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काम नि. ग. प्रान्ति] सामान्य पूर्वपर-काल : देवटि समाश्रमण
७४६ महवाल, इन पांच प्राचार्यों के नाम दिये हैं, उनके क्रमगत प्राचार्यत्व और प्राचार्य काल के सम्बन्ध में भी वस्तुतः किसी को किसी प्रकार का संदेह नहीं रहना चाहिए।
इस प्रकार विस्तार सहित प्रस्तुत किये गये उपरिलिखित तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में निर्वाण पश्चात् गौतम से लेकर पहलि तक हुए दिगम्बर परम्परा के प्राचार्यों का क्रम एवं काल निम्नलिखित रूप से सुनिश्चित सिद्ध होता है :
केवली
१. इन्द्रभूति गौतम २. सुधर्मा (लोहार्य) ३. जम्बू
१२ वर्ष १२ वर्ष
३८(४०) वर्ष योग ६२ (६४) .
श्रुतकेवली
]
४. विष्णु (नन्दी) ५. नन्दिमित्र ६. अपराजित ७. गोवर्धन ८. भद्रबाहु
समुच्चय काल
१०० वर्ष
९. विशाख
एकादशांग ।
एवं दशपूर्वधर
समुच्चय काल १८३ वर्ष
१०. प्रोष्ठिल ११. क्षत्रिय १२. जय १३. नाग १४. सिद्धार्थ १५. तिषण १६. विजय १७. बुद्धिल १८. गंगदेव १९. धर्मसेन
एकादशांगधर
]
समुच्चय काल
२०. नक्षत्र २१. यशःपाल २२. पाण्डू २३. ध्रुवसेन २४. कंसाचार्य
२२० वर्ष
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