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विषय-सूची
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विपय
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विषय प्रन्थकारके द्वारा कसायपाहुडकी उत्पत्ति- प्रकृति-स्थानोंका नाना जीवोंकी अपेक्षा __ स्थानका निर्देश
१ भंगविचय निरूपण सायपाइडके उपक्रमका प्रकृति-स्थानोंका अल्पबहुत्व निरूपण
२ भुजाकार, अल्पतर और अवस्थितग्रन्थकार-द्वारा कसायपाहुडके पन्द्रह अधि- विभक्तिके निरूपणकी सूचना ___ कारों में विभक्त गाथाओंका निर्देश ४ भुजाकारादि विभक्तियोंका एक जीवकी अट्ठाईस मूल गाथाओंकी भाष्य अपेक्षा काल-निरूपण गाथाओंका निरूपण
१० प्रकृतिविभक्तिमें पदनिक्षेप और वृद्धिके ग्रन्थकार-द्वारा कसायपाहुडके पन्द्रह
___ अनुमार्गणकी सूचना अधिकारोंका निरूपण
१३ चूर्णिकार-द्वारा अन्य प्रकारसे पन्द्रह स्थिति-विभक्ति ८०-१४६ ___अधिकारोंका वर्णन कसायपाहुडके दूसरे नामका निर्देश १६ ।
स्थितिविभक्तिके उत्तरभेदोंका निरूपण ८० पेज्ज पदकी निक्षेपोंमे योजना और
स्थितिविभक्तिका तेईस अनुयोग-द्वारोनयोंमें विभाजन
__ से निरूपण दोस पदकी निक्षेपोंमें योजना और उत्तरप्रकृति स्थितिविभक्तिका अर्थपद नयोंमें विभाजन
१६ मिथ्यात्व आदि कर्मोंकी उत्कृष्टस्थिति पाहुड शब्दका निक्षेप और उसकी निरुक्ति २८ विभक्ति का निरूपण ग्रन्थकार-द्वारा अनाकार-उपयोग आदि मिथ्यात्व आदि कर्मोंकी जघन्य स्थितिपदोंके कालका निरूपण
विभक्तिका निरूपण नयोंकी अपेक्षा पेज्ज और दोसका मिथ्यात्व आदि कर्मों के उत्कृष्ट और ___ स्वामित्वादि अनुयोगोंसे निरूपण ३४ जघन्य स्वामित्वका निरूपण ६७ प्रकृति-विभक्ति
४५-७६ मिथ्यात्व आदि कर्मोंकी उत्कृष्ट और विभक्ति पदका निक्षेपों की अपेक्षा भेद
जघन्य स्थितिविभक्तिके कालका निरूपण ४५ निरूपण
१०२ कर्म-विभक्तिका ग्रन्थकारके द्वारा मिथ्यात्व आदि कर्मोकी उत्कृष्ट और निरूपण
जघन्य स्थितिविभक्तिके अन्तरका प्रकृतिविभक्ति के उत्तरभेदोंका स्वामित्व
१०४ आदि अनुयोगोंके द्वारा निरूपण ५० नाना जीवोंकी अपेक्षा स्थितिविभक्तिप्रकृति-स्थान-विभक्तिकी स्थान समु
__का भग-विचय
१०६ कीर्तना
५७ नाना जीवोंकी अपेक्षा स्थितिविभक्तिका प्रकृति-स्थानोके स्वामित्वका निरूपण ५८ अन्तर-निरूपण
११० प्रकृति-स्थानोंके कालका " ६१ स्थिति-विभक्तिके सन्निकर्षका निरूपण १११ प्रकृति-स्थानोके अन्तरका " ७० स्थितिविभक्तिका अल्पबहुत्व .१२१
निरूपण