Book Title: Jain Dharma ka Maulik Itihas Part 2
Author(s): Hastimal Maharaj
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur
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८०५
ए०के० मजूमदार - २५१ एणा - ३८६ एलाचार्य -७६१
ऐंटिगोनस - ४३६ ऐंटियोकस - ४३६, ४४८ ऐल-४८७ .
उत्तर-४६३ उत्तरा-६१० उत्तानपाद - ४८८ उत्पलकुमार - ३७६ उत्पला- १३३ उदधिकुमार - १३४ उदयगिरी- ६७१ उदयन - १३३, २६७, २७४, उदायी - २५०, २५४, २५६, २६३, २६४,
२६५, २६६. २७३, २७५, २७६,
२७७, २७६, ३७७, ३८३, ५.०३, उदयवर्द्धन - ३८० उदयाश्व - २५०, २६४ उदायी हम्ती-१३४ उद्योतन सूरि - ७१२, ७१३ उपकोणा - ३९५ उपनंदन भद्र - ३२४ उपरिचर वसु-४८८ उमरदत्त - १६५ उमास्वाति - ४७५, ४६३, ४६४, ७५३ उमास्वामी -७५६ उसभदात- ६३७
प्रोनेसिक्रिटस - ४२०
। (प्रो) पौर्व - २५२
(क)
ऊहड़-३७६
कचना-१६० कंस - ६६५, ७३०, ७३२, ७३७ कंसार्य - १८५ कंसावाये - ७३०, ७४६ कछुल्ल नारद - १४७ कनकवती- २०६, ७७७ कनकश्री -- २०६, २३६, ७७७ कनकसेना - २०६, ७७७ कनिष्क - ६३४, ६३५, ६३६, ६३७ कपदियक्ष - ६७७ कपिल - १३६, २६८ कपिल ब्राह्मण - २६६ कमलभाल-७७७ कमलमाला - २०६ कमलावती- २०६, ७७७ कलावती- ६७६ कल्प - ३६०, ७५१ कल्पक - ३८३ कल्पाक - २६६, २३०, २७१, २७२, २७३ कल्याण विजय - २३१, ४६६, ६१६,
६२२, ६२३, ६२४, ६७८, ६८२ कान्तिमागर - ४५६. ५.७, ६३३. काकवर्ण -- २५५, २७६
ऋषभ - १२४ ऋषभदत - १३३, २००, २०१, २०२,
२०३, २०४, २०५, २०६, २०७, २०६, २११, २१३, २१४, २१५,
। २१६, २२१, २२५, २३४, २६३ ऋषभदेव - १, ५, ३०, १२६, १२७, १२८,
१७१, ५०५, ५६६, ६४५, ६८६,
ऋषभसेन - ३०, ३१ ऋषिगुप्त - ४६५ ऋषिदत्त - ४७७
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