Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 02
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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अनुयोगचन्द्रिका टीका सूत्र १९५ उत्सेधाङ्गुलप्रमाणनिरूपणम् पूर्वविदेह अपरविदेह के मनुष्यों के आठ यालागों का भरत और ऐरवन क्षेत्र के मनुष्यों का एक बालाग्र होता है। (अट्ठभरहेरवयाणं मणुत्मागं वालग्गा सा एगा लिक्खा) भरत और और ऐरक्त क्षेत्र के मनुष्यों के आठ बालारों की एक लिक्षा होती है । ( अलिक्खाओ सा एगो जूपा) आठ लिक्षाओं की एक यूका होती है। ( अट्ट जूयाओ से एगे जवमझे) आठ यूकाओं का एक यवमध्य होता है । (अट्ठजवमझा से एगे अंगुले) आठ यवमध्यों का एक अंगुल होता है । इस प्रकार
आठ उच्छ्रलश्ण लक्षिणका की एक श्लक्ष्ण लक्षिणका आठ लक्षण. श्लक्षिणका का एक उर्ध्वरेणु, आठ उर्ध्वरेणु का एक त्रसरेणु इस प्रकार से ये सय पूर्व पूर्व की अपेक्षा उत्तरोत्तर अंगुल पर्यन्त आठ २ गुणित होते हैं । ( एएणं अंगुलाणं पमाणं छ अंगुलाई पादो) अंगुलों के इस प्रमाण से छह अंगुलों का एक पाद होता है । (बारस अंगुलाई विहस्थी) १२ अंगुलों की एक वितस्ति होती है । ( चाउथीसं अंगुलाई रयणी) २४ अंगुलों की एक रत्नि होती है। (अडयालीसअंगुलाई कुच्छी) ४८ अंगुलों की एक कुक्षि होती है । (छन्नवह अंगुलाई से एगे दंडेहवा) ९६ वें अंगुलों का एक दण्ड होता है । (धणूडवा जुगेहवो नालियाइ वा अक्खेइ वा मुसलेहवा) एक धनुष होता है, एक युग, एक नालिका एक
रवत अत्रना भासोनु से मात थाय छे. (अटु भरहेरवयाणं मणुस्साणं वालग्गा सा एगा लिक्खा) १२त सने औ२१त क्षेत्रना मा सोना 18 mat. योनी से सिक्षा थाय छे. (अटू लिक्खाओ सा एका जूया) 418 सिक्षायानी 23 यू। (Y) थाय छ (अटू जू शओ से एगे जवभज्जे) 13 साथी मे य१मध्य थाय छे, (अट्ठ जवमझा से एगे अंगुले) 418 यमध्यनो मे અંગુલ થાય છે. આ પ્રમાણે આઠ ઉલક્ષણશ્લફિણકાની એક સ્લણ
લક્ષિણક, આઠ ક્ષણિકાની એક ઉર્વરેણુ, આઠ ઉર્ધ્વરેણની એક ત્રસરેણુ આ પ્રમાણે આ સર્વે પૂર્વ પૂરની અપેક્ષા ઉત્તરોત્તર અંગુવ સુધી આઠ मा शुक्षित थाय छे. (एएणं अंगुलणं पमाणेणं , अंगुलाई पादो) भसीना या प्रमाथी ६ मोना से पा४ थाय छे. (बारस लाई विहत्थी) मार गुनी से वितरित ५.५ छ. (चउबीसं अंगुलाई रयणी) २४ अबेनी से २लि थाय थे. (अडयालीसं अंगुलाई कुच्छी) ४८ असानी से युक्षि थाय छे. (छन्नवइ अंगुलाई से एगे दंडेइवा) ८६ मोना मे थाय छे. (धणूइवा जुगेइवा नालियाइ वा अक्खेइ वा मुसलेइ वा) मे ધનુષ થાય છે, એક યુગ, એક નલિકા, એક અક્ષ અથવા એક મુસલ થાય
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