Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 02
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 905
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Che - __ अनुयोगद्वारसूत्रे णाणुमए' इत्यत्र समस्ताध्ययनविषयो नयविचार उक्त एव । तथा च-मत्रसमु. दायरूपमेव समस्ताध्ययनम् , समस्ताध्ययने नयैर्विचारिते प्रतिसूत्रमपि नयैर्विचास्तिमेव भवति । इत्थं चापि द्वितीयः पक्षोऽयुक्तः ? इति चेदाह-प्रतिसूत्रं यद् नयविचारः प्रतिषिदः सोऽनुमत एव । सोऽपि च 'आसज्ज उ सोयारं नए नयविसारओ बूया' छाया-'आसद्य तु श्रोतारं नयान् नयविशारदो यात्' इत्यने नापादिक एवानुज्ञातः । यत्तु द्वितीयपक्षमाश्रित्य प्रागुपोद्घातनियुक्तौ समस्ता. ध्यपनषियस्य नयविचारस्योपन्यस्तत्वादत्र पुनस्तदुपन्यासो निरर्थक इत्युक्तं मयों से विचार किया जाता है' सो यह भी अयुक्त ही है, क्योंकि पहिले उपोद्घात निर्युक्त्यनुगम में 'नए समोयारणाणुमए' यहां समस्त अध्ययन विषयवाला नविचार कहा ही जा चुका है । तथा-सूत्रों का समुदाय रूप ही तो समस्त अध्ययन होता है। जब समस्त अध्ययन नयों से विचारित हो जाता है, तो अध्ययन का हरएक सूत्र भी नयों से विचारित हो ही जाता है। इस प्रकार भी द्वितीय पक्ष अयुक्त ठहरता है। उत्तर--प्रतिसूत्र में नय विचार नहीं होता है क्योंकि वहां प्रति षिद्ध कहा गया है-सो इस बात को तो हम भी मानते हैं। तथा 'आसन्ज उ सोयारं नए नयविसारओ बूया' कहीं २ जो ऐसी बात कही गई कि-'नय विशारद श्रोताजनों के अनुसार नयो का कथन करे' सो यह भी अपवादिक कथन ही माना गया है। जो द्वितीयपक्ष को लेकर यह कहा है कि 'पहिले उपोद्घात नियुक्ति में समस्त अध्ययन पात ५५५ मयुत ४ छ, म पडसा योद्धात नित्यनुगममा "नए समोयारणाणुमए" मडी समस्त अध्ययनवा नय विया२ ४ामा मास જ છે. તથા સૂત્રના સમુદાય રૂપ જ સમસ્ત અધ્યયન હોય છે. જ્યારે સમસ્ત અધ્યયન નયેના આધારે વિચારિત થઈ જાય છે. આ પ્રમાણે દ્વિતીય પક્ષ અયુક્ત સ્થિર થાય છે. ઉત્તર–પ્રતિસૂત્રમાં નય વિચાર થતું નથી કેમ કે તે ત્યાં પ્રતિષિદ્ધ કહેવામાં આવેલ છે. અને એ વાત તે અમે પણ માનીએ જ છીએ. તથા 'आसज्ज उ सोयारं नए नयविसारओ बूया' मे स्थाने मारीत हेवामा આવ્યું છે કે “નય વિશારદે શ્રોતાઓને પિતાની સમક્ષ રાખીને નાનું કથન કરે તે આ વાત પણ આપવાદિક કથન જ માનવામાં આવેલ છે. જે દ્વિતીય પક્ષને લઈને આમ કહેવામાં આવ્યું છે કે પહેલાં ઉદ્દઘાત નિર્યુક્તિમાં For Private And Personal Use Only

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