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मुण्डकाल में धार्मिक कटुता ] दशपूर्वर-काल आर्य नागहस्ती
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प्रथम बौद्ध भिक्षु ही दृष्टिगोचर हुग्रा और वह उस तथाकथित अपशकुन से त्रस्त हो तत्काल अपने कक्ष की ओर लौट पड़ा ।
तीन दिन बीतने पर भी जब दूत पुरुषपुर के राजा की सेवा में नहीं पहुँचा तो विदेशामात्य दूत के पास पहुँचा और उसने दूत से राजा की सेवा में नहीं पहुँचने का कारण पूछा । सरल हृदय दूत ने अपने मन में जमे विश्वास को प्रकट करते हुए उत्तर दिया - "बौद्ध भिक्षु के दर्शन से बढ़ कर और कोई अन्य प शकुन नहीं । मैं जब-जब भी राजा की सेवा में उपस्थित होने इस भवन से बाहर निकला तभी जिस व्यक्ति पर मेरी सबसे पहली दृष्टि पड़ी, वह बौद्ध भिक्षु था । अब आप ही बताइये इस प्रकार के घोर अपशकुन की अवस्था में मैं राजदर्शन के लिए कैसे आता ?"
मंत्री ने दूत को बार बार समझाया कि गली के अन्दर अथवा बाहर बौद्ध भिक्षु दृष्टिगोचर हो तो उससे अपशकुन नहीं होता, पर अपशकुन का भय दूत के हृदय से पूर्ण रूपेण नहीं निकला। मंत्री के आग्रह पर वह डरता डरता राजा की सेवा में पहुँचा ।
मत्स्य पुराण, वायु पुराण और श्रीमद्भागवत' आदि में मुरुण्ड राजाओं का पुरुण्ड, परुण्ड और गरुण्ड नाम से उल्लेख उपलब्ध होता है !
मुरुड लोग अफगानिस्तान में काबुल के आस-पास के मुरण्ड प्रदेश के रहने वाले थे । प्राचीन काल में मुरण्ड प्रदेश को लम्बक के नाम से भी पहिचाना जाता था । ग्राजकल उस प्रदेश को लमघान कहते हैं ।"
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युगप्रधानाचार्य : :- श्रार्य नागहस्ती के वाचनाचार्य काल में क्रमशः आर्य श्रीगुप्त और वज्र और रक्षित ये तीन युगप्रधानाचार्य हुए ।
प्रार्य श्रीगुप्तं युग प्रधानाचार्य
आर्य भद्रगुप्त के स्वर्गगमनानन्तर प्रार्य श्रीगुप्त युगप्रधानाचार्य हुए। आपका विशेष परिचय उपलब्ध नहीं होता । दुष्षमाकाल श्रमरण-संघ-स्तव के अन्त में जो युगप्रधान यन्त्र दिया हुआ है, उसके अनुसार प्रापके जीवन की प्रमुख घटनाओं का तिथिक्रम इस प्रकार है :
श्रार्य श्री गुप्त का जन्म वीर नि० सं० ४४८ में हुआ । २५ वर्ष की युवावस्था में आपने वीर नि० सं० ४८३ में श्रमरण-धर्म की दीक्षा ग्रहरण की । ५० वर्ष तक सामान्य साधु पर्याय में रहते हुए आपने तप, संयम एवं विनय धर्म की
' ततोऽष्टौ यवना भाव्याश्चतुर्दश तुरुष्ककाः ।
भूयो दश गुरुण्डांश्च, मौना एकादशैव तु ॥३०॥
[ श्रीमद्भागवत, स्कन्ध १२ ० १ ]
२ मुरण्ड - muranda, m a country to the north-west of Hindustan (also called Lampaka and now Lamghan in Cabul).
गुरुण्ड-murunda
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a king ... dynasty and a people [ मोम्बोर मोम्योर डिक्शनरी ]
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