Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 02
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अनुयोगवन्द्रिका टीका सूत्र २०८ क्षेत्रपल्योपमनिरूपणम्
३५७ क्षेत्रपल्योपमसागरोपमैर्नास्ति किश्चित्प्रयोजनम्, केवलं प्रज्ञापना प्रज्ञाप्यते । तदेतद् व्यापहारिक क्षेत्रपल्योपमम् । अथ किं तत् सूक्ष्मं क्षेत्रपल्योपमम् ? सूक्ष्म क्षेत्रपत्योपमं तद् यथा नामकं पलां स्याद् योजनम् आयामविष्कम्भेण, यावत् परिक्षेपेग । तत् खजु पल्यम् ऐकाह्निकद्वैयहि कत्रैयहिक यावत् भृतं वालाग्रको. सागरोपमों से कौन सा प्रयोजन सिद्ध होता है ? (एएहिं वावहरिएहिं खेत्तपलिओवमसागरोवमेहि नत्थि किंचिप्पभोयणं)
उत्तर--इन व्यावहारिक क्षेत्र पस्योपमों एवं व्यावहारिक क्षेत्र सागरोपमों से कोई प्रयोजन सिद्ध नहीं होता है। (केवलं पण्णवणापण्णविज्जइ) सिर्फ इनसे प्ररूपणा ही होती है। (से तं वावहारिए खेतपलिओवमे) इस प्रकार यह व्यावहारिक क्षेत्र पल्योपम का स्वरूप है। (से किं तं सुहुमे खेत्तपलिओवमे ?) हे भदन्त ! सूक्ष्म क्षेत्र पल्योपम का क्या स्वरूप है ?
उत्तर--(सुहुमे खेत्तपलिओवमे) सूक्ष्म क्षेत्रपल्योपम (से जहा नामए) इस प्रकार से है-जैसे (पल्ले सिया) कोई एक पल्य कुशल-हो। (जोयणं आयामविक्खंभेणं जाव परिक्खेवेणं) वह एक योजन लंबा, १ योजन चौडा और एक योजन गहरा है। उसकी वृत्त-परिधि कुछ अधिक तिगुणी हो। (से गं पल्ले एगाहिय बेयाहिय तियाहिय जाव भरिए बालग्गकोडीण) इस पल्ल में एक दिन दो दिन तीन दिन यावत् पमा तमा सागरापमाथी या प्रयोजनी सिद्धि थाय छ ? (एएहि वायहरिएहि खेतालि ओवमसागरोवमेहि नत्थि कि चिपओयणं)
ઉત્તર-આ વ્યાવહારિક ક્ષેત્રપલોપમો તેમજ વ્યાવહારિક ક્ષેત્ર સાગરો५माथी । ५ तना प्रयासननी सिद्धि यती नथी. (केवलं पण्णवणा पणविज्जइ) मेमनाथी ३४ ५३५९! १४ २१य छे. (से तं वावहारिए खेत्तपलि भोवमे) 24. प्रमाणे मा व्यापार क्षेत्र५८यो पमनु २२३५ छ. (से कि तं वावहारिए सुहुमे खेत्तपलिओवमे') असत! सूक्ष्म क्षेत्र ५८या५मनु २१३५ छ?
उत्तर-(सुहुमे खेतपलिभोवमे) सूक्ष्म क्षेत्र ५६।५म (से जहानामए) मा प्रभारी छ रेम (पल्ले सिया) ७ ५६य-शव-हाय. (जोयणं आयामविक्खंभेणं जाव परिक्खेवेण) ते मे येन aisi, १ योन પહેળે અને એક યોજન ઊંડે હોય તેની વૃત્તપરિધિ કંઈક વધારે ત્રણ गह डाय. (हेणं पल्ले एगाहियबेयाहिय तियाहिय जाव भरिए बालगा. कोडीगं) मा ५६यम ४६१,२ दिवस,
यावत् सात
For Private And Personal Use Only