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जैन धर्म का मौलिक इतिहास-द्वितीय भाग [छेद० श्रुत० भद्रबाहु उत्पत्ति आदि का वर्णन किया गया है ।' इन गाथाओं में उल्लिखित विवरण श्रुतकेवली भद्रवाहु से बहुत काल पश्चात् हुए प्राचार्यों तथा उन प्राचार्यों के समय में घटित हुई घटनाओं से सम्बन्ध रखते हैं ।
५. उत्तराध्ययनसूत्र की नियुक्ति की गाथा संख्या १२० में श्रुतकेवली भद्रबाहु से बहुत समय पश्चात् हुए कालिकाचार्य के जीवन की घटनाग्रों का विवरण दिया गया है । यथा :
उज्जेरिण कालखमणा, सागरखमरणा सुवण्णभूमीए। ईदो आउयसेसं, पुच्छइ सादिव्वकरणं च ।।१२०॥
६. वर्तमान काल में उपलब्ध नियुक्तियां चतुर्दश पूर्वधर आचार्य भद्रबाहु की कृतियां नहीं, इस तथ्य को सिद्ध करने वाला एक प्रवल प्रमाण यह है कि उत्तराध्ययनसूत्र की नियुक्ति (अकाममरणीय) की निम्नलिखित गाथा में नियुक्तिकार ने यह स्पष्ट संकेत किया है कि वह चतुर्दश पूर्वधर नहीं है :
सम्वे एए दारा, मरणविभत्तीइ वण्णिया कमसो। सगलणिउणे पयत्थे, जिरण चउद्दसपुग्वि भासंति ।।२३३।।
अर्थात - मैंने मरणविभक्ति से सम्बन्धित समस्त द्वारों का अनक्रम से वर्णन किया है। वस्तुतः पदार्थों का सम्पूर्णरूपेण विशद वर्णन तो केवलज्ञानी
और चतुर्दश पूर्वधर ही करने में समर्थ हैं। समस्त आगमों और जैन साहित्य में एक भी इस प्रकार का उदाहरण उपलब्ध नहीं होता जिसमें किसी केवलज्ञानी ने किसी तत्व का विवेचन करने के पश्चात् यह कहा हो कि इसका पूर्णरूपेण विवेचन तो केवली ही कर सकते हैं । ठीक इसी प्रकार यदि नियुक्तिकार चतुर्दश पूर्वधर होते तो वे यह कभी नहीं कहते कि वस्तुतः पदार्थों का सम्पूर्णरूपेण विशद वर्णन तो केवलज्ञानी और चतुर्दश पूर्वधर ही करने में समर्थ हैं। यह नियुक्ति-गाथा ही इस बात का स्वतःसिद्ध प्रमाण है कि नियुक्तिकार चतुर्दश पूर्वधर भद्रबाहु नहीं कोई अन्य ही प्राचार्य हैं।
__ जैसा कि पहले बताया जा चूका है शान्त्याचार्य ने "चतुर्दश पूर्वधर प्रा० भद्रबाहु ही नियुक्तिकार हैं - इस पक्ष का समर्थन करते हुए उपरोक्त नियुक्ति' जइ जह पइसिगी जायागुम्मि पालिनग्रो भमाडेइ । तह तह सीमे वियगगा, पगास्मइ मुझडरायस्म ।।४६८।। नइ कण्ह-विन्न दीव, पंचसया तावमागण गिग वसति । पव्वदिवमेमु कुलवइ पालेवुनार मक्कारे ।।५०६।। जगण सावगागा खिमग, समियकवण माइठागण लेवेण । सावय पयन करणं, अविगणयलोए चलग धोए ।।५०४।। पडिलाभिन वच्चता निवुड्ड न इकूलमिलगा ममियायो । विम्हिह्य पंचमया, तावमागग पवन माहा य ।।५०५।।
[पिण्ड नियुनि]
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