Book Title: Jain Dharma ka Maulik Itihas Part 2
Author(s): Hastimal Maharaj
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur
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८१०
डिमोडोरस - ४२७
डिमिट्रियस - ४८४, ४६०, ४६७, ४६८, ४६, ५१७, ६२८, ६६६
डिमित - ४१०
डियोडोरस - ४२२
डेरियस - ५०१
ढंकगिरी - ५५८ तंत्र प्रजापति - ७७६
(8)
तत्तायरिय - ७१३ तापसमुनि - ५८२
तामली तापस - १३२
(त)
तारा - १६०
तिष्यगुप्त - ५६, ५४.१ तीसभद्द - ३२४
तुरमय - ४३६
तोरणाचार्य - ७६६, ७६७
तोरमाण - ६६६
तोलेमाइयस - ४३६
तोसलिपुत्र - ३६५, ५७६, ५६०, ५६१,
५६२, ५६४, ७६५
थावच्चापुत्र - १४५ थियोस - ४३६
त्रयनाग - ६३६, ६४०, ६४१, ६४२
त्रिपुटी महाराज - २८६, ६२५ त्रिपृष्ठ वासुदेव - ४०, १२७ त्रियाशडिसस - ४२०
त्रैराशिक – ४६३
त्रैलोक्यसिंह - ३७६
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(थ)
(ब)
दक्ष - ४७४, दत्तदेवी दधिवाहन - ७७५
- ६६६
दर्शक -- २५४, २६४, २७४
दशरथ - ४८१
दाक्षिण्य चिन्ह - ७१२, ७१३
दाण्डेकर - ६१६ दामोदर प्रवरसेन - ६४७ दामोदर सेन - ६४३, ६६६
दिन - ४७३, ५०६, ५३६ दिवाकरसेन - ६४३, ६६६
दिशाकुमार - १३४ दीहद्द - ३२४
दुःप्रसह् - १५०, १०२, १८३ दुर्गाप्रसादशास्त्री - ५४७
दुर्बलिका (पुष्यमित्र ) - ३६४, ३७०, ४७३. ५८७, ५६५, ५६६, ५६६, ६०० ६०१, ६०२, ६०३, ६२०, ६३०
दुर्मति पुरुष - १५१
'दुर्लभदेव - ६२७.
दुष्यगली - ४७२, ६७४, ६७५, ६७६,
३७७, ६८०, ६८१, ६८२, ६८३ ६८४, ६८५
धर्मा - १६८, १६६
देव - १८५, ३५८, ४७५, ७३६
देवकी - ६६५
देवकोट्ट - ३४१
देवदत्त - २५७, २५८
देवनन्दी - ७१, ७६४
देवनाग - ६४०
देवपाल - ५२६
देवभूति - ४६८
देवद्ध - ११७, १३६, १४०, १७९, १७६, ४७१, ४७२, ५५०, ५५२, ६४४, ६५३, ६७४, ६७५, ६७६, ६७७, ६७८, ६७६, ६८०, ६८१, ६८२, ६८३, ६८५, ६६६, ६८७, ६६०, ६६२
देवर्षि - ५२६
देववर्मा - ४७६
देववाचक - ५०८, ५८६, १३, ६६०,
६८१
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