Book Title: Jain Dharma ka Maulik Itihas Part 2
Author(s): Hastimal Maharaj
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur
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८१२.
नंदमती - १५४
नंदा - १५४, १५५
नंदि - ६१४, ७३०, ७३१
नंदिनी पिता - १५२
नंदि मित्र - १५४, २६१, ३१५, ३२२, ५८६,७३६, ७५६
नन्दियमपिय - ६८२.
नन्दिल - ५३५, ५५०, ५५१, ५५२, ५५४, ६३१, ६८३, ७५५
नन्दिवर्धन – २५०, २५४, २७३, २७४, २७५, २७७, २७८, २७६, ३७७, ३७६, ५०३,
नन्दी - १३६, १६६, १८४
नदीषेण - १६५ नक्षत्र ( प्राचार्य)
७३२
. नभसेना - २०६
नभोवाहन - ५१६,५३२ नमिनाथ - १२५, १२८ नरसिंह गुप्त - ६६०, ६६६ नरेन्द्रसेन - ६४४, ६७३ नवनाग - ६३८, ६४०
नहपान -- ६०४, ६०७ नाग
३५८, ४६३, ४७४, ७३०, ७४६ नाग कुमार - १३४
-
-
१८५, ४७४, ४७५,
नागदत १८६, ३७३, ५५१, ६६१ नागमित्र - ४६३
नागसेन - १८५, ४६८, ५८६, ६२८, ६४०, ६६०, ६६१, ७३१, ७३६
नागहस्ती - ३१५, ४७२, ४७३, १३४, १३५, ५१२, ५५३, ५५४, १५५, ५६१, १६२, ५०६, ३६७, ६३१. ६३२, ६६३, ७२४
नाग श्री - १४७
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नागार्जुन - १८२, ४७२, ४७३, ५५८, ५८७, ६५१, ६५२, ६५३, ६५४,
६५५, ६५६, ६५६, ६६५, ६७७, ६७६, ६६३, ७१८, ७१६
६६३, ६६४ ६८१, ६६४,
नागिला - १८६, १६१, १६२, १६४ नागेन्द्र - ३५०, ५२, ५५६, ५०६, ६२० ६३१, ६३४, ६३७, ७६८
नाथूराम - ६१६, ६१७, ७५५, ७६१ नायनिका - ६०५
नारदपुत्र - १३२
नाहड़ ५१६
निग्राकंस - ४२०
निकानोर - ५१६
निवृत्ति ( मुनि) – ६२०, ६२२, ७६८ नीलराज - ६६०
नेमिचन्द्र - २३३, ६१६, ७५३
नेमिनाथ - १५३, ३४१
नंड्रम - ४२१
पंडितदेव - ७५३ पंडुभद्द - ३२४
पंधक मुनि - १४५, पतंजलि - ४६६, ४६०
पत्तलक
૬૪
पद्म - ५८२, ५६७,
पद्मकुमार - ५५० पद्मदत्त
-
(4)
५५१
पद्मधर - ३४७, ३४८, ३४६ पद्मनंदी - ७५४, ७६२, ७६४ पद्मनाभ - १४७
पद्मरथ - १६६, १६७, १६८, ३४१ पद्मश्री - २०६, २१६, २१८, २३६, २४३, २४७,७७७
पद्मसेना - २०६, ७७७
पद्मावती - १५३, १६०, २०६, ६६०, ७७७
परशुराम - २७७
परुण्ड -
५६१
पर्णदत्त - ६६७
पर्युपासन - ३५७
पर्वतक - ४३२, ४३३, ४३४, ४३५, ४३६ पलक्क - ६६०
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