Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 02
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 887
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ___ अनुयोगद्वारसूत्र सूत्रालापकनिक्षेपः कृतकार्यों भवति । ततध पदार्थपदविग्रहादिः सर्वोऽपि सूत्रपर्शकनियुक्त्यनुगमस्य विषयः। तथा--वक्ष्यमाणनेगमादिनयानामपि पायः पदार्थादिविचार एव विषयः। उक्तं चान्यत्रापि "होइ कयत्थो वोत्तुं, सपयच्छेयं सुयं सुयाणुगमो । सुत्तालावगनासो, नामाइन्नासविणि भोगं ॥१॥ मुत्तप्फासियनिज्जुतिविणिोगो सेसओ पयत्थाई । पायं सोच्चिय नेगमनयाइ नयगोयरो होइ ॥२॥ छाया-भवति कृतार्थ उक्त्या सपदच्छेदं सूत्रसूत्रानुगमः । सूत्रालापकन्यासो नामादिन्यासविनियोगम् ॥१॥ सूत्रस्पर्शकनियुक्तिविनियोगः शेषकः पदार्थादिः । प्रायः स एव नैगमादि नयगोचरो भाति ॥इति।। नया अपि पदार्थादीनेव विषयीकुर्वन्ति, इत्थं च ते तत्वः मूत्रस्पर्शकनियुक्त्यन्तगंता एक भावनीया इति । अनेन प्रकारेण मूत्रे व्याख्यायमाने सुत्रं सूत्रानुगमः सूत्रालापकों को नाम स्थापना आदि निक्षेपों में वह विभक्त करता है। इसी कार्य से यह कृतार्थ हो जाता है। इसके बाद पदार्थ, पदविग्रह आदि जो और काम बचता है, उसे सूत्रस्पर्शक नियुक्त्यनुगम संपादित करता है। तथा-जिनका कथन आगे आनेवाला है-ऐसे जो नैगम आदि सात नय है, इसका भी प्रायः पदार्थ आदि का विचार करना ही विषय है। यही बात अन्यत्र भी कही गई है-होईकयत्यो बोत्तुं, इत्यादि इन गाथाओं का अर्थ पूर्वोक्तरूप से ही है । नैगम आदि नय भी जय पदार्थ आदि को ही विषय करते हैं तब इस दृष्टि से 'वे सूत्रस्पर्शक नियुक्त्यनुगम के ही अन्तर्गत हो जाते हैं' ऐसा जानना નિશ્ચિત કરે છે, એટલે સૂવાલાપને નામ સ્થાપના વગેરે નિક્ષેપમાં તે વિભક્ત કરે છે. આ કાર્યથી જ આ કૃતાર્થ થઈ જાય છે, ત્યારબાદ પદાર્થ, પદ વિગ્રહ વગેરે જે બીજુ કામ બાકી રહે છે તેને સૂપ સ્પર્શક નિત્યના ગમ સંપન્ન કરે છે. તથા જેમનું કથન આગળ થવાનું છે, એવા જે નિગમ વગેરે સાત ન છે, એમને પણ પ્રાયઃ પદાર્થ વગેરે વિષે વિચાર કરે જ छ. मेरा पात अन्यत्र ५४ ४ाम मावी छे. 'होइ कयत्थो वोत्तं इत्यादि । साथ.स:ना अर्थ पूरित ३५vi ४ छे. नाम मा नय ५५५ જ્યારે પદાર્થ વગેરેને જ વિષય કરે છે. ત્યારે આ દૃષ્ટિએ તે સૂત્ર સ્પર્શક નિયફત્યનગમના અંતર્ગત જ થઈ જાય છે આમ જાણી લેવું જોઈએ. For Private And Personal Use Only

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