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* अन्तिम शुद्धि
सयं संबुद्धाणं - स्वयं ही बोध को प्राप्त पुरिसुत माणं - पुरुषों में उत्तम पुरिससीहाणं -- पुरुषों में सिंह के समान
पुरिसवर पुंडरीया - पुरुषों में प्रधान पुण्डरीक कमल के समान पुरिसवरगंधहत्थीणं - पुरुषों में गंधहस्ती के समान लोगुत्तमाणं - लोक में उत्तम
लोगनाहाणं - लोक के नाथ
लोगहिया - लोक के हितकर्त्ता
लोगपईवाणं - लोक में दीपक के समान प्रकाश करने वाले
लोगपज्जोय गराणं - लोक में उद्योत करने वाले
अभयदयाणं - अभयदान के दाता
चक्खुदयाणं - ज्ञान रूप चक्षु देने वाले
मग्गदयाणं - मोक्ष मार्ग के दाता
सरणदयाणं - शरणदाता
जीवदया - जीवन दान देने वाले
बोधिदया - बोधि बीज - सम्यक्त्व के दाता
धम्मदया - धर्म के दाता
धम्मदेसया – धर्म का उपदेश करने वाले
धम्मनायगाणं -- धर्म के नायक
धम्मसारहीणं - धर्म रूपी रथ के सारथी
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धम्मवरचा उरंतचक्कवट्टी - धर्म के चारों दिशाओं का शासन करने वाले चक्रवर्त्ती के समान ।
दीव ताणं सर-इ-पट्ठाणं - द्वीप के समान, शरणभूत, गति और प्रतिष्ठा रूप