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इस अवसर्पिणीकाल के १२ चक्रवर्ती के नाम प्रामादि का यन्त्र
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नाम चक्रवत्ती का नगर के नाम पिता के | माता के
नाम चक्रवत्ती का नगर के नाम
गति | किस तीर्थक्कर के वक्त
स्त्री का नाम आयु प्रमाण नाम | नाम ।
देहमान
भद्रा
* जैन-तत्त्व प्रकाश
६५००० वर्ष
१ भरत । अयोध्या | ऋषभदेव | सुमङ्गला | सुभद्रा |८४ लक्ष पूर्व २ सगर अयोध्या
जयवती
| ७२ लक्ष पूर्व ३ मांधक श्रावस्ती विजय भद्रा | सुनन्दा ५ लक्ष वर्ष ४ सनत्कुमार | हस्तिनापुर समुद्र । शिवा रत्ना |३ लक्ष वर्ष ५ शांतिनाथः | हस्तिनापुर विश्वसेन अचिरा विजया | १ लक्ष वर्ष ६ कुन्थुमाथे हस्तिनापुर सुरराय | श्रीदेवी कृष्णश्री ७ अरनाथः र सुदर्शन | देवी
८४००० वर्ष ८ सम्भूम
हस्तिनापुर परिमिन्त जाली | पद्मश्री ६०००० वर्ष ६ महापद्म बाणारसी | कीर्तिवर्म
३०००० वर्ष १० हरिषेण कम्पिलपुर महाहरी । मेरा देवी | १०००० वर्ष १९ जयसेण राजग्रही ! पद्म वपरा । लक्ष्मी ३००० वर्ष १२ ब्रह्मदत्त | कम्पिलपुर| ब्रह्म ।चुलणी कुरुमति । ७०० वर्ष
| ५८० धनुप | मोक्ष ऋषभदेवजी के ४५० धनुष | मोक्ष अजितनाथजी के ४२ धनुष | मोक्ष धर्मनाथजी के बाद ४. धनुष | मोक्ष धर्मनाथजी के बाद ४० धनुष क्ष शांतिनाथजी खुद ३५ धनुष |मक्ष कुन्थुनाथजी खुद ३० धनुष मोक्ष अरनाथजी खुद ८ धनुष | नरक अरनाथजी के बाद २० धनुष | मोक्ष, मुनिसुव्रतजी के वक्त
१५ धनुष | मोक्ष नेमिनाथजी के वक्त ! १२ धनुष | मोक्ष नेमिनाथजी के बाद । ७ धनुष नरक अरिष्टनेमिजी के बाद
सूरश्री
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| सुन्दरी
सस्त
मामा