Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 02
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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अनुयोगद्वारसूत्रे इष्टकादि-राशिः, रचितं-प्रासादपीठादिकं, क्रकचितं करपत्रविदारितं काष्ठादिकं, कटपटौ प्रसिद्धी मितिः कुडचम्, परिक्षेपा=गरिधिः मियादेः, नगरपरिखादिर्या, एतत्संश्रितानां द्रव्याणां खातादीनामित्यर्थः, अभेदेऽप भेदकल्पनया खातादिसंश्रितानां द्रव्याणामि युक्तम्, अवमानप्रमाणनितिलक्षणं-अवमानप्रमाणत्वपरिज्ञानं भवति । एतदुपसंहरन्नाइ-तदेतदवमानमिति। ___ अथ किं तद् गणिमम् ?-गण्यते-संख्यायते यत्तदू गणिमम्। रूप्यकादि, गण्यते संख्यायते वस्त्वनेनेति गणिमम्-एकद्वयादिकम् , इति कर्मकरणोभयकूपादिक खात कहलाते हैं । इष्टकादि-ईट आदिकों से बना ये हुए प्रासादपीठादिक चित कहलाते हैं। करोत से विदारित काष्ठादिक क्रकचित कहलाते हैं। कट नाम चटाई का और पट नाम वस्त्र का है। भीत का नाम भित्ति है। भीत की परिधिका नाम परिक्षेष है । अथवा नगर की जो खाई होती है उसका नाम परिक्षेप है। इनमें संश्रित खातादिरूप द्रव्यों के प्रमाण का परिज्ञान होता है। अभेद् मे भी भेद की कल्पना से “खातादि संश्रिता नां द्रव्याणां" ऐसा पाठ सूत्रकार ने कहा है । अर्थात् ये खातादिक द्रव्य इतनी नालिका प्रमाण हैं, ये गृह इतने हाथ प्रमाण हैं, यह खेत इतने दण्ड प्रमाण है इत्यादि रूप से खातादिकों के अवमान प्रमाण का परिज्ञान होता है । (से तं अवमाणे) इस प्रकार यह अवमान प्रमाण है। (से किं तं गणिमे) हे भदन्त ! वह गणिम प्रमाण क्या है ? (जण्णं गणिज्जइ गणिमे)
उत्तर-जो गिना जावे वह गणिम है । ऐसा वह गणिम रूप्यक आदि जानना चाहिये। अथवा-जिसके द्वारा वस्तु गिनी जावे वह વગેરેથી નિર્મિત પ્રાસાદ પીઠ વગેરે ને ચિત કહેવામાં આવે છે. કરવત વડે વહેરાયેલ કાષ્ઠાદિક કેકચિત કહેવાય છે અને પટ નામ વસ્ત્રનું છે ભીંતનું નામ ભિત્તિ છે. ભીંતની પરિધિનું નામ પરિક્ષેપ છે અથવા નગરની જે પરિખા હોય છે તેનું નામ પરિક્ષેપ છે આમાં સંશ્રિત ખાતાદિ રૂપ દ્રવ્યના प्रभानु परिज्ञान डाय छे. महमा ५४ हनी ४८५नाथा “ खातादि संधितानां द्रव्यागाम्" माता 3 सूत्र१२ वडे ४ामा मा छे सेट ખાતદિક દ્રવ્ય આટલી નાલિકા જેટલું છે, આ ઘર એલા હાથ પ્રમાણ છે, આ ખેતર આટલા દંડ પ્રમાણ છે, વગેરે રૂપથી ખાતાદિકોના અવમાણ પ્રમાણનું परिज्ञान डाय छे. (से तं अवमाणे) मा प्रमाणे ॥ अवमान प्रमाण छ. (से कि त गणिमे) मत! शुभ प्रभाछ ? (जण्णं गणिज्जइ गणिमे.)
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