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वडपाराहाहिदोलीतहि जोश्मारिकहिंदरपसंतिदि जार्दिकञ्चश्पडसागरसधाख सुपनि यदिहिधिवश्सविद्यारउ स्तनसारसियजहिसारस कोणपरिहिग्यहिणवसाय सदतिमाल भस्यसारिराजर्दिकलकाऽखलवशणगरिमा परेवयकलियूदेदाध्यकल महिलदेकानही चाडययरु जहिलाविणिणकरूपरपर वानधरिलिडकोजपपरग्रहारस्वरमा सविदा जहिंसममेवसपकाखेताना जदिधमकणसरपणधियज्ञपरि समंतिसचंदपवणसरिदसिंपदा खुन महिसिदिपिजश्नहरसाचा इश सायनामिज हिविता रिद्धिसप्तिहविसहधरित्र चितिमचितिमदितिनथक पुजामुनमेल इंसबजहियलिथलकालावरिमुष्य पण्प एपउमेपेकवधिपश्दवारसणरहिनहिपिज।
मुझमडरतिमिरियचकिमाफलश्रब्धकामिलविनाश किनरमिडदिलयहरिगिजर वलयधरणितनिवदम जहिंपरिदावहतिपयहिन सविस्मजिणजम्मादरिया खणार लहाषाणासरिया बद्धमाणिकमहिपहाणंगयर्पगपुखुरवश्या असिमसियारणेदन । म
वटवृक्ष के तनों पर झूलती हुई और थोड़ा-थोड़ा मुसकाती हुई यक्षणियों के द्वारा जहाँ अत्यन्त हास्य रस को धारण करनेवाला वानर देखा जाता है, और जो विकारपूर्वक अपनी दृष्टि शुक्र पर डालता है, जहाँ सारसी में अनुरक्त कोई सारस सरस आवाज करता हुआ स्थित है। जहाँ तमाल वृक्षों के अन्धकार की लक्ष्मी का शत्रु चन्द्रमा शोभित है, जहाँ कोकिल अत्यन्त सुन्दर आवाज करता है, और जो प्रवर आम्र कलिका में अपनी चोंच (कर) ले जाता है, महिला के प्रति कौन मनुष्य चाटुकार नहीं होता! जहाँ स्त्री दूसरे के पति से रमण नहीं करती, जहाँ धरती में कोई बीज नहीं डालता। जहाँ अठारह प्रकार के धान्यों से विभाजित खेत अपने- आप पक जाते हैं। ___घत्ता-जहाँ धान्य कणों के भार से झुके हुए हैं, पशु स्वच्छन्द विचरण करते हैं, और जंगली भैंसाओं के सींगों के प्रहार से च्युत ईख-रस भैंसों के द्वारा पिया जाता है॥१८॥
जहाँ हाल ही में भोगभूमि समाप्त हुई है और धरती ऋद्धियों से समृद्ध और विशुद्ध है। चिन्तित (वस्तुओं) को देते हुए भी जो नहीं थकती, मानो जो अपने पूर्व अभ्यास को छोड़ने में असमर्थ हैं। जहाँ जमीन पर, गुलाबों के ऊपर सोया जाता है और पग-पग पर कमल की पराग-पंक से लिप्त होना पड़ता है। जहाँ मनुष्यों के द्वारा द्राक्षा रस का पान किया जाता है और कोई अपूर्व फल का भक्षण किया जाता है। जहाँ पृथिवी मण्डल की भूमियाँ मानो राजाओं की आकांक्षाओं के समान हैं, जहाँ लम्बी-लम्बी परिखाएँ बहती हैं जो मानो भावी जिनेन्द्र के जन्म के अवसर पर स्नान को प्रारम्भ करने के लिए अवतरित हुई नाना नदियाँ हों। प्रचुर माणिक्यों की किरणों के प्रभावों से वह नगर ऐसा प्रतीत होता है मानो नाना इन्द्रधनुषों और
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