व - २६, १६८, १७५ । क्रियास्थान अध्याय - १२२ क्षुल्लकाचार- ३२१
चउपन्न महापुरिस परियं - ११, १७, १८ चतुश्शरणप्रकीर्णक - ६८९ चरणविहि - ६८७ चुल्लकप्पसुयं-६८७
छिन्नछेदनय - ६८७ छेदसूत्र - ३५८, ३५६, ६१७
खातोदक-अध्ययन- १४६ खारवेल का शिलालेख-४८३ खुणियाविमारण पविभत्ती- ६८९ सुशालपट्टावली - ५३६
जम्बू चरित्र - २०४, २०६, २१५, २२२,
२२८, २३१, २३३, २३४, २३७, २३८, २४०, २९४, ३०१, ३०६,
गण्डिकानुयोग - १६६
जम्बूद्वीपपण्णत्ती- ६८८, ७२४, ७३४, गन्ध हस्ती के विवरण को टीका-५२९
७४८, ७६६ गच्छाचार पइन्ना ३२७, ३२९, ३३३, ३६२ जम्बू स्वामी चरितम् - ६५-६७, १६०, गणघरवाद को टीका - २०
१९४, २३३, २३५, २३६, २४०, गरणहर सत्तरी-६२
२४२, २४७, २४८ गरिणपिटक (सूत्र)- ६६, १२८, १४२, जरनल माफ दी बिहार एण्ड उडीसा रिसर्च - १७०
सोसाइटी - २५० गणिविज्जा (श्रुति) - ६८७
जय धवला - ७२, ६१, ११०, ५३४, ५३५, गणिविद्या - ६८६
५५३, ५५४, ७०२, ७१४, ७२४, गल्लोववाए - ६८८
७२५, ७४८, ७५२, ७५६ गर्गसंहिता- २६४, २७४
जीतमर्यादा - ५०८ गार्गी संहिता-४६०
जीवाभिगम - १३६, ६८७, ६८८ गाथासप्तशती-५४५, ५४६ .
जन इतिहास की पांडुलिपि ६३३ गुर्वावली-३६२, ५९८
जैन ग्रंथ प्रौर ग्रंथकार - ७१४ गुरुपट्टावली-३२३, ३३६
जैन धर्म का प्राचीन इतिहास -१६६ गोम्मटसार -७३, ६१, २३३
जैन धर्म का मौलिक इतिहास, प्रथम भाग - गोविंद नियुक्ति - ६६३
३४, ३७, १३६, २५५, २८०, गौतम चरित्र - २८, ४०, ४१
४८८, ७७०, ७७५ जैन धर्म नो प्राचीन संक्षिप्त इतिहास -५१
चन्द्र प्रध्ययन-१४६ चन्द्रं गच्छ - ७६E चन्द्र प्रज्ञप्ति – ३३०, ६८८ चंदविज्जय - ६८७
जैन परंपरा नो इतिहास - २८६, ६२३ जैन शिलालेख संग्रह भाग १ -७५५, ७५६,
७६६, ७६८ जन साहित्य और इतिहास - ६१६, ६१७
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