Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 02
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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अनुयोगद्वारसूत्र स्यक्ष पञ्चविध प्रज्ञप्त, तद्यथा-श्रोत्रेन्द्रिपत्यक्षं, चक्षुरिन्द्रियपत्यक्षं घाणेन्द्रिय प्रत्यक्षं जिह्वेन्द्रियप्रत्यक्षं, स्पर्शेन्द्रियप्रत्यक्षम् । तदेतत् इन्द्रियप्रत्यक्षम् । अथ किं तत् नो इन्द्रियपत्यक्षं ? नोइन्द्रियपत्यक्ष-त्रिविध प्रज्ञप्तं, तद्यथा-अवधिज्ञानमत्यक्ष, मनापर्यवज्ञानप्रत्यक्षं, केवलज्ञानप्रत्यक्षम् । तदेतत् नो इन्द्रियमत्यक्षम् । तदेतत् प्रत्यक्षम् ॥ सू० २२० ॥ प्रत्यक्ष और दूसरा नोइन्द्रिय प्रत्यक्ष । (से किं तं इंदियपच्चक्खे) वह इंद्रियप्रत्यक्ष क्या है ? (इंदियपच्चक्खे पंचविहे पण्णत्ते) वह इन्द्रिय प्रत्यक्ष पांच प्रकार का कहा गया है । (तं जहा) वे प्रकार ये हैं(नोइंदियपच्चक्खे) श्रोत्रेन्द्रिय प्रत्यक्ष (चक्खुरिदियपच्चक्खे) चक्षु इन्द्रिय प्रत्यक्ष (घाणिदियपच्चक्खे) घ्राणेन्द्रियप्रत्यक्ष (जिभिदियपच्चक्खे) जिह्वा इन्द्रिय प्रत्यक्ष (फासिंदियपच्चक्खे) स्पर्शनइन्द्रिय प्रत्यक्ष । (से तं इंदियपच्चक्खे) इस प्रकार यह इन्द्रिय प्रत्यक्ष है । (से किं तं जो इंदियपच्चक्खे) हे भदन्त ! नोइन्द्रिय प्रत्यक्ष क्या है ? (णो इंदियपच्चक्खे तिविहे पण्णत्ते) नो इन्द्रिय प्रत्यक्ष तीन प्रकार को कहा गया है। (तं जहा) जैसे-(ओहिणाणपच्चक्खे, मणपज्जवनाणपच्च. क्खे, केवल नाणपच्चक्खे) अवधिज्ञानप्रत्यक्ष मनःपर्यवज्ञानप्रत्यक्ष
और केवलज्ञान प्रत्यक्ष । (से तं णो इंदियपच्चरखे) इस प्रकार यह नोइन्द्रिय प्रत्यक्ष है । (से तं पच्चक्खे) यही प्रत्यक्ष का स्वरूप है। (से किं तं इंदियपच्चक्खे) न्द्रिय प्रत्यक्षनु शु २१३५ छ १ (इंदियपच्चक्खे पंचविहे पण्णते) तेन्द्रिय प्रत्यक्ष पांय प्रानु उपामा मायु छ. (तं जहा) a प्र । प्रमाणे छे. (सोइंदियपच्चक्खे) श्रोत्रेन्द्रिय प्रत्यक्ष (चक्खुरिदियपच्चक्खे) यक्षुधन्द्रिय प्रत्यक्ष (घाणिदियपच्चक्खे) न्द्रिय प्रत्यक्ष जिभिदियपच्चक्खे)
लिन्द्रिय प्रत्यक्ष (फासिदिय पच्चक्खे) २५ नन्द्रिय प्रत्यक्ष (से तं इंदियपच्चकखे) प्रमाणे मान्द्रिय प्रत्यक्ष छे. (से किं तं णो इंदियपच्चक्खे) महन्त ! न न्द्रिय प्रत्यक्ष शुछ ? (णो इंदियपच्चक्खे तिविहे पग्णत्ते) नो छन्द्रिय प्रत्यक्ष त्र प्रा२नु ।अपामा माव्यु छ. (तं जहा) २५ (ओहिणाणपञ्चक्खे, मणपज्जवनाणपच्चक्खे केवल नाणपच्चक्खे) म. विज्ञानप्रत्यक्ष मन: ५वज्ञान, प्रत्यक्ष अने परज्ञान प्रत्यक्ष (से तं णो इंदिय पच्चक्खे) मा प्रभाव मा नन्द्रिय प्रत्यक्ष छ. (से त पञ्चक्खे) આજ પ્રત્યક્ષનું સ્વરૂપ છે,
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