Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 02
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अनुयोगचन्द्रिका टीका सूत्र २३२ परिमाणसंख्यानिरूपणम् =सुप्तिङन्तादिरूपम् तद्रूपा संख्या, पदानां संख्येयत्वात्तद्रूपा संख्याऽपि संख्येया। पादसंख्या-पादा:- गाथादिचतुर्थांशरूपाः, तद्रूपा संख्या, पादानां संख्येयत्वातस्संख्याऽपि संख्येया। गाथासंख्या-गाथा प्राकृतच्छन्दोविशेषरूपा, तद्रपा संख्या, गाथानां संख्येयत्वात्तद्रूपा संख्या संख्येया। श्लोकसंख्या-श्लोकःअनुष्टुवादि छन्दोरूपस्तद्रूपो संख्या श्लोकानां संख्येयत्वात्तद्रपा संख्याऽपि संख्येव । एवं वेष्टसंख्या नियुक्तिसंख्या, अनुयोगद्वारसंख्या, उद्देशकसंख्या, अध्ययनसंख्या, श्रुतस्कन्धसंख्या, अगसंख्या च संख्येया, वेष्टकादीनां संख्येय. है। इस संघातरूप जो संख्या है वह संघातसंख्या है। व्यादिअक्षरो का संयोग संख्यात है इसलिये यह भी संख्यात है। सुबन्त तिगतरूप पद होता है। इस पदरूप संख्या का नाम पदसंख्या है। पदों के संख्यान होने से सद्रूप संख्या भी संख्यात है। गाथा आदि को जो चतुर्थ अंश है, उसका नाम 'पा' है। इस पादरूप संख्या का नाम पाद संख्या है। पाद संख्येय होते हैं इसलिये पादरूप संख्या भी संख्यात है। प्राकृतभाषा में लिखे गये छंदविशेष का नाम 'गाथा' है। इस गाथारूप संख्या का नाम 'गाथा' संख्या है। ये गाथाएँ संख्यात होती हैं, इसलिये गाथारूप मख्या भी संख्यात है। अनुष्टुप् आदि छन्दोंरूप श्लोक होता है। ये श्लोक संख्यात हैं । इसलिये इसरूप संख्या भी संख्यात ही है । इसी प्रकार से वेष्टसंख्या, नियुक्तिसंख्या, अनुयोगद्वारसंख्या, उद्देशकसंख्या अध्ययनसंख्या, श्रुतस्कंधसंख्या, अगसंख्या ये सब भी संख्यात ही हैं। क्योंकि ये वेष्टकादि संख्यात સબન્ડ અને તિગતરૂપ પદ હોય છે. આ પદરૂપ સંખ્યાનું નામ પદસંખ્યા છે. પદ સંખ્યાત હેવાથી તરૂ૫ સંખ્યા પણ સંખ્યાત છે. ગાથા વગેરેને જે ચતુર્થ અંશ છે. તેનું નામ “પાદ' છે આ પાદરૂપ સંખ્યાનું નામ પાદસંખ્યા છે. પાદ સંખેય હોય છે, એટલા માટે પાદરૂપ સંખ્યા પણ સંખ્યાત છે. પ્રાકૃતભાષામાં લખાએલા છેદ વિશેષનું નામ “રાજા” છે. આ ગાથારૂપ सध्यानु नाम 'गाथा' सभ्य छे. मा गाथा। सज्यात डाय छे, मेथी ગાથારૂપ સંખ્યા પણ સંખ્યાત છે. અનુટુપ વગેરે ઇન્દ્રરૂપ શ્લેક હાય છે. આ લેકે સંખ્યાત છે. એથી આ રૂપ સંખ્યાત જ છે. આ પ્રમાણે વેષ્ટસખ્યા નિયુકિત સંખ્યા, અનુયોગદ્વાર સંખ્યા ઉદ્દેશક સંખ્યા, અધ્યયન સંખ્યા, શ્રુતસ્કંધસંખ્યા, અંગસંખ્યા આ સર્વે પણ સંખ્યાત જ છે. કેમકે આ વેષ્ટાદિ શંખ યાત હોય છે. વેષ્ટકનામ છંદવિશેષનું છે. નિક્ષેપ
For Private And Personal Use Only