Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 02
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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अंगकाठीका सूत्र २०३ अनुरकुमार दी नामायुः स्थिति निरूपणम् ३०९ सहस्राणि । अपर्याप्तकवादरवायुकायिकानां जघन्येनापि अन्तर्मुहूर्तम्, उत्कर्षे - णापि अन्तमुहूर्तम् । पर्याप्तकवादरवायुकायिकानां जघन्येन अन्तर्मुहूर्तम् उत्कर्षेण श्रीणि वर्षसहस्राणि अन्तर्मुहूर्तीनानि । वनस्पतिकायिकानां जघन्येन अन्तर्मुहूर्तम्, उत्कर्षेण दशवर्षसहस्राणि । सूक्ष्मवनस्पतिकायिकानाम् औधिकानाम् अपर्याप्तकानां पर्याप्तकानां च त्रयाणामपि जघन्येनापि अन्तर्मुहूर्तम्, उत्कर्षेणापि अन्तर्मुहूर्तम् । तिष्णि वाससहस्साइं ) बादर वायुकायिक जीवों की स्थिति जघन्य से एक अन्तर्मुहूर्त की है और उत्कृष्ट से तीन हजार वर्ष की है । (अपज्जत्तगबादरवा उकाइयाणं जहन्नेण वि अंतोमुहन्तं उक्कोसेण वि अंतमुतं) अपर्याप्त वादरवायुकायिक जीवों की जघन्य और उत्कृष्टस्थिति एक अन्तर्मुहूर्त की है। (पज्जन्सग बादरवायुकाइयाणं जहणणं अंतोन्तं उकोसेणं तिष्णि वाससहस्साई अंतोमुचूणाई) पर्याar वायुकाधिक जीवों की जघन्य से तो स्थिति एक अन्तर्मुहूर्त की है और उत्कृष्ट से अन्तरमुहूर्त्त कम तीन हजार वर्ष की है । ( वणसइकाइयाणं जहणणं अंतो मुद्दत्तं उक्कोसेणं दसवास सहस्ताइ ) वनस्पतिकायिक जीवों की स्थिति जघन्य से एक अन्तर्मुहूर्त्त की है और उत्कृष्ट से दस हजार वर्ष की है । ( सुहमवणस्सइकाइयाणं ओहियाणं अपज्जन्तगाणं पज्जत्तगाणय तिन्ह वि जहणणे वि अंतो मुहतं उक्कों सेण वि अंतो मुहुत्त ) सूक्ष्म वनस्पतिकायिक जीवों की अपर्याप्त वनस्पतिकायिक जीवों की और पर्यातक वनस्पतिकायिक
सहस्साइं) बाहर वायुअयि भवानी स्थिति धन्यथी खेड अन्तर्मुहूर्त्तनी छे भने उत्कृष्टथी त्रयु डेभर वर्ष भेटसी छे (अपज्जत्तगबादरवा उकाइयाणं जहन्नेण वितोमुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं) अपर्यास महरवायुअयि भवानी
धन्य भने उत्कृष्ट स्थिति मे अन्तर्मुहूर्त भेटसी छे. (पज्जन्त्तगबादरवायुकाइयाणं जहणणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोण तिष्णि वाससहस्साई अंतोमुहुतછળ ) પર્યાપ્ત વાયુકાયિક જીવાની જઘન્યથી તે એક અંતર્મુહૂત્ત જેટલી સ્થિતિ છે. અને ઉત્કૃષ્ટથી અન્તર્મુહૂત્ત કમ ત્રણ હજાર વર્ષ જેટલી છે. (वणस्वइकाइयाणं जहणणेणं अतोमुहुत्तं उक्कोसेणं दखवास सहरसाई) वनस्पतिકાયિક જીવાની સ્થિતિ જઘન્યથી એક અન્ત'હૂત્ત જેટલી છે અને ઉત્કૃષ્ટથી हश हर वर्ष भेटली छे. ( मुहुमवणरस इकाइयाण ओहियाण अपज्जन्तगाण पज्जत्तगण य तिण्ड् वि जहणेण वि अंतोमुहुत्तं उकोसेण वि अतोमुद्दत्तं ) सूक्ष्म વનસ્પતિકાયિક જીવેાની અપર્યાપ્તક વનસ્પતિકાયિક જીવાની અને પર્યાપ્તક
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